नरेंद्र गिरि मौत मामला : स्वामी अमर गिरि को जान का खतरा, बड़े महाराज जैसा हाल होने का डर

0
17

[ad_1]

ख़बर सुनें

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत की एफआईआर वापस लेने के लिए हलफनामा दाखिल करने के बाद स्वामी अमर गिरि ने अपनी जान को खतरा बताया है। उनकी मानें तो उन पर न सिर्फ दबाव डाला जा रहा है, बल्कि धमकियां भी मिल रही हैं। लेटे हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक की जिम्मेदारी छीने जाने के बाद शनिवार को उन्होंने कहा कि अगर सुरक्षा नहीं मिली तो उनका भी हाल बड़े महाराज (महंत नरेंद्र गिरि) जैसा ही हो सकता है।

हाईकोर्ट के समक्ष केस वापस लेने का हलफनामा दाखिल करने के बाद स्वामी अमर गिरि की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। वह डरे हुए हैं कि कहीं उनके साथ भी कोई अनहोनी न हो जाए। बड़े हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक के पद से हटाए जाने के बाद उनकी चौबीस घंटे निगरानी बढ़ा दी गई है। उनकी जगह अब बड़े हनुमान मंदिर की व्यवस्था दीपक पुजारी को सौंपी गई है। दीपक पुजारी ही अब लेटे हनुमान मंदिर में दान और चढ़ावे की रसीदों का हिसाब-किताब रख रहे हैं। साथ ही मंदिर के राग, भोग, पूजा, आरती, शृंगार और अभिषेक के सामान की व्यवस्था भी दीपक पुजारी ही कर रहे हैं। 

नई व्यवस्था महंत बलवीर गिरि की देखरेख में हो रही है। दान पेटी का भी हिसाब सीधे बाघंबरी मठ में नई व्यवस्था के तहत जमा कराया जा रहा है। नए व्यवस्थापक के तौर पर दीपक पुजारी ही रजिस्टर पर दानियों की रसीदें चढ़ा रहे हैं। इसकी पुष्टि स्वामी अमर गिरि ने की। शनिवार को अमर गिरि ने अमर उजाला से बातचीत में अपनी मुश्किलों को एक-एक कर गिनाया। 

उन्होंने बताया कि चौबीस घंटे उनको कैमरे की निगरानी में रखा गया है। कहीं भी आने-जाने की छूट तक नहीं है। स्वामी अमर गिरि ने बताया कि उनकी जान को खतरा पैदा हो गया है। उनको डर सता रहा है कि कहीं बड़े महाराज यानी उनके गुरु महंत नरेंद्र गिरि जैसा उनका भी न हाल हो जाए।

यह भी पढ़ें -  Lucknow: इलेक्ट्रिक बसों में सस्ते सफर की सुविधा खत्म, आज से साधारण व इलेक्ट्रिक बसों का किराया अलग-अलग

बड़े महाराज ने मुझे दी थी व्यवस्थापक की जिम्मेदारी: अमर गिरि
स्वामी अमर गिरि की मानें तो बड़े हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक पद पर उनकी नियुक्ति बड़े महाराज अपने जीते जी की थी। उनके सुसाइड नोट में भी मंदिर के व्यवस्थापक की जिम्मेदारी उन्हीं को यानी अमर गिरि को ही दिए जाने की बात लिखी गई है। अमर गिरि का कहना है कि ऐसे में लेटे हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक पद से उनको हटाया ही नहीं जा सकता। दबाव बनाने के लिए जो प्रयाय किए जा रहे हैं, वह गलत हैं। 

विस्तार

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत की एफआईआर वापस लेने के लिए हलफनामा दाखिल करने के बाद स्वामी अमर गिरि ने अपनी जान को खतरा बताया है। उनकी मानें तो उन पर न सिर्फ दबाव डाला जा रहा है, बल्कि धमकियां भी मिल रही हैं। लेटे हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक की जिम्मेदारी छीने जाने के बाद शनिवार को उन्होंने कहा कि अगर सुरक्षा नहीं मिली तो उनका भी हाल बड़े महाराज (महंत नरेंद्र गिरि) जैसा ही हो सकता है।

हाईकोर्ट के समक्ष केस वापस लेने का हलफनामा दाखिल करने के बाद स्वामी अमर गिरि की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। वह डरे हुए हैं कि कहीं उनके साथ भी कोई अनहोनी न हो जाए। बड़े हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक के पद से हटाए जाने के बाद उनकी चौबीस घंटे निगरानी बढ़ा दी गई है। उनकी जगह अब बड़े हनुमान मंदिर की व्यवस्था दीपक पुजारी को सौंपी गई है। दीपक पुजारी ही अब लेटे हनुमान मंदिर में दान और चढ़ावे की रसीदों का हिसाब-किताब रख रहे हैं। साथ ही मंदिर के राग, भोग, पूजा, आरती, शृंगार और अभिषेक के सामान की व्यवस्था भी दीपक पुजारी ही कर रहे हैं। 

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here