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परिवार के अन्य लोग भी भगवान के सामने बैठ कर प्रार्थना करने लगे लेकिन होनी तो हो गई थी। छह लोगों की मौत से परिवार में कोहराम मच गया था। दोपहर में ही सभी शवों का पोस्टमार्टम किया गया। शाम को करीब सवा चार बजे दो एंबुलेंस से सभी शव शिवगढ़ स्थित घर पर पहुंचे तो हाहाकार मच गया था। एक झटके में पूरा कुनबा बिखर गया था। करीब 15 मिनट बाद ही शवों को अंतिम संस्कार के लिए रवाना कर दिया गया।
शिवगढ़ में बंद रहीं दुकानें, नहीं जले चूल्हे
शिवगढ़ में हादसे की सूचना मिलते ही सैकड़ों की संख्या में पास पड़ोस के गांव के लोग श्याम लाल के घर पर पहुंच गए थे। शिवगढ़ इलाके में दिन में अधिकांश दुकानें बंद रहीं। गांव में तमाम घरों में चूल्हे नहीं जले। जिसे देखो वह परिवार की ही बात कर रहा था कि छोटे छोटे बच्चों का अब क्या होगा। बात करते समय पड़ोसियों की भी आंखें नम हो जा रही थीं।
प्रतापगढ़ से 50 साल पहले शिवगढ़ आ गया था श्याम लाल का परिवार
सोरांव के शिवगढ़ के रहने वाले श्याम लाल अग्रहरि मूल रूप से प्रतापगढ़ के डेरवा इलाके के रहने वाले थे। शिवगढ़ की रहने वाली कृष्णा देवी से शादी के बाद उन्हें ससुराल की गद्दी मिली तो करीब 50 साल पहले वह यहीं आ गए। तब से उनका पूरा परिवार शिवगढ़ में ही रह रहा था। श्याम लाल और कृष्णा देवी के चार बेटे हुए। संजय, रमेश, दिनेश और उमेश। श्याम लाल की मौत कई साल पहले हो गई। तीन साल पहले तीसरे नंबर के बेटे दिनेश की मौत हो गई थी। संजय और रमेश घर पर रहकर खेती बारी संभालते थे। चौथे नंबर का उमेश गुजरात में रहकर सब्जी बेचने का काम करता था। उमेश की शादी करीब सवा दो साल पहले प्रिया से हुई थी।
सवा साल का ओजस हादसे में चल बसा लेकिन उसके माता पिता उमेश और प्रिया गंभीर रूप से घायल हैं। ओजस का फुफेरा भाई ऋषभ प्रतापगढ़ के कटरा से मुंडन में शरीक होने आया था। वह भी गंभीर रूप से घायल है। टवेरा गाड़ी चला रहा ड्राइवर इरशाद को भी गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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