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सार
अविरत्न पुत्र बाबूशंकर सिंह मूल रूप से उन्नाव जनपद के गंगा घाट थाना क्षेत्र स्थित दवता गांव का रहने वाला था। रविवार सुबह वह अपने दो दोस्तों अंशुल दीक्षित निवासी निर्मल नगर, सहजनी गंगा घाट, उन्नाव और पड़ोस के ही निशांत शर्मा के साथ ट्रेन से भोर में शहर पहुंचे।
एनडीए की परीक्षा देने के लिए शहर पहुंचे 17 साल के अविरत्न सिंह की संगम में डूबने से मौत हो गई। परीक्षा से पहले वह सुबह दो दोस्तों संग स्नान करने संगम नोज पर पहुंचा था। नहाते वक्त गहराई में जाने से वह डूब गया जबकि उसकेदोस्तों को नाविकों ने बचा लिया। हादसे की खबर दी गई तो परिवार में कोहराम मच गया। शाम को पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव लेकर चले गए।
अविरत्न पुत्र बाबूशंकर सिंह मूल रूप से उन्नाव जनपद के गंगा घाट थाना क्षेत्र स्थित दवता गांव का रहने वाला था। रविवार सुबह वह अपने दो दोस्तों अंशुल दीक्षित निवासी निर्मल नगर, सहजनी गंगा घाट, उन्नाव और पड़ोस के ही निशांत शर्मा के साथ ट्रेन से भोर में शहर पहुंचे। तीनों को एनडीए परीक्षा में शामिल होना था और उनका केंद्र नैनी स्थित एक कॉलेज में था।
परीक्षा से पहले संगम स्नान के लिए पहुंचे थे तीनों
परीक्षा 10 बजे से थी ऐसे में वह स्नान करने संगम नोज पर पहुंच गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि नहाते वक्त पैर फिसलने से अविरत्न गहराई में जाकर डूबने लगा। उसने शोर मचाया तो दोनों दोस्तों ने उसे बचाने की कोशिश की। इसमें वह भी गहराई में चले गए और पानी में डूबने लगे। तीनों को डूबता देख घाट पर मौजूद लोगों ने शोर मचाया तो नाविकों ने पानी में छलांग लगा दी।
उन्होंने अंशुल, निशांत को निकाल लिया लेकिन अविरत्न देखते ही देखते पानी में समा गया। छात्र के पानी में डूबने की खबर मिली तो दारागंज पुलिस मौके पर पहुंच गई। उधर नोज पर तैनात जल पुलिस के जवान भी तलाश में जुट गए। करीब घंटे भर की मशक्कत के बाद सुबह आठ बजे के करीब उसे बाहर निकाला गया लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
यह देख उसके दोस्त बिलखने लगे। दोस्तों से नंबर लेकर पुलिस ने परिजनों को खबर दी तो वह स्तब्ध रह गए। उधर परिजनों को सूचना देकर पुलिस ने शव को मर्चरी भेजवा दिया। शाम को पोस्टमार्टम के बाद वह शव लेकर उन्नाव चले गए।
कहां थे जल पुलिस के जवान?
संगम में छात्र के डूबने की घटना जल पुलिस के जवानों की सक्रियता पर भी सवाल खड़े कर रही है। दरअसल संगम नोज पर जल पुलिस की टुकड़ी स्थायी तौर पर तैनात रहती है। जवान नावों पर मुस्तैद रहते हैं और लोगों को डीप वाटर बैरिकेडिंग से आगे जाने पर रोकते भी हैं।
रविवार को रामनवमी का पर्व था, ऐसे में बड़ी संख्या में स्नानार्थियों के जुटने की संभावना पहले से थी। जब इस संबध में जल पुलिस प्रभारी कड़ेदीन यादव से बात की गई तो उनका कहना था कि नहाने उतरे तीनों छात्र पानी में खेल रहे थे और इसी दौरान वह गहराई में चले गए। सवाल यह है कि अगर तीनों छात्र पानी में खेल रहे थे और बीच धारा तक चले गए तो जल पुलिस के जवानों की नजर उन पर क्यों नहीं पड़ी और अगर नजर पड़ी तो उन्हें क्यों नहीं रोका गया।
दो साल पहले भी एक दिन में डूबे थे दो छात्र
परीक्षा देने आए छात्रों के संगम में डूबने की यह पहली घटना नहीं है। दो साल पहले भी यहां एक ही दिन में डूबने से दो छात्रों की मौत हो गई थी। 2019 में अप्रैल के महीने में ही रीवा निवासी अभिनव पांडेय और मऊ निवासी एक अन्य छात्र की मौत हो गई थी। वह दोनों भी एनडीए की ही परीक्षा देने शहर आए थे लेकिन नहाते वक्त हादसे का शिकार हो गए।
विस्तार
एनडीए की परीक्षा देने के लिए शहर पहुंचे 17 साल के अविरत्न सिंह की संगम में डूबने से मौत हो गई। परीक्षा से पहले वह सुबह दो दोस्तों संग स्नान करने संगम नोज पर पहुंचा था। नहाते वक्त गहराई में जाने से वह डूब गया जबकि उसकेदोस्तों को नाविकों ने बचा लिया। हादसे की खबर दी गई तो परिवार में कोहराम मच गया। शाम को पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव लेकर चले गए।
अविरत्न पुत्र बाबूशंकर सिंह मूल रूप से उन्नाव जनपद के गंगा घाट थाना क्षेत्र स्थित दवता गांव का रहने वाला था। रविवार सुबह वह अपने दो दोस्तों अंशुल दीक्षित निवासी निर्मल नगर, सहजनी गंगा घाट, उन्नाव और पड़ोस के ही निशांत शर्मा के साथ ट्रेन से भोर में शहर पहुंचे। तीनों को एनडीए परीक्षा में शामिल होना था और उनका केंद्र नैनी स्थित एक कॉलेज में था।
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