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प्रिया मौत मामले में जांच करती पुलिस
– फोटो : अमर उजाला
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छात्रा प्रिया राठौर की मौत के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। घटना की रात 9 बजकर 5 मिनट पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। इसके बावजूद जब वार्डन व हॉस्टल प्रशासन से प्रिया के पिता फोन पर बात कर रहे थे तो ये सभी गुमराह कर झूठ बोलते रहे। उन्हें प्रिया की मौत होने की जानकारी नहीं दी और यही दावा करते रहे कि उसका इलाज चल रहा है।
अस्पताल के रिकॉर्ड से हॉस्टल प्रशासन का झूठ बेनकाब हुआ है। जालौन निवासी जसराम राठौर की बेटी प्रिया एसआर कॉलेज के हॉस्टल में रहकर आठवीं की पढ़ाई कर रही थी। 20 जनवरी की रात हॉस्टल में उसकी संदिग्ध हालात में मौत हो गई। तबसे पुलिस हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है।
हॉस्टल से प्रिया को उस रात बीकेटी के साढ़ामऊ स्थित राम सागर मिश्र संयुक्त चिकित्सालय ले जाया गया था। अस्पताल के रिकॉर्ड के मुताबिक 20 जनवरी की रात 9 बजे प्रिया को लाया गया था। वहीं, 9 बजकर 5 मिनट पर डॉक्टर ने प्रिया को देखकर मृत घोषित कर दिया था। ये सभी तथ्य अस्पताल के रजिस्टर में दर्ज हैं।
पुलिस ने दी मौत की जानकारी
जसराम के मुताबिक उनके पास वार्डन की पहली कॉल उस रात 9 बजकर 4 मिनट पर आई। तब उन्होंने कहा, प्रिया गिर गई है। वह उसे लेकर अस्पताल जा रही हैं। जसराम ने रात 9:15 बजे दोबारा कॉल की, तब वार्डन ने कहा, आप लोग अस्पताल आ जाइए। रात 9:19 बजे कॉल कर जसराम ने अस्पताल का नाम पूछा तो वार्डन ने नहीं बताया।
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