गाजीपुर में जहूराबाद विधानसभा से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के खिलाफ भाजपा ने कालीचरण राजभर को उम्मीदवार बनाया है। वहीं, बसपा ने पूर्व राज्यमंत्री शादाब फातमा पर दांव लगाया है। कांग्रेस ने भी यहां से ज्ञानप्रकाश सिंह मुन्ना को उम्मीदवार बनाया है।
भाजपा, बसपा और कांग्रेस ने शनिवार को प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करके जहूराबाद सीट पर जारी सस्पेंस को खत्म कर दिया। बसपा ने यहां से बुझारत राजभर को विधानसभा प्रभारी बनाया था लेकिन नामांकन के ऐन पहले शिवपाल यादव की करीबी मानी जाने वाली और प्रदेश की पूर्व महिला कल्याण राज्यमंत्री शादाब फातिमा को उम्मीदवार बना दिया।
बसपा से दो बार विधायक बने हैं कालीचरण भाजपा ने पूर्व विधायक कालीचरण राजभर को टिकट देने की घोषणा की है। कालीचरण जहूराबाद से 2002 और 2007 में बसपा के टिकट पर विधायक चुने जा चुके हैं। उन्होंने 2012 और 2017 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन सफल न हो पाए। वे बसपा छोड़कर सपा में चले गए थे।
ओमप्रकाश राजभर से सपा का गठबंधन हुआ तो उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया। शादाब फातिमा ने जहूराबाद में 2012 के चुनाव में जीत हासिल की थी। इससे पहले 2007 के चुनाव में गाजीपुर सदर सीट विधायक बनी थीं। सपा में विवाद शुरू होने के बाद वह शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) चली गई थीं।
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गाजीपुर में जहूराबाद विधानसभा से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के खिलाफ भाजपा ने कालीचरण राजभर को उम्मीदवार बनाया है। वहीं, बसपा ने पूर्व राज्यमंत्री शादाब फातमा पर दांव लगाया है। कांग्रेस ने भी यहां से ज्ञानप्रकाश सिंह मुन्ना को उम्मीदवार बनाया है।
भाजपा, बसपा और कांग्रेस ने शनिवार को प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करके जहूराबाद सीट पर जारी सस्पेंस को खत्म कर दिया। बसपा ने यहां से बुझारत राजभर को विधानसभा प्रभारी बनाया था लेकिन नामांकन के ऐन पहले शिवपाल यादव की करीबी मानी जाने वाली और प्रदेश की पूर्व महिला कल्याण राज्यमंत्री शादाब फातिमा को उम्मीदवार बना दिया।
बसपा से दो बार विधायक बने हैं कालीचरण
भाजपा ने पूर्व विधायक कालीचरण राजभर को टिकट देने की घोषणा की है। कालीचरण जहूराबाद से 2002 और 2007 में बसपा के टिकट पर विधायक चुने जा चुके हैं। उन्होंने 2012 और 2017 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन सफल न हो पाए। वे बसपा छोड़कर सपा में चले गए थे।