प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार: मैनपुरी में अपात्रों को दे दिए गए आवास, जांच में हुआ खुलासा

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सार

गरीबों को छत देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की शुरुआत की गई है। लेकिन मैनपुरी जिले में कर्मचारियों की मिलीभगत से योजना का लाभ पात्रों को नहीं मिला। अपात्रों को आवास दे दिए गए। 

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मैनपुरी के विकास खंड बरनाहल की ग्राम पंचायत अहमदपुर में 12 अपात्रों को प्रधानमंत्री आवास की धनराशि दे दी गई। एक शिकायत पर हुई जांच में मामला सामने आने पर मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार ने कुल पांच कर्मचारियों से 14.40 लाख रुपये की धनराशि वसूल करने के आदेश जारी किए हैं। कार्यकाल के अनुसार कर्मचारियों से अलग-अलग धनराशि वसूल की जाएगी। 

गरीबों को छत देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की शुरुआत की गई है। लेकिन कर्मचारियों की मिलीभगत से योजना का लाभ पात्रों को नहीं मिल पा रहा है। ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत अहमदपुर के गांव नगला बुधुआ में सामने आया है। यहां वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2019-20 के बीच 12 अपात्रों को प्रधानमंत्री आवास निर्माण के लिए 1.20 लाख रुपये की दर से धनराशि दे दी गई। 

जांच में हुआ खुलासा

शिकायत पर हुई जांच में इसका खुलासा होने पर मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार ने 12 आवासों की कुल 14.40 लाख की धनराशि वसूल करने के आदेश दिए हैं। प्रधानमंत्री आवास की धनराशि के लिए सीधे तौर पर ब्लॉक पर तैनात लेखाकार और ग्राम पंचायत में तैनात पंचायत सचिव सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। ऐसे में इस कार्यकाल में तैनात रहे तीन पंचायत सचिव और लेखाकार से अलग-अलग रिकवरी के आदेश जारी किए गए हैं। 

तत्कालीन लेखाकार ओमाधार प्रधान से 2.40 लाख, तत्कालीन पंचायत सचिव राजीव राणा और रतन सिंह से 1.20-1.20 लाख, तत्कालीन लेखाकार मुहम्मद रियाज खां और तत्कालीन पंचायत सचिव अनिल कुमार से 4.80 लाख रुपये की रिकवरी की जाएगी। इसके लिए सीडीओ ने जिला विकास अधिकारी और जिला पंचायत राज अधिकारी को आदेश भेजकर एक मुश्त रिकवरी कराने के लिए कहा है। 

ग्राम प्रधान ने की थी शिकायत 

विकास खंड बरनाहल की ग्राम पंचायत अहमदपुर के ग्राम प्रधान नरेंद्र सिंह कुशवाह ने 21 दिसंबर 2021 को मुख्य विकास अधिकारी से शिकायत की थी। इसमें कहा था कि ग्राम पंचायत के नगला बुधुआ में वित्तीय वर्ष 2016-17 से लेकर 2019-20 तक 12 अपात्रों को प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण की धनराशि दे दी गई। 24 दिसंबर 2021 को मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार ने खुद इसकी जांच की थी, जिसके बाद उन्होंने वसूली के आदेश दिए हैं। 

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एक कर्मचारी निलंबित तो एक सेवानिवृत्त 

मुख्य विकास अधिकारी ने कुल पांच कर्मचारियों से 12 प्रधानमंत्री आवासों की धनराशि वसूल करने के आदेश दिए हैं। कुल पांच कर्मचारियों से एक कर्मचारी पंचायत सचिव रतन सिंह लंबे समय निलंबित चल रहे हैं तो वहीं लेखाकार ओमाधार प्रधान एक साल पूर्व ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं। 

मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार ने बताया कि एक शिकायत पर प्रधानमंत्री आवासों की धनराशि अपात्रों की देने का मामला सामने आया है। संबंधित पांच कर्मचारियों से आवासों की धनराशि वसूल कराने के लिए आदेश जारी कर दिया गया है। 

विस्तार

मैनपुरी के विकास खंड बरनाहल की ग्राम पंचायत अहमदपुर में 12 अपात्रों को प्रधानमंत्री आवास की धनराशि दे दी गई। एक शिकायत पर हुई जांच में मामला सामने आने पर मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार ने कुल पांच कर्मचारियों से 14.40 लाख रुपये की धनराशि वसूल करने के आदेश जारी किए हैं। कार्यकाल के अनुसार कर्मचारियों से अलग-अलग धनराशि वसूल की जाएगी। 

गरीबों को छत देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की शुरुआत की गई है। लेकिन कर्मचारियों की मिलीभगत से योजना का लाभ पात्रों को नहीं मिल पा रहा है। ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत अहमदपुर के गांव नगला बुधुआ में सामने आया है। यहां वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2019-20 के बीच 12 अपात्रों को प्रधानमंत्री आवास निर्माण के लिए 1.20 लाख रुपये की दर से धनराशि दे दी गई। 

जांच में हुआ खुलासा

शिकायत पर हुई जांच में इसका खुलासा होने पर मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार ने 12 आवासों की कुल 14.40 लाख की धनराशि वसूल करने के आदेश दिए हैं। प्रधानमंत्री आवास की धनराशि के लिए सीधे तौर पर ब्लॉक पर तैनात लेखाकार और ग्राम पंचायत में तैनात पंचायत सचिव सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। ऐसे में इस कार्यकाल में तैनात रहे तीन पंचायत सचिव और लेखाकार से अलग-अलग रिकवरी के आदेश जारी किए गए हैं। 

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