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उन्नाव। जिले के लोगों को जल्द फ्लोराइड युक्त दूषित पेयजल की समस्या से निजात मिलने की उम्मीद है। केंद्र सरकार से जिले के लिए पांच अरब चार करोड़ 20 लाख लागत वाली योजना को मंजूरी देने के बाद जलनिगम की कार्ययोजना (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) को राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन विभाग ने स्वीकृति दे दी है। इसी सप्ताह टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्माण एजेंसी काम शुरू करेगी। 2024 तक जिले की सभी 1040 ग्राम पंचायतों में 6.11 लाख घरों तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य है।
कई क्षेत्रों में भूगर्भीय जल में फ्लोराइड और आर्सेनिक की मात्रा घातक स्तर पर पहुंच गई है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन योजना में जिले को भी शामिल किया है। जलनिगम के अधिकारी ने टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने में एक सप्ताह का वक्त लगने की बात कही है।
गंगाजल पर आधारित होगी परियोजना
जलनिगम के एक्सईएन धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि जिले में फ्लोराइड की समस्या को देखते हुए पेयजल परियोजना को भूगर्भीय जल के बजाय गंगा नदी के जल पर आधारित किया जा रहा है। गंगाजल को साफ करके पाइप लाइनों के जरिये घरों तक पहुंचाया जाएगा। सिकंदरपुर सरोसी ब्लॉक के सुल्तानपुर ग्रंट और बिछिया ब्लॉक के अमरसस में दो डब्ल्यूटीपी (वाटर ट्रीटमेंट प्लांट) बनेंगे। 384 पानी की टंकियां (ओवर हेड टैंक) और 82 भूमिगत टैंक बनेंगे। 10 हजार किमी भूमिगत पाइप लाइनें बिछाई जाएंगी।
ये है प्रारूप
5420.6 करोड़ रुपये खर्च होंगे
384 ओवरहेड टैंक बनाए जाएंगे
सभी 1040 ग्राम पंचायतों में जलापूर्ति होगी
6 लाख 11 हजार 514 घरों में कनेक्शन होंगे
उन्नाव। जिले के लोगों को जल्द फ्लोराइड युक्त दूषित पेयजल की समस्या से निजात मिलने की उम्मीद है। केंद्र सरकार से जिले के लिए पांच अरब चार करोड़ 20 लाख लागत वाली योजना को मंजूरी देने के बाद जलनिगम की कार्ययोजना (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) को राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन विभाग ने स्वीकृति दे दी है। इसी सप्ताह टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्माण एजेंसी काम शुरू करेगी। 2024 तक जिले की सभी 1040 ग्राम पंचायतों में 6.11 लाख घरों तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य है।
कई क्षेत्रों में भूगर्भीय जल में फ्लोराइड और आर्सेनिक की मात्रा घातक स्तर पर पहुंच गई है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन योजना में जिले को भी शामिल किया है। जलनिगम के अधिकारी ने टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने में एक सप्ताह का वक्त लगने की बात कही है।
गंगाजल पर आधारित होगी परियोजना
जलनिगम के एक्सईएन धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि जिले में फ्लोराइड की समस्या को देखते हुए पेयजल परियोजना को भूगर्भीय जल के बजाय गंगा नदी के जल पर आधारित किया जा रहा है। गंगाजल को साफ करके पाइप लाइनों के जरिये घरों तक पहुंचाया जाएगा। सिकंदरपुर सरोसी ब्लॉक के सुल्तानपुर ग्रंट और बिछिया ब्लॉक के अमरसस में दो डब्ल्यूटीपी (वाटर ट्रीटमेंट प्लांट) बनेंगे। 384 पानी की टंकियां (ओवर हेड टैंक) और 82 भूमिगत टैंक बनेंगे। 10 हजार किमी भूमिगत पाइप लाइनें बिछाई जाएंगी।
ये है प्रारूप
5420.6 करोड़ रुपये खर्च होंगे
384 ओवरहेड टैंक बनाए जाएंगे
सभी 1040 ग्राम पंचायतों में जलापूर्ति होगी
6 लाख 11 हजार 514 घरों में कनेक्शन होंगे
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