पांच घंटे की बारिश, चौबीस घंटे बाद भी मुसीबत

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उन्नाव। मानसून की पहली बारिश शहर वासियों के लिए 24 घंटे बाद भी मुसीबत बनी रही। निचले क्षेत्रों में शुमार होने वाले 10 वार्डों में जलभराव 24 घंटे बाद भी बरकरार रहा। हालांकि नगर पालिका ने जेसीबी और सफाई कर्मियों को लगाकर जलनिकासी दुरुस्त करने की कवायद की, लेकिन बारिश से पूर्व के अधूरे प्रबंध आने वाली मुसीबतों की बाढ़ की ओर इशारा कर रहे हैं।
मानसून से पहले शहर में जलभराव रोकने के इंतजाम में नगर पालिका प्रशासन फेल साबित हुआ। समय से नालों की सफाई शुरू नहीं हो पाई और जब शुरू हुई तो कछुआ चाल से होने से समय काम समय से नहीं हो पाया। गुरुवार को हुई मानसून की पहली बारिश ने सफाई व्यवस्था की परतें उधेड़ दीं। इसका असर यह रहा कि शुक्रवार को बिना बारिश के ही जलभराव मुसीबत बना रहा। लोगों का घर से आवागमन मुश्किलों से भरा रहा। लोग ईंटें और पटरे रखकर किसी तरह आते-जाते रहे।
सफाई निरीक्षक रश्मि पुष्कर ने बताया कि निचले क्षेत्रों वाले मोहल्लों एबी नगर, पूरननगर, कवटा तालाब बस्ती, प्रयाग नारायण खेड़ा में कई स्थानों पर पंपसेट लगाकर शुक्रवार को पानी निकाला गया है।
बुधवारी मोहल्ले के बदतर हालात
बुधवारी मोहल्ले में हालात बेहद खराब हैं। गलियों में गंदा पानी और पूरा मोहल्ला गंदगी से पटा है। दुर्गंध ने लोगों को परेशान कर दिया। इससे संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ रहा है। मोहल्ला नरेंद्र नगर में हर तरफ कीचड़ और गंदगी है और पहली बारिश में लोग मुसीबतों की बाढ़ में घिर गए हैं। स्टेशन रोड, एबी नगर, बाबूगंज, पीडी नगर, इंदिरा नगर, तालिब सरांय, कब्बाख़ेड़ा, दरियाई खेड़ा में नालों की सफाई अब तक न होने से करीब 80 हजार आबादी जलभराव की समस्या झेल रही है।
ये नाले साफ नहीं हो पाए
पालिका ने नाला सफाई का दावा किया और 76 में केवल 54 नाले ही साफ हो सके हैं। हैरानी की बात यह है कि किसी भी नाले की तली झाड़ सफाई नहीं हुई। आने वाले दिनों में हालात और बदतर होंगे। कब्बाखेड़ा, तालिबसराय, किला, कॉलेज रोड, पूरन नगर, शेखवाड़ा, अनवार नगर, पत्थर कालोनी, कल्याणी, शाहगंज, जेरधुस, शेखपुर नहर, अकरमपुर, एबी नगर में नाले साफ नहीं हो पाए हैं।
वर्जन…
पालिका के पास संसाधनों की कमी है। सभी नालों की सफाई में दो महीने लगते हैं। इस बार तीन की जगह एक जेसीबी, एक छोटी पोकलैंड और 20-25 श्रमिकों को ही लगाया जा सका, जबकि पूर्व के वर्षों में चार जेसीबी, दो बड़ी जेसीबी, तीन मिनी पोकलैंड और 75 से 80 श्रमिकों से लगातार दो महीने काम कर नालों की सफाई की जाती थी। सीमित बजट में जितना संभव है, कराया जा रहा है। -ऊषा कटियार, नगर पालिका अध्यक्ष।
जलभराव वाले क्षेत्रों का निरीक्षण किया है। शहर के 10 से अधिक वार्ड निचले स्थान पर हैं। इससे वहां जलभराव की समस्या सर्वाधिक है। नालों की सफाई तो हुई है, लेकिन पहली तेज बारिश से कूड़ा भर जाने से पुलियों के नीचे और संकरे स्थानों पर जलनिकासी रुक गई है। कुछ स्थानों पर अमृत योजना की खोदाई से स्थिति बिगड़ी है। सुधार कराया जा रहा है। -ओमप्रकाश, ईओ, नगर पालिका परिषद।

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उन्नाव। मानसून की पहली बारिश शहर वासियों के लिए 24 घंटे बाद भी मुसीबत बनी रही। निचले क्षेत्रों में शुमार होने वाले 10 वार्डों में जलभराव 24 घंटे बाद भी बरकरार रहा। हालांकि नगर पालिका ने जेसीबी और सफाई कर्मियों को लगाकर जलनिकासी दुरुस्त करने की कवायद की, लेकिन बारिश से पूर्व के अधूरे प्रबंध आने वाली मुसीबतों की बाढ़ की ओर इशारा कर रहे हैं।

मानसून से पहले शहर में जलभराव रोकने के इंतजाम में नगर पालिका प्रशासन फेल साबित हुआ। समय से नालों की सफाई शुरू नहीं हो पाई और जब शुरू हुई तो कछुआ चाल से होने से समय काम समय से नहीं हो पाया। गुरुवार को हुई मानसून की पहली बारिश ने सफाई व्यवस्था की परतें उधेड़ दीं। इसका असर यह रहा कि शुक्रवार को बिना बारिश के ही जलभराव मुसीबत बना रहा। लोगों का घर से आवागमन मुश्किलों से भरा रहा। लोग ईंटें और पटरे रखकर किसी तरह आते-जाते रहे।

सफाई निरीक्षक रश्मि पुष्कर ने बताया कि निचले क्षेत्रों वाले मोहल्लों एबी नगर, पूरननगर, कवटा तालाब बस्ती, प्रयाग नारायण खेड़ा में कई स्थानों पर पंपसेट लगाकर शुक्रवार को पानी निकाला गया है।

बुधवारी मोहल्ले के बदतर हालात

बुधवारी मोहल्ले में हालात बेहद खराब हैं। गलियों में गंदा पानी और पूरा मोहल्ला गंदगी से पटा है। दुर्गंध ने लोगों को परेशान कर दिया। इससे संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ रहा है। मोहल्ला नरेंद्र नगर में हर तरफ कीचड़ और गंदगी है और पहली बारिश में लोग मुसीबतों की बाढ़ में घिर गए हैं। स्टेशन रोड, एबी नगर, बाबूगंज, पीडी नगर, इंदिरा नगर, तालिब सरांय, कब्बाख़ेड़ा, दरियाई खेड़ा में नालों की सफाई अब तक न होने से करीब 80 हजार आबादी जलभराव की समस्या झेल रही है।

ये नाले साफ नहीं हो पाए

पालिका ने नाला सफाई का दावा किया और 76 में केवल 54 नाले ही साफ हो सके हैं। हैरानी की बात यह है कि किसी भी नाले की तली झाड़ सफाई नहीं हुई। आने वाले दिनों में हालात और बदतर होंगे। कब्बाखेड़ा, तालिबसराय, किला, कॉलेज रोड, पूरन नगर, शेखवाड़ा, अनवार नगर, पत्थर कालोनी, कल्याणी, शाहगंज, जेरधुस, शेखपुर नहर, अकरमपुर, एबी नगर में नाले साफ नहीं हो पाए हैं।

वर्जन…

पालिका के पास संसाधनों की कमी है। सभी नालों की सफाई में दो महीने लगते हैं। इस बार तीन की जगह एक जेसीबी, एक छोटी पोकलैंड और 20-25 श्रमिकों को ही लगाया जा सका, जबकि पूर्व के वर्षों में चार जेसीबी, दो बड़ी जेसीबी, तीन मिनी पोकलैंड और 75 से 80 श्रमिकों से लगातार दो महीने काम कर नालों की सफाई की जाती थी। सीमित बजट में जितना संभव है, कराया जा रहा है। -ऊषा कटियार, नगर पालिका अध्यक्ष।

जलभराव वाले क्षेत्रों का निरीक्षण किया है। शहर के 10 से अधिक वार्ड निचले स्थान पर हैं। इससे वहां जलभराव की समस्या सर्वाधिक है। नालों की सफाई तो हुई है, लेकिन पहली तेज बारिश से कूड़ा भर जाने से पुलियों के नीचे और संकरे स्थानों पर जलनिकासी रुक गई है। कुछ स्थानों पर अमृत योजना की खोदाई से स्थिति बिगड़ी है। सुधार कराया जा रहा है। -ओमप्रकाश, ईओ, नगर पालिका परिषद।

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