उदयपुर थाना क्षेत्र के राहाटीकर में वर्ष 1985 में किराने की दुकान में घुसकर दुकानदार लाल बहादुर सिंह पर धारदार हथियार से हमला कर अधमरा करने के मामले में 37 साल बाद फैसला आया। हालांकि पीड़ित की पांच साल पहले मौत हो चुकी है। न्यायालय के फैसले पर परिवार के लोगों ने खुशी व्यक्त की है।
उदयपुर थाना क्षेत्र के पूरे बसावन निवासी हरिहरसिंह ने वर्ष 1985 में मुकदमा दर्ज कराया था कि उनके पिता लाल बहादुर सिंह को बलीपुर बोदवा के रहने वाले करुणेश सिंह उर्फ लल्लू सिंह ने दुकान में घुसकर धारदार हथियार से मारापीटा। जिससे वह मरणासन्न हो गए। उनका उपचार जिला अस्पताल में चल रहा है। इस मामले की सुनवाई लालगंज सिविल न्यायालय में चल रही थी।
इस मामले में सिविल जज कुंवर दिव्यदर्शी ने गवाहों का बयान सुनने व अधिवक्ताओं के जिरह के बाद अपना फैसला सुनाया। आरोपी करुणेश सिंह को तीन वर्ष की सजा सुनाने के साथ ही पांच हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। फैसला आने की जानकारी के बाद परिवार के लोगों ने खुशी व्यक्त की। पीड़ित लाल बहादुर सिंह के बेटे रामसिंह ने बताया कि उनके पिता की करीब पांच साल पहले निधन हो चुका है। घटना के दिन परिवार के लोग रखहा तेरहवीं के कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे।
दोपहर में उनकी दुकान में घुसकर करुणेश ने पिता के ऊपर हमला कर दिया था। अपनी जान बचाने के लिए जद्दोजहद करते हुए किसी तरह दुकान का भीतर से दरवाजा बंद कर लिया था। कार्यक्रम में जाने से पहले वह दुकान पर पहुंचे तो खून बह रहा था। आवाज देने पर वह दरवाजा खोलकर गिर पड़े थे। खून से लथपथ होने के कारण उन्हें थाने ले जाया गया। वहां से फिर अस्पताल ले गए। आरोपी करुणेश ने किस वजह से हमला किया। यह समझ में नहीं आया। जबकि वह अक्सर घर आता जाता था।
विस्तार
उदयपुर थाना क्षेत्र के राहाटीकर में वर्ष 1985 में किराने की दुकान में घुसकर दुकानदार लाल बहादुर सिंह पर धारदार हथियार से हमला कर अधमरा करने के मामले में 37 साल बाद फैसला आया। हालांकि पीड़ित की पांच साल पहले मौत हो चुकी है। न्यायालय के फैसले पर परिवार के लोगों ने खुशी व्यक्त की है।
उदयपुर थाना क्षेत्र के पूरे बसावन निवासी हरिहरसिंह ने वर्ष 1985 में मुकदमा दर्ज कराया था कि उनके पिता लाल बहादुर सिंह को बलीपुर बोदवा के रहने वाले करुणेश सिंह उर्फ लल्लू सिंह ने दुकान में घुसकर धारदार हथियार से मारापीटा। जिससे वह मरणासन्न हो गए। उनका उपचार जिला अस्पताल में चल रहा है। इस मामले की सुनवाई लालगंज सिविल न्यायालय में चल रही थी।