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बीघापुर। नगर पंचायत में वार्ड-10 के परसीमन में ककराहिनखेड़ा को शामिल करने के बाद वहां की आबादी को अलग-अलग वार्डों में शामिल कर दिया गया। इसके अलावा वार्ड तिलक नगर का नाम बदल दिया गया। इससे आक्रोशित लोगों ने नगर पंचायत कार्यालय पर ईओ के विरुद्ध नारेबाजी की। लोगों ने पुन: परसीमन कराने और वार्ड का नाम न बदलने की मांग की।
बुधवार की दोपहर 50 से अधिक महिला-पुरुष नगर पंचायत कार्यालय पहुंचे और ईओ के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। गिरीश कुमार, रोहित कुमार, चन्नी, राकेश, कमलेश, अमरनाथ, महादेव, सीताराम पासवान ने बताया कि परसीमन में नगर पंचायत का सीमा विस्तार किया गया है, जिसमें ककराहिनखेड़ा को जोड़ा गया है। आरोप लगाया कि जिम्मेदारों ने गलत परसीमन किया।
ककराहिनखेड़ा में करीब 50-60 घर हैं। इनको अलग-अलग वार्डों में जोड़ा है। इनका कहना है कि सभी को एक ही वार्ड में रखा जाए। इसके अलावा तिलक नगर वार्ड का नाम बदलने से भी लोगों में आक्रोश है। तिलक नगर की सभासद चुन्नी देवी ने कहा कि ईओ ने तिलक नगर का नाम बदलकर शांति नगर कर दिया है।
आरोप लगाया कि बिना बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित किए ईओ द्वारा की गई कार्रवाई औचित्यहीन है। संदोही नगर के सदस्य अजय पटेल व पटेल नगर के सदस्य अनिरुद्ध कुमार ने कहा कि बिना बोर्ड की सहमति से मनमानी तरीके से महापुरुष के नाम पर बने तिलक नगर के नाम को हटाना गलत है। बोर्ड के नामित सदस्य महेंद्र चौधरी, अमित पटेल ने भी ईओ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।
नगर पंचायत अध्यक्ष गोविंद नारायण शुक्ल ने कहा कि जिस तरीके से बिना बोर्ड को विश्वास में लिए ईओ द्वारा कार्रवाई की गई है, उससे लोगों में आक्रोश है। प्रमुख सचिव, जिलाधिकारी व अपर जिलाधिकारी को पत्र भेजकर पुन: परसीमन कराने और वार्ड का तिलक नगर ही करने की मांग की गई।
लोगों की दर्ज कराई गईं आपत्तियां उच्चाधिकारियों को भेजी जा चुकी हैं। इस तरह से नगर पंचायत कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करना राजनीति से प्रेरित है। यह धारा 144 का खुला उल्लंघन है। -राजेश दुबे, अधिशासी अधिकारी बीघापुर।
बीघापुर। नगर पंचायत में वार्ड-10 के परसीमन में ककराहिनखेड़ा को शामिल करने के बाद वहां की आबादी को अलग-अलग वार्डों में शामिल कर दिया गया। इसके अलावा वार्ड तिलक नगर का नाम बदल दिया गया। इससे आक्रोशित लोगों ने नगर पंचायत कार्यालय पर ईओ के विरुद्ध नारेबाजी की। लोगों ने पुन: परसीमन कराने और वार्ड का नाम न बदलने की मांग की।
बुधवार की दोपहर 50 से अधिक महिला-पुरुष नगर पंचायत कार्यालय पहुंचे और ईओ के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। गिरीश कुमार, रोहित कुमार, चन्नी, राकेश, कमलेश, अमरनाथ, महादेव, सीताराम पासवान ने बताया कि परसीमन में नगर पंचायत का सीमा विस्तार किया गया है, जिसमें ककराहिनखेड़ा को जोड़ा गया है। आरोप लगाया कि जिम्मेदारों ने गलत परसीमन किया।
ककराहिनखेड़ा में करीब 50-60 घर हैं। इनको अलग-अलग वार्डों में जोड़ा है। इनका कहना है कि सभी को एक ही वार्ड में रखा जाए। इसके अलावा तिलक नगर वार्ड का नाम बदलने से भी लोगों में आक्रोश है। तिलक नगर की सभासद चुन्नी देवी ने कहा कि ईओ ने तिलक नगर का नाम बदलकर शांति नगर कर दिया है।
आरोप लगाया कि बिना बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित किए ईओ द्वारा की गई कार्रवाई औचित्यहीन है। संदोही नगर के सदस्य अजय पटेल व पटेल नगर के सदस्य अनिरुद्ध कुमार ने कहा कि बिना बोर्ड की सहमति से मनमानी तरीके से महापुरुष के नाम पर बने तिलक नगर के नाम को हटाना गलत है। बोर्ड के नामित सदस्य महेंद्र चौधरी, अमित पटेल ने भी ईओ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।
नगर पंचायत अध्यक्ष गोविंद नारायण शुक्ल ने कहा कि जिस तरीके से बिना बोर्ड को विश्वास में लिए ईओ द्वारा कार्रवाई की गई है, उससे लोगों में आक्रोश है। प्रमुख सचिव, जिलाधिकारी व अपर जिलाधिकारी को पत्र भेजकर पुन: परसीमन कराने और वार्ड का तिलक नगर ही करने की मांग की गई।
लोगों की दर्ज कराई गईं आपत्तियां उच्चाधिकारियों को भेजी जा चुकी हैं। इस तरह से नगर पंचायत कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करना राजनीति से प्रेरित है। यह धारा 144 का खुला उल्लंघन है। -राजेश दुबे, अधिशासी अधिकारी बीघापुर।
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