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उन्नाव। नगर पालिका में अर्से से चली आ रही बजट की कमी शहरी लोगों की मुश्किलें बढ़ा रही है। आलम यह है कि जर्जर सड़कें नहीं बन पा रहीं हैं। नए हैंडपंप लगने तो दूर पुरानों की मरम्मत तक नहीं हो रही है। यही हाल अन्य योजनाओं का है। शासन ने राज्य वित्त से मिलने वाला 3.46 करोड़ बजट घटाकर 2.39 कर दिया है। पालिका की आमदनी के रास्ते भी बंद हैं। इसमें आम शहरी पिस रहे हैं।
नगर पालिका में इन दिनों बजट की कमी है। इससे विकास कार्य के साथ-साथ मरम्मत के कार्य भी नहीं हो पा रहे हैं। हालात यह हैं कि शहर में न तो साबुत रास्ते हैं और ना ही अन्य सुविधाएं। शहर के विभिन्न वार्डों और गली-मोहल्लों में 390 रास्तों का निर्माण करीब छह महीने से प्रस्तावित है, लेकिन बजट की कमी से काम नहीं हो पा रहा है। 158 हैंडपंपों की मरम्मत, 176 रोड क्रास नाली/नालों के पत्थर लगने हैं। नाला सफाई व कूड़ा उठाने में प्रयोग होने वाले वाहनों की मरम्मत नहीं हो पा रही है।
इस वित्तीय वर्ष 2022-23 में नगर पालिका बोर्ड बैठक बुलाकर बजट पास कराने का प्रयास किए गए लेकिन 25 जून और नौ जून को प्रस्तावित की गई बैठक स्थगित हो चुकी है। इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। जलकर और गृहकर चुकाने के बाद भी शहरी सुविधाओं से वंचित हैं। शाहगंज निवासी तृप्ति श्रीवास्तव ने बताया कि उनके मोहल्ले की सड़क कई साल से खराब है। नाली का पानी रास्ते पर भरा रहता है। कई बार मांग की गई, लेकिन न सड़क ठीक की गई और न ही नाली की सफाई कराई गई।
सदर बाजार निवासी संजय गुप्ता का कहना है कि मोहल्ले के हैंडपंप खराब हैं और नगर पालिका से होने वाली जलापूर्ति का कोई ठिकाना नहीं। बिजली न आने पर मोहल्ले के लोग हैंडपंप से पानी भर लेते थे, लेकिन वह भी खराब पड़ा है। इस कारण लोगों को भटकना पड़ता है। तकीनगर शबीहा उमर ने बताया कि मुख्य रास्तों पर पड़ने वाले नाली-नालों के पत्थर काफी समय से टूटे हैं। लोग अक्सर गिरकर चुटहिल होते हैं। सबसे ज्यादा परेशानी छोटे बच्चों को होती है।
पुरानी बाजार निवासी अमन ने बताया कि नाला-नालियों की सफाई न होने से लोग आने वाले बारिश के दिनों को लेकर चिंतित हैं। जिस तरह से औपचारिकता बरती गई है, उससे बारिश में जलभराव होना तय है।
वाहन अड्डों और होर्डिंग ठेकों की नहीं हो पाई नीलामी
नगर पालिका दो साल से वाहन (पड़ाव) अड्डों की नीलामी नहीं करा पा रही है। इस साल भी दो बार नीलामी के लिए ठेकेदारों को बुलाया गया, लेकिन कोरम पूरा न होने से नीलामी नहीं हो पाई। वाहन अड्डों की नीलामी से नगर पालिका को सालाना 40 लाख रुपये की आमदनी हो सकती है। यही हाल होर्डिंग स्थलों की नीलामी का है। दो साल से ठेका न उठने से दस लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
हर महीने कर्मचारियों के वेतन, संविदा कर्मियों के मानदेय, आउटसोर्सिंग कर्मियों आदि के वेतन पर 2.72 करोड़ रुपये खर्च हो जाते हैं। जो बजट मिल रहा है, वह वेतन के लिए पूरा नहीं पड़ रहा है। बजट की कमी होने से जरूरी काम नहीं हो पा रहे हैं। इस महीने अमृत योजना की अंश राशि के रूप मे 40 लाख रुपये की और कटौती हो जाएगी। वाहन अड्डों और होर्डिंग स्थलों की नीलामी से कुछ आमदनी होती, लेकिन नीलामी भी नहीं हो पाई। – ऊषा कटियार, नगर पालिका अध्यक्ष।
नगर पालिका की बकायेदारी पर एक नजर
-हैंडपंप और पाइप लाइन रिपेयरिंग का एक करोड़
-नाली-नालों के पत्थर आपूर्तिकर्ता का 25 लाख।
-जेसीबी और लोडरों की मरम्मत का 50 लाख।
-मरम्मत कार्य कराने वाली एजेंसियों का एक करोड़।
-डीजल/पेट्रोल के 60 लाख रुपये।
आईबीपी चौराहा पर टूटा पड़ा नाले पर बना रोड क्रास। संवाद– फोटो : UNNAO
उन्नाव। नगर पालिका में अर्से से चली आ रही बजट की कमी शहरी लोगों की मुश्किलें बढ़ा रही है। आलम यह है कि जर्जर सड़कें नहीं बन पा रहीं हैं। नए हैंडपंप लगने तो दूर पुरानों की मरम्मत तक नहीं हो रही है। यही हाल अन्य योजनाओं का है। शासन ने राज्य वित्त से मिलने वाला 3.46 करोड़ बजट घटाकर 2.39 कर दिया है। पालिका की आमदनी के रास्ते भी बंद हैं। इसमें आम शहरी पिस रहे हैं।
नगर पालिका में इन दिनों बजट की कमी है। इससे विकास कार्य के साथ-साथ मरम्मत के कार्य भी नहीं हो पा रहे हैं। हालात यह हैं कि शहर में न तो साबुत रास्ते हैं और ना ही अन्य सुविधाएं। शहर के विभिन्न वार्डों और गली-मोहल्लों में 390 रास्तों का निर्माण करीब छह महीने से प्रस्तावित है, लेकिन बजट की कमी से काम नहीं हो पा रहा है। 158 हैंडपंपों की मरम्मत, 176 रोड क्रास नाली/नालों के पत्थर लगने हैं। नाला सफाई व कूड़ा उठाने में प्रयोग होने वाले वाहनों की मरम्मत नहीं हो पा रही है।
इस वित्तीय वर्ष 2022-23 में नगर पालिका बोर्ड बैठक बुलाकर बजट पास कराने का प्रयास किए गए लेकिन 25 जून और नौ जून को प्रस्तावित की गई बैठक स्थगित हो चुकी है। इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। जलकर और गृहकर चुकाने के बाद भी शहरी सुविधाओं से वंचित हैं। शाहगंज निवासी तृप्ति श्रीवास्तव ने बताया कि उनके मोहल्ले की सड़क कई साल से खराब है। नाली का पानी रास्ते पर भरा रहता है। कई बार मांग की गई, लेकिन न सड़क ठीक की गई और न ही नाली की सफाई कराई गई।
सदर बाजार निवासी संजय गुप्ता का कहना है कि मोहल्ले के हैंडपंप खराब हैं और नगर पालिका से होने वाली जलापूर्ति का कोई ठिकाना नहीं। बिजली न आने पर मोहल्ले के लोग हैंडपंप से पानी भर लेते थे, लेकिन वह भी खराब पड़ा है। इस कारण लोगों को भटकना पड़ता है। तकीनगर शबीहा उमर ने बताया कि मुख्य रास्तों पर पड़ने वाले नाली-नालों के पत्थर काफी समय से टूटे हैं। लोग अक्सर गिरकर चुटहिल होते हैं। सबसे ज्यादा परेशानी छोटे बच्चों को होती है।
पुरानी बाजार निवासी अमन ने बताया कि नाला-नालियों की सफाई न होने से लोग आने वाले बारिश के दिनों को लेकर चिंतित हैं। जिस तरह से औपचारिकता बरती गई है, उससे बारिश में जलभराव होना तय है।
वाहन अड्डों और होर्डिंग ठेकों की नहीं हो पाई नीलामी
नगर पालिका दो साल से वाहन (पड़ाव) अड्डों की नीलामी नहीं करा पा रही है। इस साल भी दो बार नीलामी के लिए ठेकेदारों को बुलाया गया, लेकिन कोरम पूरा न होने से नीलामी नहीं हो पाई। वाहन अड्डों की नीलामी से नगर पालिका को सालाना 40 लाख रुपये की आमदनी हो सकती है। यही हाल होर्डिंग स्थलों की नीलामी का है। दो साल से ठेका न उठने से दस लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
हर महीने कर्मचारियों के वेतन, संविदा कर्मियों के मानदेय, आउटसोर्सिंग कर्मियों आदि के वेतन पर 2.72 करोड़ रुपये खर्च हो जाते हैं। जो बजट मिल रहा है, वह वेतन के लिए पूरा नहीं पड़ रहा है। बजट की कमी होने से जरूरी काम नहीं हो पा रहे हैं। इस महीने अमृत योजना की अंश राशि के रूप मे 40 लाख रुपये की और कटौती हो जाएगी। वाहन अड्डों और होर्डिंग स्थलों की नीलामी से कुछ आमदनी होती, लेकिन नीलामी भी नहीं हो पाई। – ऊषा कटियार, नगर पालिका अध्यक्ष।
नगर पालिका की बकायेदारी पर एक नजर
-हैंडपंप और पाइप लाइन रिपेयरिंग का एक करोड़
-नाली-नालों के पत्थर आपूर्तिकर्ता का 25 लाख।
-जेसीबी और लोडरों की मरम्मत का 50 लाख।
-मरम्मत कार्य कराने वाली एजेंसियों का एक करोड़।
-डीजल/पेट्रोल के 60 लाख रुपये।
आईबीपी चौराहा पर टूटा पड़ा नाले पर बना रोड क्रास। संवाद– फोटो : UNNAO
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