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उन्नाव। आठ साल पहले रुपयों के विवाद में पीट-पीटकर पड़ोसी युवक की हत्या करने वाले चार लोगों को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोषियों में तीन सगे भाई और एक उनका साथी है। सभी पर अर्थदंड भी लगाया है।
आसीवन थानाक्षेत्र के कस्बा रसूलाबाद के बेगम नगर निवासी नफीस ने पड़ोस के शास्त्रीनगर निवासी शमशुद्दीन की बहन नसरीन का एक दिन के लिए लोडर चलाया था। इसकी मजदूरी लेने जब वह नसरीन के पास गया था तो विवाद हो गया। जानकारी होने पर नफीस के भाई तौफीक, शकील व अन्य लोग नसरीन के घर शिकायत करने गए थे।
इसके बाद नसरीन व उसके भाई शमशुद्दीन आदि रंजिश मानने लगे। 12 जुलाई 2013 की दोपहर चालक नफीस के दोनों भाई तौफीक व शकील एक दुकान पर बैठे थे, तभी पड़ोसी शमशुद्दीन, उसका भाई मोइनुद्दीन, सफीउद्दीन, भैय्यन व उनका साथी जीशान लाठी डंडा व सरिया लेकर पहुंचे और दोनों पर हमला कर घायल कर दिया था।
अस्पताल ले जाते वक्तं शकील की मौत हो गई। भाई तौफीक ने मामले में आसीवन थाने में आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मुकदमा अपर जिला जज प्रथम की कोर्ट में विचाराधीन था। शुक्रवार को मामले की अंतिम सुनवाई हुई।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता विनय शंकर दीक्षित व अधिवक्ता मनोज सिंह चंदेल की दलीलों, गवाहों और सबूतों के आधार पर न्यायाधीश एहसान उल्लाह खान ने चारों आरोपियों को दोषी पाया। न्यायाधीश ने सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 26- 26 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया।
उन्नाव। आठ साल पहले रुपयों के विवाद में पीट-पीटकर पड़ोसी युवक की हत्या करने वाले चार लोगों को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोषियों में तीन सगे भाई और एक उनका साथी है। सभी पर अर्थदंड भी लगाया है।
आसीवन थानाक्षेत्र के कस्बा रसूलाबाद के बेगम नगर निवासी नफीस ने पड़ोस के शास्त्रीनगर निवासी शमशुद्दीन की बहन नसरीन का एक दिन के लिए लोडर चलाया था। इसकी मजदूरी लेने जब वह नसरीन के पास गया था तो विवाद हो गया। जानकारी होने पर नफीस के भाई तौफीक, शकील व अन्य लोग नसरीन के घर शिकायत करने गए थे।
इसके बाद नसरीन व उसके भाई शमशुद्दीन आदि रंजिश मानने लगे। 12 जुलाई 2013 की दोपहर चालक नफीस के दोनों भाई तौफीक व शकील एक दुकान पर बैठे थे, तभी पड़ोसी शमशुद्दीन, उसका भाई मोइनुद्दीन, सफीउद्दीन, भैय्यन व उनका साथी जीशान लाठी डंडा व सरिया लेकर पहुंचे और दोनों पर हमला कर घायल कर दिया था।
अस्पताल ले जाते वक्तं शकील की मौत हो गई। भाई तौफीक ने मामले में आसीवन थाने में आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मुकदमा अपर जिला जज प्रथम की कोर्ट में विचाराधीन था। शुक्रवार को मामले की अंतिम सुनवाई हुई।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता विनय शंकर दीक्षित व अधिवक्ता मनोज सिंह चंदेल की दलीलों, गवाहों और सबूतों के आधार पर न्यायाधीश एहसान उल्लाह खान ने चारों आरोपियों को दोषी पाया। न्यायाधीश ने सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 26- 26 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया।
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