उमेश पाल अपहरण के मामले में फैसला एवं सजा सुनाए जाने के दौरान एमपी-एमएलए कोर्ट तथा सामने की सड़क छावनी में तब्दील रही। इस दौरान विकास भवन तथा लक्ष्मी टॉकीज से जगराम चौराहे के बीच वकीलों एवं स्थानीय लोगों की काफी भीड़ रही। इनमें उमेश पाल एवं अतीक अहमद के समर्थक भी मौजूद रहे। अपहरण के आरोप में अतीक, अशरफ तथा अन्य को दिन में करीब साढ़े बारह बजे न्यायाल में पेश किया गया लेकिन सुरक्षा कर्मियों की सुबह से ही तैनाती हो गई थी। कोर्ट गेट के अलावा पूरे मार्ग तथा आसपास के क्षेत्रों में चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात रही। गेट नंबर एक बंद रहा तथा आरोपियों एवं कुछ चुनिंदा लोगों को को ही वहां से जाने दिया गया।
इस मामले में फैसले को लेकर लोगों में भी काफी उत्सुकता रही। अधिवक्ताओं के अलावा वहां बड़ी संख्या में अन्य लोग भी दिन भर मौजूद रहे। लोगों के कचहरी पहुंचने का सिलसिला सुबह 10 बजे से ही शुरू हो गया था। आसपास के छतोंं पर भी लोग मौजूद रहे। बैठने की जगह नहीं रही, इसके अलावा तीखी धूप भी थी। इसके बावजूद आसपास के अलावा करेली, चकिया, सुलेमसराय समेत अन्य मोहल्लों से पहुंचे लोग दिन भर डटे रहे।
दिन में करीब 12.30 बजे अतीक, अशरफ अन्य आरोपी अलग-अलग प्रिजन वैन में पहुंचे तो लोग उनकी तरफ बढ़े लेकिन पुलिस ने रस्से से सुरक्षा घेरा बना लिया था। इसके भीतर सिर्फ मीडिया कर्मी ही जा सके। सुरक्षा बढ़ता देख लोग भी किनारे की तरफ होते गए। हालांकि, सभी में यह चर्चा रही कि अतीक और अशरफ किस वैन से आए हैं। इस तरह का गहमागहमी का माहौल वहां पूरे दिन रहा।
प्रिजन वैन ले जाना हुआ कठिन
अतीक एवं अशरफ को नैनी जेल से भारी सुरक्षा के बीच अलग-अलग प्रिजन वैन से लाया गया। दो अन्य में वैन भी आरेापी लाए गए। साथ में एक अन्य वैन भी था जो कोर्ट परिसर से आगे निकल गया। वहीं आरोपियों के वैन सीधे कोर्ट परिसर में ले जाए गए। हालांकि, भीड़ की वजह से वैन भीतर ले जाने में पुलिस कर्मियां को काफी मशक्कत करनी पड़ी। हर वैन के पीछे वकीलों एवं लोगों की काफी भीड़ रही। ऐसे में दुर्घटना की भी आशंका बनी रही।
बना रहा तनाव, टकराव की भी रही आशंका
उमेश पाल अपहरण कांड के दौरान न्यालालय के बाहर तनाव की भी स्थिति रही। समर्थक लगातार उमेश पाल अमर रहे, अतीक को फांसी हो आदि नारे लगाते रहे तो इस दौरान अतीक के समर्थकों ने भी आवाज उठाई। दोनों ही तरफ से अधिकक्ताओं की संख्या अधिक रही। हालांकि, अतीक के समर्थनकों की संख्या अपेक्षाकृत कम रही और वे एवं शांत भी रहे। ऐसे में टकराव तो नहीं हुआ लेकिन तनाव बना रहा।
समर्थकों का जमावड़ा एवं नारेबाजी सुबह ही शुरू हो गई थी। अतीक एवं अशरफ की वैन के न्यायालय पहुंचने पर नारेबाजी और तेज हो गई। अधिवक्ताओं एवं समर्थकों के एक समूह ने अतीक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उनका कहना था कि उमेश पाल उनका भाई था। सीसीटीवी कैमरे में सभी ने देखा कि इन लोगों ने उमेश पाल की कैसे हत्या की। वे अतीक और अशरफ को फांसी की सजा दिए जाने की मांग कर रहे थे।
जूते की माला पहनाने की कोशिश
वरुण देव पाल नाम अधिवक्ता तो कुछ लोगों के साथ जूतों की माला लेकर अतीक की वैन के पास पहुंच गए। वह सजा सुनाए जाने के बाद अतीक को माला पहनाए जाने की बात कहर रहे थे। इस दौरान अतीक समर्थक अधिवक्ताओं का एक समूह लगातार वैन के साथ रहा। हालांकि, उन लोगों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इसी तरह का माहौल दोष सिद्ध होने तथा सजा सुनाए जाने के दौरान भी रहा। कुछ लोग अतीक को फांसी की सजा दिए जाने की मांग कर रहे थे। अशरफ को बरी किए जाने पर वे नाखुश भी थे। उन लोगों ने अतीक, अशरफ के खिलाफ नारेबाजी भी की। इस दौरान अतीक समर्थक कुछ लोगों ने भी प्रतिक्रिया दिखाई। हालांकि, साथ में रहे अन्य अधिवक्ता उन्हें आगे लेते गए और टकराव टल गया। इस तरह की स्थिति वहां कई बार आई और टकराव होने से बच गया।
सुबह से ही कचहरी के आसपास तैनात रहे अतीक के समर्थक
अधिक्ताओं से अलावा भी अतीक अहमद के बड़ी संख्या में समर्थक न्यायालय पहुंचे थे। हालांकि वे भीड़ का हिस्सा नहीं थे तथा आसपास के क्षेत्रों में चारों तरफ फैले रहे। इनमें ज्यादातर युवा शामिल रहे। अतीक और अशरफ का वैन आने पर चकिया तथा करेली से आए ये युवा झुंड में दिखे और अशरफ की वैन कोर्ट परिसर में प्रवेश करने के बाद वे फिर गायब हो गए। हालांकि, बताया जा रहा है कि इनमें अपराध में शामिल कोई गुर्गा या शूटर नहीं था।
जगराम चौराहा, बख्तियारी, लक्ष्मी टॉकीज समेत कई स्थानों पर युवा झुंड बनाकर मौजूद रहे। एलआईयू की इन पर लगातार नजर रही। सूत्र के अनुसार इनमें ज्यादातार युवा एक खास समुदाय थे। इनमें करेली एवं चकिया के लोग भी शामिल रहे। अतीक और अशरफ की वैन पहुंचने पर कई युवा कचहरी पर दिखे लेकिन कुछ देर बाद फिर गायब हो गए। बताया जा रहा है कि नैनी जेल से न्यायालय आने तक जगह-जगह अतीक के समर्थक एवं गुर्गे मौजूद रहे।
सुबह से ही कचहरी के आसपास तैनात रहे अतीक के समर्थक
अधिक्ताओं से अलावा भी अतीक अहमद के बड़ी संख्या में समर्थक न्यायालय पहुंचे थे। हालांकि वे भीड़ का हिस्सा नहीं थे तथा आसपास के क्षेत्रों में चारों तरफ फैले रहे। इनमें ज्यादातर युवा शामिल रहे। अतीक और अशरफ का वैन आने पर चकिया तथा करेली से आए ये युवा झुंड में दिखे और अशरफ की वैन कोर्ट परिसर में प्रवेश करने के बाद वे फिर गायब हो गए। हालांकि, बताया जा रहा है कि इनमें अपराध में शामिल कोई गुर्गा या शूटर नहीं था।
जगराम चौराहा, बख्तियारी, लक्ष्मी टॉकीज समेत कई स्थानों पर युवा झुंड बनाकर मौजूद रहे। एलआईयू की इन पर लगातार नजर रही। सूत्र के अनुसार इनमें ज्यादातार युवा एक खास समुदाय थे। इनमें करेली एवं चकिया के लोग भी शामिल रहे। अतीक और अशरफ की वैन पहुंचने पर कई युवा कचहरी पर दिखे लेकिन कुछ देर बाद फिर गायब हो गए। बताया जा रहा है कि नैनी जेल से न्यायालय आने तक जगह-जगह अतीक के समर्थक एवं गुर्गे मौजूद रहे।