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नयी दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली शराब नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चल रही अपनी जांच के सिलसिले में बुधवार को आप सांसद संजय सिंह से जुड़े कुछ लोगों के परिसरों सहित यहां नए सिरे से तलाशी ली। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ने कहा कि उनके दो सहयोगियों- अजीत त्यागी और सर्वेश मिश्रा पर भी संघीय एजेंसी द्वारा छापा मारा जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत की जा रही छापेमारी के तहत करीब आधा दर्जन इकाइयों को कवर किया जा रहा है।
मामले में शामिल कुछ आरोपियों से पूछताछ के दौरान कुछ नए इनपुट मिलने के बाद कार्रवाई की गई। सूत्रों ने कहा कि जिन लोगों की तलाश की जा रही है उनमें से कुछ सिंह से जुड़े हुए हैं।
राज्यसभा सांसद ने कुछ समय पहले केंद्रीय वित्त सचिव को पत्र लिखकर ईडी के निदेशक और शराब नीति मामले के एक सहायक निदेशक और जांच अधिकारी के खिलाफ इस जांच के संबंध में उनके खिलाफ कथित रूप से ‘झूठे और अपमानजनक दावे’ करने के लिए मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।
ईडी के सूत्रों ने तब कहा था कि एजेंसी ने 20 अप्रैल को अदालत में एक आवेदन दायर किया था, जिसमें चार्जशीट में संजय सिंह के नाम से संबंधित एक ‘टाइपोग्राफिकल/ लिपिकीय’ त्रुटि को ठीक करने की मांग की गई थी।
एजेंसी के सूत्रों ने कहा था कि चार्जशीट में सिंह का नाम चार बार आया है, जिसमें से एक संदर्भ गलत था क्योंकि उनका नाम राहुल सिंह के स्थान पर ‘अनजाने में’ टाइप किया गया था।
ईडी और सीबीआई द्वारा यह आरोप लगाया गया है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति ने कार्टेलाइजेशन की अनुमति दी और कुछ डीलरों का पक्ष लिया, जिन्होंने इसके लिए कथित रूप से रिश्वत दी थी, इस आरोप का आप ने जोरदार खंडन किया था।
नीति को बाद में रद्द कर दिया गया और दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर ने सीबीआई जांच की सिफारिश की, जिसके बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया।
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