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सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : Amar Ujala
विस्तार
आगरा के थाना सिकंदरा में 52 लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। पीड़ित को व्यवसाय में साझीदार बनाकर रकम ली गई थी। आरोप है कि हिसाब किताब मांगने पर फर्म के मैनेजिंग डायरेक्टर ने धमकी दी। पुलिस का कहना है कि साक्ष्य संकलन किया जा रहा है। विवेचना की जा रही है।
स्वप्न सरोवर काॅलोनी निवासी सत्यपाल सिंह राना ने पुलिस आयुक्त से शिकायत की थी। इसमें कहा कि वर्ष 2015 से इटावा के गांधीनगर निवासी जगत नरायन माथुर से उनका परिचय था। इस समय जगत लखनऊ में रह रहे हैं। उन्होंने पश्चिम पुरी के रहने वाले रविंद्र से परिचय कराया। उन्होंने खुद को ब्रेन पावर एचआर मैनेजमेंट कंपनी का मैनेजिंग डायरेक्टर बताया। उन्होंने वर्ष 2018 में अपनी कंपनी में बराबर का साझीदार बनाने का प्रस्ताव दिया।
उन्होंने कहा कि पांच वर्ष के लिए प्रधानमंत्री जन औषधि का ठेका मिला है। फर्म में उप मैनेजिंग डायरेक्टर बनाने का प्रस्ताव रखा। रुपये लगाने पर अच्छे मुनाफे का आश्वासन दिया। सत्यपाल ने रविंद्र की बातों पर विश्वास कर लिया। 31 अक्तूबर 2018 से लेकर 31 मई 2019 तक 52 लाख रुपये दे दिए।
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आरोप है कि रविंद्र ने छह महीने में एग्रीमेंट कराने का आश्वासन दिया। लेकिन, ऐसा नहीं किया। 52 लाख रुपये का कोई हिसाब किताब नहीं दिया। बाद में उन्हें कुछ कागजात दिए, जो कि फर्जी थे। इस बारे में पता चलने पर विरोध किया। आरोपी ने जान से मारने की धमकी दी। पीडि़त की शिकायत पर पुलिस ने जांच की। मामले में सोमवार को थाना सिकंदरा में मुकदमा दर्ज किया गया। थाना सिकंदरा के प्रभारी निरीक्षक आनंद कुमार शाही का कहना है कि धोखाधड़ी, कूटरचना, अमानत में खयानत, जान से मारने की धमकी की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है। विवेचना कर कार्रवाई की जाएगी।
जेवर बेचकर और उधार लेकर दी रकम
पीड़ित सत्यपाल सिंह राना ने पुलिस को बताया कि उन पर रकम नहीं थी। व्यवसाय से मुनाफे का सोचकर आरोपी को दी थी। इसके लिए अपने पुश्तैनी जेवरात को बेच दिया। कुछ लोगों से रकम उधार भी ली। मुनाफा नहीं होने पर लोगों ने रकम मांगना शुरू कर दी। इससे परेशानी का सामना करना पड़ा।
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