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नयी दिल्ली:
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से आज दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय कार्यालय ने कथित जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नौ घंटे तक पूछताछ की।
ईडी कार्यालय से बाहर निकलते हुए यादव ने कहा, “मैं शुरू से कह रहा हूं कि यह सब 2024 के चुनाव के लिए है। अगर मैंने कुछ गलत नहीं किया है, तो वे मुझसे क्या सवाल कर सकते हैं?”
दिल्ली: बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ईडी ऑफिस से निकले
वह कथित जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में पूछताछ के लिए एजेंसी के सामने पेश हुए। pic.twitter.com/fiVEJcQCmx
– एएनआई (@एएनआई) अप्रैल 11, 2023
राजद प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बेटे 33 वर्षीय तेजस्वी यादव सुबह करीब 10:45 बजे मध्य दिल्ली में संघीय जांच एजेंसी के कार्यालय पहुंचे। इस मामले में सीबीआई ने पिछले महीने उनसे पूछताछ की थी।
ईडी ने होली के तुरंत बाद उनके दिल्ली आवास पर छापे मारे थे और दावा किया था कि 24 स्थानों पर तलाशी लेने पर बड़ी मात्रा में बेहिसाब नकदी और अन्य कीमती सामान बरामद हुआ है।
श्री यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि एजेंसी को उनकी खोजों में “शून्य” मिला, और उन्हें जब्ती सूची को सार्वजनिक करने की चुनौती दी। उन्होंने “अफवाहें फैलाने” और “खबरें बोने” के लिए भाजपा सरकार की भी आलोचना की।
श्री यादव और उनके परिवार के सदस्यों पर उनके पिता राजद संरक्षक लालू प्रसाद यादव के 2004 से 2009 तक केंद्रीय रेल मंत्री के कार्यकाल के दौरान नौकरियों के बदले जमीन सस्ते में खरीदने का आरोप है।
प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान उनके परिवार द्वारा कथित रूप से नौकरी के बदले अधिग्रहीत भूमि का वर्तमान बाजार मूल्य लगभग 200 करोड़ रुपये है।
इसके अतिरिक्त, सीबीआई, जो मामले में आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, जालसाजी और भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रही है, ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया है कि रेलवे में नियमों के उल्लंघन में “अनियमित नियुक्तियां” की गईं।
श्री यादव और उनके राजद के नेताओं और यहां तक कि उनके सहयोगी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी ईडी के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए खारिज कर दिया है।
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