झलवा स्थित ग्लोबल हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर में भर्ती मरीज को प्लेटलेट्स की जगह मुसम्बी का जूस चढ़ाने के आरोप पर स्वास्थ्य विभाग की चल रही जांच पूरी हो गई। जांच में मुसम्बी का जूस चढ़ाने की बात गलत पाई गई है। हालांकि प्लेटलेट्स जरूर खराब पाई गई। प्लेटलेट्स के बैग पर लगा एसआरएन अस्पताल का बार कोड भी फर्जी पाया गया। अब अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करने की तैयारी की जा रही है।
बमरौली निवासी प्रदीप पांडेय को डेंगू होने पर परिजनों ने झलवा स्थित ग्लोबल हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर भर्ती कराया था। जहां 16 अक्तूबर को मरीज को तीन यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ाई गई। प्लेटलेट्स चढ़ाते समय ही प्रदीप की हालत बिगड़ गई। इसके बाद अस्पताल ने दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया।
मुसम्बी का जूस चढ़ाने का लगा था आरोप 19 अक्तूबर को प्रदीप की इलाज के दौरान मौत हो गई। उसके बाद परिजनों ने प्रदीप को प्लेटलेट्स के नाम पर मुसम्बी का जूस अस्पताल द्वारा चढ़ाने का आरोप लगाया। इसके बाद अस्पताल को सील कर दिया गया और पूरे मामले की जांच शुरू हो गई। सीएमओ डॉ. नानक सरन के मुताबिक, जांच रिपोर्ट में साफ हो गया है कि मरीज को मुसम्बी का जूस नहीं चढ़ाया गया, वह प्लेटलेट्स ही थी। लेकिन खराब प्लेटलेट्स थी। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी गई है। संबंधित अस्पताल का लाइसेंस निरस्त किया जाएगा और अन्य कार्रवाई भी की जाएगी।
ये था पूरा मामला
बमरौली निवासी प्रदीप पांडे को डेंगू पीड़ित होने के बाद झलवा के ग्लोबल हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर में 14 अक्टूबर को भर्ती कराया गया था। जहां 16 अक्टूबर को प्लेटलेट्स 17 हजार पहुंचने पर मरीज को तीन यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ाया गया। वहीं प्लेटलेट्स चढ़ाते वक्त मरीज की हालत बिगड़ गई। जिसके बाद अस्पताल मरीज को अपने यहां से रेफर कर दिया। वहीं 19 अक्टूबर को मरीज की मौत हो गई।
जिसके बाद मृतक प्रदीप पांडे के साले सौरभ त्रिपाठी ने ग्लोबल हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर पर आरोप लगाया कि प्लेटलेट्स की जगह मरीज को मुसम्बी का जूस चढ़ा दिया गया। जिससे मरीज की नसें फट गईं और उसकी मौत हो गई। जब इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो डिप्टी सीएम ने अस्पताल को सील करने का आदेश जारी करते हुए मामले में जांच के आदेश दे दिए।
अस्पताल को ध्वस्तीकरण का नोटिस
खराब प्लेटलेट्स चढ़ाए जाने पर मरीज की मौत के बाद शासन और प्रशासन ने अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। मरीज की मौत के बाद ही अस्पताल को सील किया जा चुका है। प्रयागराज विकास प्राधिकरण पीडीए ने अस्पताल पर नोटिस चस्पा कर दिया है। इससे हड़कंप मचा हुआ है।
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झलवा स्थित ग्लोबल हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर में भर्ती मरीज को प्लेटलेट्स की जगह मुसम्बी का जूस चढ़ाने के आरोप पर स्वास्थ्य विभाग की चल रही जांच पूरी हो गई। जांच में मुसम्बी का जूस चढ़ाने की बात गलत पाई गई है। हालांकि प्लेटलेट्स जरूर खराब पाई गई। प्लेटलेट्स के बैग पर लगा एसआरएन अस्पताल का बार कोड भी फर्जी पाया गया। अब अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करने की तैयारी की जा रही है।
बमरौली निवासी प्रदीप पांडेय को डेंगू होने पर परिजनों ने झलवा स्थित ग्लोबल हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर भर्ती कराया था। जहां 16 अक्तूबर को मरीज को तीन यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ाई गई। प्लेटलेट्स चढ़ाते समय ही प्रदीप की हालत बिगड़ गई। इसके बाद अस्पताल ने दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया।