पुलिस अभिरक्षा में मौत का मामला : हाईकोर्ट में एसएसपी गोरखपुर और इंस्पेक्टर क्राइम ब्रांच पेश

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इलाहाबाद हाईकोर्ट

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– फोटो : अमर उजाला

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गोरखपुर के पिपराइच थाना पुलिस की अभिरक्षा में मौत मामले में एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर व इंस्पेक्टर क्राइम ब्रांच विनोद अग्निहोत्री कोर्ट में हाजिर हुए। दोनों अधिकारियों ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि प्रमोद कुमार उर्फ सोनू की अभिरक्षा में मौत मामले की न्यायिक जांच चल रही है। पुलिस के अनुरोध पर जिला जज ने एसीजेएम की न्यायिक जांच शुरू की है। इसके अलावा एसपी ने एसएचओ पिपराइच थाने के एसएचओ के खिलाफ विभागीय जांच अलग से शुरू की गई है। दोषी पाये जाने पर दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी।

कोर्ट ने जानना चाहा कि अन्य जवाबदेह अधिकरियों को निलंबित क्यों नहीं किया गया। इसका जवाब नहीं मिल सका। कोर्ट ने दोनों अधिकारियों की हाजिरी माफ करते हुए न्यायिक जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने याची की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है। यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने विक्रम सिंह की जमानत अर्जी पर दिया है। कोर्ट ने कहा था कि नौ अगस्त 22 को मृतक के भाई की दर्ज एफआईआर में याची व गांव वालों पर चोरी के आरोप में उसके भाई को छह अगस्त को पीटने का आरोप लगाया गया है। 

जिससे उसकी मौत होने की बात की गई है। दूसरी तरफ याची का कहना है कि सात अगस्त 22 को रिमांड मजिस्ट्रेट के समक्ष पेशी के समय मृतक के शरीर पर चोट नहीं थी तो छह अगस्त 22 को गांव वालों के पीटने से उसे कैसे चोटे आईं। यह विरोधाभास कैसे हैं।मामले में याची ने पिपराइच थाने में एक एफ आई आर धारा 457, 380 भारतीय दंड संहिता के तहत दर्ज कराई। विवेचना के दौरान छह अगस्त 22 को पुलिस ने प्रमोद को गिरफ्तार किया। सात अगस्त को रिमांड मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर सात अगस्त से 20 अगस्त की रिमांड ली।

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उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल नहीं भेजा गया। पुलिस अभिरक्षा में रखा गया। आठ अगस्त 22 को उसकी मौत हो गई। पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में उसकी शरीर पर 10 चोटें पाईं र्गइं। इन्हीं चोटों के कारण मौत बताया गया है। पुलिस अभिरक्षा में मौत के बाद मृतक के भाई ने याची व गांव वालों के खिलाफ पिटाई करने से मौत का आरोप लगाया है। जिससे विरोधाभास की स्थिति स्पष्ट करने के लिए एसएसपी व विवेचना अधिकारी को हाजिर होने का निर्देश दिया गया है।

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गोरखपुर के पिपराइच थाना पुलिस की अभिरक्षा में मौत मामले में एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर व इंस्पेक्टर क्राइम ब्रांच विनोद अग्निहोत्री कोर्ट में हाजिर हुए। दोनों अधिकारियों ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि प्रमोद कुमार उर्फ सोनू की अभिरक्षा में मौत मामले की न्यायिक जांच चल रही है। पुलिस के अनुरोध पर जिला जज ने एसीजेएम की न्यायिक जांच शुरू की है। इसके अलावा एसपी ने एसएचओ पिपराइच थाने के एसएचओ के खिलाफ विभागीय जांच अलग से शुरू की गई है। दोषी पाये जाने पर दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी।

कोर्ट ने जानना चाहा कि अन्य जवाबदेह अधिकरियों को निलंबित क्यों नहीं किया गया। इसका जवाब नहीं मिल सका। कोर्ट ने दोनों अधिकारियों की हाजिरी माफ करते हुए न्यायिक जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने याची की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है। यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने विक्रम सिंह की जमानत अर्जी पर दिया है। कोर्ट ने कहा था कि नौ अगस्त 22 को मृतक के भाई की दर्ज एफआईआर में याची व गांव वालों पर चोरी के आरोप में उसके भाई को छह अगस्त को पीटने का आरोप लगाया गया है। 



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