प्रदूषण फैलाने में 28 लाख रुपये जुर्माना, बंदी की संस्तुति

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उन्नाव। कुत्तों के बिस्कुट व अन्य जानवरों के लिए फूड्स बनाने वाली फैक्टरी पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 28 लाख रुपये जुर्माना लगाया है। फैक्टरी को बंद करने की कार्रवाई की संस्तुति कर मुख्यालय रिपोर्ट भेजी है।
बंथर औद्योगिक क्षेत्र स्थित जेएस इंटरनेशनल को यूपीसीबीसी (उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) द्वारा सिर्फ सूखा उत्पादन की अनुमति दी गई है। फैक्टरी नियमों और शर्तों का उल्लंघन करते हुए असुरक्षित तरीके से गीला काम करते हुए प्रदूषित पानी को बिना शोधित किए ड्रेन में छोड़ रही थी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी राधेश्याम ने बताया कि इस फैक्टरी में स्लाटर हाउसों में कटने वाले मवेशियों के अंगों से कुत्तों, मुर्गी व अन्य जानवरों के लिए बिस्किट व अन्य खाद्य पदार्थ बनाए जाते मिले। यहां कोई वाटर ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगा था। मांस सड़ने व अवशेष खुले में असुरक्षित तरीके से भंडारित किए जाने से कई किमी दूर तक दुर्गंध फैल रही थी।
जनवरी 2021 में इस फैक्टरी का निरीक्षण किया गया था। तब वायु व जल प्रदूषण रोकने के आदेश दिए गए थे लेकिन इसका पालन नहीं किया गया। 21 जनवरी को पुन: निरीक्षण में वही अनियमितताएं मिलीं हैं। इस समयावधि में कुल 283 कार्य दिवसों में पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के रूप में 28 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है। फैक्टरी प्रबंधन को नोटिस देकर विभाग की ओर से सहमति आदेश भी निरस्त कर दिया गया है। फैक्टरी को बंद करने की संस्तुति करते हुए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को रिपोर्ट भेजी गई है। प्रदूषण फैलाने वाली इस फैक्टरी को बंद कराया जाएगा।

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उन्नाव। कुत्तों के बिस्कुट व अन्य जानवरों के लिए फूड्स बनाने वाली फैक्टरी पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 28 लाख रुपये जुर्माना लगाया है। फैक्टरी को बंद करने की कार्रवाई की संस्तुति कर मुख्यालय रिपोर्ट भेजी है।

बंथर औद्योगिक क्षेत्र स्थित जेएस इंटरनेशनल को यूपीसीबीसी (उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) द्वारा सिर्फ सूखा उत्पादन की अनुमति दी गई है। फैक्टरी नियमों और शर्तों का उल्लंघन करते हुए असुरक्षित तरीके से गीला काम करते हुए प्रदूषित पानी को बिना शोधित किए ड्रेन में छोड़ रही थी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी राधेश्याम ने बताया कि इस फैक्टरी में स्लाटर हाउसों में कटने वाले मवेशियों के अंगों से कुत्तों, मुर्गी व अन्य जानवरों के लिए बिस्किट व अन्य खाद्य पदार्थ बनाए जाते मिले। यहां कोई वाटर ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगा था। मांस सड़ने व अवशेष खुले में असुरक्षित तरीके से भंडारित किए जाने से कई किमी दूर तक दुर्गंध फैल रही थी।

जनवरी 2021 में इस फैक्टरी का निरीक्षण किया गया था। तब वायु व जल प्रदूषण रोकने के आदेश दिए गए थे लेकिन इसका पालन नहीं किया गया। 21 जनवरी को पुन: निरीक्षण में वही अनियमितताएं मिलीं हैं। इस समयावधि में कुल 283 कार्य दिवसों में पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के रूप में 28 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है। फैक्टरी प्रबंधन को नोटिस देकर विभाग की ओर से सहमति आदेश भी निरस्त कर दिया गया है। फैक्टरी को बंद करने की संस्तुति करते हुए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को रिपोर्ट भेजी गई है। प्रदूषण फैलाने वाली इस फैक्टरी को बंद कराया जाएगा।

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