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बेटे का शव कंधे पर लादकर शहर से 25 किलोमीटर दूर करछना के रामपुर उपरहार गांव तक ले जाने के मामले में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया। डीएम के निर्देश पर मामले की जांच शुरू हो गई है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और उपजिलाधिकारी ने मामले की गहराई से छानबीन शुरू कर दी है। डीएम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए राजस्व, बिजली, पुलिस और चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को तलब कर लिया है।
पूरे शहर में कैमरे की जांच करने का भी निर्देश दिया है। अधिकारियों ने गुरुवार को पीड़ित परिवार के घर पहुंचकर पिता से बातचीत की और मदद का आश्वासन दिया। बताया गया कि पीड़ित परिजनों को प्रशासन की ओर से पांच लाख रुपये की मदद की जाएगी। साथ ही अन्य मदद के लिए शासन से सिफारिश की जाएगी। पोस्टमार्टम हाउस से बेटे के शव को कंधे में लेकर पैदल घर जाने वाले करछना के रामपुर उपरहार निवासी उसके परिजनों से बृहस्पतिवार को मुख्य चिकित्साधिकारी व एसडीएम करछना मिलने पहुंचे। उन्होंने परिजनों से मिलकर पूरी घटना की जानकारी लेते हुए शासन की ओर से हर संभव मदद दिलाए जाने का आश्वासन दिया।
बता दे कि करछना थाना क्षेत्र के रामपुर उपरहार गांव निवासी मजदूर बजरंगी यादव का 10 वर्षीय पुत्र शुभम की बीते सोमवार को करंट की चपेट में आने से मौत हो गई है। वह घर के समीप गंगा किनारे स्थित भूमानंद आश्रम में आयोजित भंडारे में प्रसाद लेने गया था। इस दौरान वहां खेलते हुए पास में खड़े बिजली के खंभे में लगे स्टे तार को छूने से वह करंट की चपेट में आ गया था। गंभीर रूप से झुलसने के बाद परिजन उसे इलाज के लिए अस्पताल ले गए जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया था।
शव घर लाकर लोगों ने बिजली विभाग के खिलाफ हंगामा किया। सूचना पर पहुंची तहसील व पुलिस टीम ने शासन से हर संभव मदद दिलाए जाने के आश्वासन देकर शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद एंबुलेंस का पैसा नहीं होने पर बजरंगी उसके शव को अपने कंधे में लेकर पैदल ही घर निकल पड़े थे। बजरंगी ने बताया कि एंबुलेंस की ओर से 2200 रुपए की डिमांड की जा रही थी। पैसे के अभाव में उसने अपने बेटे के शव को कंधे पर लेकर पैदल ही दोपहर में बारिश में ही घर चल दिया।
इसका वीडियो वायरल हुआ तो प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। बृहस्पतिवार को मुख्य चिकित्साधिकारी व एसडीएम करछना बजरंगी के घर पहुंचे और पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। साथ ही परिवार को शासन से हर संभव मदद दिलाने का भरोसा दिलाया । मृतक के पिता बजरंगी, माता सविता, छोटा भाई विपिन पांच, रेखा 11, रीतू आठ वर्ष, प्रीति छह वर्ष का रो रो कर बुरा हाल रहा। इस मामले में बिजली विभाग के खिलाफ थाने में तहरीर भी दी गई है।
पैसे के अभाव में पोस्टमार्टम हाउस से पैदल घर पहुंचा था परिवार
पोस्टमार्टम हाउस से शव घर लाने के लिए बजरंगी ने वहां मौजूद कर्मचारियेें से मदद मांगी थी। लेकिन किसी तरह की मदद न मिलने व प्राइवेट एंबुलेंस वालों द्वारा 22 सौ रुपये की मांग किए जाने से परेशान होकर परिवार वाले पैदल ही शुभम का शव लेकर गांव की ओर चल दिए थे। शव लेकर पैदल जाने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन की काफी किरकिरी हुई थी।
पीड़ित परिवार के पास राशन कार्ड और उज्जवला गैस कनेक्शन नहीं
पीड़ित बजरंगी यादव ने बताया कि पूरी तरह से हम भूमिहीन हैं। और मजदूरी करके पत्नी सहित पांच बच्चों का भरण पोषण करते हैं। उनके पास सरकारी राशन कार्ड व उज्जवला गैस कनेक्शन भी नहीं है। इसको लेकर कई बाद ब्लाक में प्रार्थना पत्र दिया गया लेकिन अभी तक उन्हें यह सुविधा नहीं उपलब्ध कराई जा सकी। पीड़ित परिवार को शौचालय भी नहीं मुहैया हो पाया है। पत्नी सविता ने बताया कि उज्जवला योजना से वंचित हूं। और चूल्हे पर खाना पकाया जाता है। बेटे की मौत के बाद से अभी तक घर में चूल्हा नहीं जला है।
बिजली विभाग की लापरवाही आई सामने
रामपुर उपरहार में किशोर शुभम् यादव की मौत में बिजली विभाग की लापरवाही सामने आई है। ग्रामीण हरिश यादव, पप्पू यादव, बलराम सिंह व अन्य ने बताया कि खंभे में लगे स्टे लाइन में करंट काफी दिनों से आ रहा था। इसकी शिकायत भी बिजली विभाग से की गई थी। लेकिन इसके बावजूद विभाग कर्मचारियों द्वारा कभी तार में उतर रहे करंट को ठीक नहीं किया गया। ग्रामीणों ने बताया कि हादसा होने के बाद देर रात गांव पहुंचे बिजली विभाग के कर्मचारियों ने स्टे लाइन को काटकर उसे उपर खंभे में लटका दिया।
कोटेदार को राशन देने के लिए किया गया निर्देशित
एसडीएम करछना रेनू सिंह के निर्देश पर सप्लाई इंस्पेक्टर सुनील सिंह ने रामपुर उपरहार गांव का गडै़ला गांव में संबंध कोटेदार बृजेश कुमार को पीड़ित परिजनों को राशन भेजे जाने के लिए निर्देशित किया। कोटेदार बृजेश कुमार की ओर से बृहस्पतिवार को एक बोरी चावल भेजा गया। जबकि सप्लाई इंस्पेक्टर का निर्देश था कि एक बोरी चावल और एक बोरी गेहूं पीड़ित परिजन के घर पहुंचाया जाए। इस बाबत कोटेदार बृजेश कुमार ने बताया कि स्टॉक में गेहूं की उपलब्धता न होने के कारण गमजदा परिजन के यहां एक बोरी चावल पहुंचाया गया।
जागृत मिशन के संयोजन ने पीड़ित परिवार से की मुलाकात
बृहस्पतिवार को जमुनापार जागृति मिशन के संयोजक व भाजपा के नेता डॉ. भगवत पांडेय ने रामपुर उपरहार गांव में बजरंगी यादव के घर पहुंचकर परिजनों से मुलाकात की। साथ ही उन्हें शासन स्तर से हरसंभव मदद दिलाए जाने का भरोसा दिलाया। उन्होंने विद्युत उप केंद्र घोड़ेडीह पर तैनात जेई के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया। और विद्युत विभाग के जिम्मेदार उच्चाधिकारियों से वार्ता की। उन्होंने कहा कि आए दिन ऐसी घटनाएं घट रही हैं। बताया कि इसके पूर्व अरई व लवायन कला गांव में भी बिजली से हादसा हो चुका है। उनके साथ करछना के पूर्व जेष्ठ ब्लाक प्रमुख घनश्याम मिश्र भी साथ रहे।
विस्तार
बेटे का शव कंधे पर लादकर शहर से 25 किलोमीटर दूर करछना के रामपुर उपरहार गांव तक ले जाने के मामले में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया। डीएम के निर्देश पर मामले की जांच शुरू हो गई है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और उपजिलाधिकारी ने मामले की गहराई से छानबीन शुरू कर दी है। डीएम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए राजस्व, बिजली, पुलिस और चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को तलब कर लिया है।
पूरे शहर में कैमरे की जांच करने का भी निर्देश दिया है। अधिकारियों ने गुरुवार को पीड़ित परिवार के घर पहुंचकर पिता से बातचीत की और मदद का आश्वासन दिया। बताया गया कि पीड़ित परिजनों को प्रशासन की ओर से पांच लाख रुपये की मदद की जाएगी। साथ ही अन्य मदद के लिए शासन से सिफारिश की जाएगी। पोस्टमार्टम हाउस से बेटे के शव को कंधे में लेकर पैदल घर जाने वाले करछना के रामपुर उपरहार निवासी उसके परिजनों से बृहस्पतिवार को मुख्य चिकित्साधिकारी व एसडीएम करछना मिलने पहुंचे। उन्होंने परिजनों से मिलकर पूरी घटना की जानकारी लेते हुए शासन की ओर से हर संभव मदद दिलाए जाने का आश्वासन दिया।
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