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बरेली। भारतीय रेलवे यात्रियों के सफर को सुगम और सुहाना बनाने की कोशिश में नए-नए तरीके अपनाता रहा है। अब रेलवे ने टेक्नोलॉजी के जरिए यात्रियों को कई सहूलियतें दी हैं। इन्हीं में से एक है ‘रेल मदद’ एप। इसका पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जनगर मंडल में सफलता के साथ संचालन किया जा रहा है। अधिकारियों का दावा है कि किसी भी यात्री की एप पर आई शिकायत का निस्तारण मात्र सात मिनट में ग्राहक की पूर्ण संतुष्टि के साथ किया जा रहा है।
भारतीय रेल विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। प्रतिदिन लगभग दो करोड़ से ज्यादा यात्री यात्रा करते हैं। इतने बड़े नेटवर्क पर यात्रियों की समस्याओं और शिकायतों को सुलझाने के लिए ‘रेल मदद’ एप प्लेटफॉर्म बनाया गया है। इसके जरिये सफर के दौरान यात्री कोच में पंखे न चलने, लाइट न जलने, एसी के काम न करने, टॉयटलेट में गंदगी या पानी उपलब्ध न होने, मोबाइल चार्जिंग सुविधा के ठीक से कार्य न करने, महिला और आरक्षित कोच में अनाधिकृत यात्रियों के सफर करने, यात्रा के दौरान किसी सामान के छूट जाने अथवा चोरी हो जाने, गंदे बेडरोल की आपूर्ति इत्यादि की शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
शिकायत करने के लिए यात्री को अपने मोबाइल पर एक फॉर्म भरना होगा। फॉर्म में शिकायत संबंधी डिटेल, यात्रा की तारीख, कर्मचारी का नाम, घटनास्थल इत्यादि की जानकारी देनी होती है। फॉर्म में पर्सनल डिटेल्स, जैसे- नाम, मोबाइल नंबर, ई-मेल, पता इत्यादि की जानकारी देना आवश्यक है। यात्री इसमें अपनी शिकायत विस्तृत रूप में लिख सकते हैं। इसके साथ जरूरी डाक्यूमेंट्स भी अटैच करने होंगे।
रेल मदद (यात्रा के दौरान वांछित सहायता के लिए मोबाइल एप्लीकेशन) नामक इस अनोखे मोबाइल एप्लीकेशन का विकास उत्तर रेलवे ने किया है। यह एप यात्रियों की शिकायतों को दर्ज कर उनके निवारण की स्थिति के बारे में यात्रियों को लगातार जानकारी मुहैया कराता है। यात्री को पंजीकरण के बाद एसएमएस के जरिये शिकायत संख्या तुरंत उपलब्ध कराई जाती है।
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रेल मदद एप यात्रियों की शिकायतों को कम से कम जानकारी एवं फोटोग्राफ के साथ भी दर्ज करता है, शिकायत संख्या जारी करता है और तुरंत ही इसकी जानकारी संबंधित डिवीजन के संबंधित फील्ड अधिकारियों को उपलब्ध कराता है। शिकायत पर कृत कार्रवाई से यात्री को भी अवगत कराता है, जिससे शिकायत के पंजीकरण एवं समाधान की पूरी प्रक्रिया को त्वरित बनाया जाता है।
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विभिन्न प्रकार की सहायता सेवाओं के नंबर भी प्रदर्शित करता है (जैसे, सुरक्षा, बाल सहायता सेवा इत्यादि)। साथ ही तत्काल सहायता के लिए सीधे विकल्प के तौर पर फोन की सुविधा भी प्रदान करता है।
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चूंकि यह एप शिकायत दर्ज करने के सभी तरीकों (ऑनलाइन एवं ऑफलाइन) को एक मंच पर जोड़ता है इसलिए रेल प्रबंधन कमजोर एवं खामी वाले क्षेत्रों की एक समग्र तस्वीर पेश करता है, ताकि संबंधित अधिकारी द्वारा सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें।
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आंकड़ों का विश्लेषण रेलगाड़ियों एवं स्टेशनों के विभिन्न पहलुओं जैसे स्वच्छता और सुविधाओं के बारे में परिदृश्य की जानकारी देता है ताकि प्रबंधकीय निर्णय और सटीक तथा प्रभावी बन सकें।
बरेली। भारतीय रेलवे यात्रियों के सफर को सुगम और सुहाना बनाने की कोशिश में नए-नए तरीके अपनाता रहा है। अब रेलवे ने टेक्नोलॉजी के जरिए यात्रियों को कई सहूलियतें दी हैं। इन्हीं में से एक है ‘रेल मदद’ एप। इसका पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जनगर मंडल में सफलता के साथ संचालन किया जा रहा है। अधिकारियों का दावा है कि किसी भी यात्री की एप पर आई शिकायत का निस्तारण मात्र सात मिनट में ग्राहक की पूर्ण संतुष्टि के साथ किया जा रहा है।
भारतीय रेल विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। प्रतिदिन लगभग दो करोड़ से ज्यादा यात्री यात्रा करते हैं। इतने बड़े नेटवर्क पर यात्रियों की समस्याओं और शिकायतों को सुलझाने के लिए ‘रेल मदद’ एप प्लेटफॉर्म बनाया गया है। इसके जरिये सफर के दौरान यात्री कोच में पंखे न चलने, लाइट न जलने, एसी के काम न करने, टॉयटलेट में गंदगी या पानी उपलब्ध न होने, मोबाइल चार्जिंग सुविधा के ठीक से कार्य न करने, महिला और आरक्षित कोच में अनाधिकृत यात्रियों के सफर करने, यात्रा के दौरान किसी सामान के छूट जाने अथवा चोरी हो जाने, गंदे बेडरोल की आपूर्ति इत्यादि की शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
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