प्रधान व सचिव डकार गए श्रमिकों की 6.17 लाख की मजदूरी

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उन्नाव। नवाबगंज की ग्राम पंचायत जंसार में प्रधान ने श्रमिकों की 6.17 लाख रुपये मजदूरी हड़प ली। प्रधान के अपने और रिश्तेदार के खाते में पैसे ट्रांसफर कराने का खुलासा डीपीआरओ की जांच में हुआ।
इस पर डीएम ने प्रधान को नोटिस जारी किया है। तत्कालीन व वर्तमान सचिव पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
11 जुलाई को जंसार के मजरे छेदनीखेड़ा निवासी राहुल कुमार ने डीएम को शिकायतीपत्र दिया था।
इसमें जंसार में ग्राम निधि के खाते से कराए गए कार्यों में मजदूरों का भुगतान हड़पने की शिकायत की थी। तत्कालीन डीएम रवींद्र कुमार ने मामले की जांच डीपीआरओ को सौंपी थी।
डीपीआरओ निरीश कुमार साहू ने गांव जाकर पड़ताल की। पंचायत भवन में अभिलेख जांचे। पता चला कि 2021-22 व 2022-23 में कुल 21 कार्य कराए गए। जिनमें 6,17,011 रुपये का भुगतान किया गया। ग्राम निधि प्रथम से कराए गए कार्यों में प्रधान पवन शर्मा ने तीन कार्यों का 52,682 का भुगतान अपने खाते में कराया।
रिश्तेदार देवेश को 49,740 और शशिकांत शर्मा के खाते में 5,14,589 रुपये का अनियमित तरीके से भुगतान किया।
डीपीआरओ ने जांच आख्या डीएम को भेजी। डीएम अपूर्वा दुबे ने प्रधान पवन कुमार शर्मा को नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब मांगा है।
वहीं लाखों का गबन दो सचिवों के कार्यकाल में हुआ। इनमें तत्कालीन सचिव दीपक कुमार मिश्र और वर्तमान सचिव दिलीप कुमार मिश्र को भी दोषी पाया है। जिन पर अलग से कार्रवाई के आदेश दिए गए।
ये है प्रावधान
पंचायतीराज व्यवस्था के अनुसार मजदूरी का भुगतान संबंधित श्रमिक के खाते में ही किया जाता है। निर्माण सामग्री की आपूर्ति करने वाले वेंडर के खाते में भुगतान करने का प्रावधान है। जंसार प्रधान ने शासनादेश को ताक पर रख दिया।
इन ग्राम पंचायतों में भी हो चुके घोटाले
– हसनगंज विकासखंड की ग्राम पंचायत पमेधिया में पंचायत भवन को कागजों पर पूरा दिखाकर 16.61 लाख रुपये निकाल लिए गए। मामले की जब जांच हुई तो पता चला कि पंचायत भवन अभी बना ही नहीं है। डीपीआरओ ने प्रधान व सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
– बिछिया विकासखंड की ग्राम पंचायत तारगांव में प्रधान व सचिव ने मिलकर 13.92 लाख रुपये का घोटाला किया। मामले की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद डीएम ने प्रधान को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
– नवाबगंज विकासखंड की ग्राम पंचायत जंसार में श्रमिकों की मजदूरी का 6.17 लाख रुपये का भुगतान अपने व रिश्तेदार के खाते में ट्रांसफर कराने वाले प्रधान सहित तीन पर रिपोर्ट दर्ज कराई जा चुकी है।
– पुरवा के बनिगांव में पूर्व प्रधान व तत्कालीन सचिव ने कागजों पर 137 शौचालय बनाकर 16.75 लाख का गबन किया। डीपीआरओ ने कारण बताओ नोटिस जारी कर जिम्मेदारों से जवाब मांगा है।
– विकासखंड मियागंज की ग्राम पंचायत परेंदा में पूर्व प्रधान व सचिव ने कागजों पर ही शौचालय का निर्माण करा दिया। 5.76 लाख रुपये निकालकर सरकारी धन की बंदरबांट की। मामले में कार्रवाई चल रही है।

यह भी पढ़ें -  छुट्टा मवेशी सड़क पर, सचिव को निलंबित करने के आदेश

उन्नाव। नवाबगंज की ग्राम पंचायत जंसार में प्रधान ने श्रमिकों की 6.17 लाख रुपये मजदूरी हड़प ली। प्रधान के अपने और रिश्तेदार के खाते में पैसे ट्रांसफर कराने का खुलासा डीपीआरओ की जांच में हुआ।

इस पर डीएम ने प्रधान को नोटिस जारी किया है। तत्कालीन व वर्तमान सचिव पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

11 जुलाई को जंसार के मजरे छेदनीखेड़ा निवासी राहुल कुमार ने डीएम को शिकायतीपत्र दिया था।

इसमें जंसार में ग्राम निधि के खाते से कराए गए कार्यों में मजदूरों का भुगतान हड़पने की शिकायत की थी। तत्कालीन डीएम रवींद्र कुमार ने मामले की जांच डीपीआरओ को सौंपी थी।

डीपीआरओ निरीश कुमार साहू ने गांव जाकर पड़ताल की। पंचायत भवन में अभिलेख जांचे। पता चला कि 2021-22 व 2022-23 में कुल 21 कार्य कराए गए। जिनमें 6,17,011 रुपये का भुगतान किया गया। ग्राम निधि प्रथम से कराए गए कार्यों में प्रधान पवन शर्मा ने तीन कार्यों का 52,682 का भुगतान अपने खाते में कराया।

रिश्तेदार देवेश को 49,740 और शशिकांत शर्मा के खाते में 5,14,589 रुपये का अनियमित तरीके से भुगतान किया।

डीपीआरओ ने जांच आख्या डीएम को भेजी। डीएम अपूर्वा दुबे ने प्रधान पवन कुमार शर्मा को नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब मांगा है।

वहीं लाखों का गबन दो सचिवों के कार्यकाल में हुआ। इनमें तत्कालीन सचिव दीपक कुमार मिश्र और वर्तमान सचिव दिलीप कुमार मिश्र को भी दोषी पाया है। जिन पर अलग से कार्रवाई के आदेश दिए गए।

ये है प्रावधान

पंचायतीराज व्यवस्था के अनुसार मजदूरी का भुगतान संबंधित श्रमिक के खाते में ही किया जाता है। निर्माण सामग्री की आपूर्ति करने वाले वेंडर के खाते में भुगतान करने का प्रावधान है। जंसार प्रधान ने शासनादेश को ताक पर रख दिया।

इन ग्राम पंचायतों में भी हो चुके घोटाले

– हसनगंज विकासखंड की ग्राम पंचायत पमेधिया में पंचायत भवन को कागजों पर पूरा दिखाकर 16.61 लाख रुपये निकाल लिए गए। मामले की जब जांच हुई तो पता चला कि पंचायत भवन अभी बना ही नहीं है। डीपीआरओ ने प्रधान व सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

– बिछिया विकासखंड की ग्राम पंचायत तारगांव में प्रधान व सचिव ने मिलकर 13.92 लाख रुपये का घोटाला किया। मामले की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद डीएम ने प्रधान को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

– नवाबगंज विकासखंड की ग्राम पंचायत जंसार में श्रमिकों की मजदूरी का 6.17 लाख रुपये का भुगतान अपने व रिश्तेदार के खाते में ट्रांसफर कराने वाले प्रधान सहित तीन पर रिपोर्ट दर्ज कराई जा चुकी है।

– पुरवा के बनिगांव में पूर्व प्रधान व तत्कालीन सचिव ने कागजों पर 137 शौचालय बनाकर 16.75 लाख का गबन किया। डीपीआरओ ने कारण बताओ नोटिस जारी कर जिम्मेदारों से जवाब मांगा है।

– विकासखंड मियागंज की ग्राम पंचायत परेंदा में पूर्व प्रधान व सचिव ने कागजों पर ही शौचालय का निर्माण करा दिया। 5.76 लाख रुपये निकालकर सरकारी धन की बंदरबांट की। मामले में कार्रवाई चल रही है।

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