प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को काशीवासियों को 1780 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों शिलान्यास हुई देश की पहली अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे परियोजना बाबा विश्वनाथ को समर्पित होगी। रोपवे की ट्रॉलियों पर श्री काशी विश्वनाथ धाम का मॉडल उकेरा जाएगा। इसके साथ ही इस पब्लिक ट्रांसपोर्ट में काशी के धर्म, कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। रोपवे प्रोजेक्ट दो वर्ष में पूरा हो जाएगा। रोपवे के जरिये कैंट स्टेशन से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर और दशाश्वमेध घाट जाना आसान हो जाएगा। यह परियोजना 644.49 करोड़ रुपये की है।
इसका निर्माण स्विट्जरलैंड आधारित कंपनी बर्थोलेट, विश्व समुद्र और नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) करेगी। पीएम मोदी ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में मंच के पीछे रोपवे के मॉडल का निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने उन्हें मॉडल की बारिकियों के बारे में बताया।
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देश का पहला और दुनिया का तीसरा शहर बनारस होगा जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोपवे का इस्तेमाल होगा। जमीन से 50 मीटर की ऊंचाई पर ट्रॉली होगी। एक ट्रॉली में 10 यात्री सवार हो सकते हैं। एक घंटे में दोनों छोर से 6000 यात्री कर यात्रा सकेंगे।
वाराणसी कैंट स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक पांच स्टेशन कैंट रेलवे स्टेशन, काशी विद्यापीठ, रथयात्रा, गिरजाघर और गोदौलिया चौराहे को स्टेशन के लिए चिह्नित किया गया है। रोपवे की दूरी 3.8 किलोमीटर है। करीब 16 मिनट में कैंट से गोदौलिया तक की दूरी तय की जा सकेगी।
जमीन से लगभग 50 मीटर की ऊंचाई से रोपवे में 150 ट्रॉली कार चलेंगी। एक ट्रॉली कार में 10 पैसेंजर सवार हो सकेंगे। हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल में यात्रियों के लिए ट्रॉली उपलब्ध रहेगी। रोपवे का संचालन रोजाना 16 घंटे होगा।
पीएम मोदी की जनसभा से पहले मंच पर रोपवे से से जुड़ी डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई। बताया गया कि 3.5 किमी रोपवे में 153 गंडोला (ट्रॉली) होंगे। एक गंडोले में 10 यात्री बैठ सकेंगे। पर्यटकों को जाम से नहीं जूझना पड़ेगा। आने वाले दिनों में यह काशी के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।