आखिर वो घड़ी आ ही गई जिसका इंतजार था। बहुचर्चित ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी प्रकरण में सोमवार दोपहर जिला जज की अदालत ने फैसला सुना दिया। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने मुस्लिम पक्ष यानी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के प्रार्थना पत्र को अपने फैसले में खारिज कर दिया। इसके साथ ही अदालत ने प्रकरण के आगे भी सुनवाई जारी रहने की जानकारी देते हुए अगली तिथि 22 सितंबर तय कर दी। अदालत के इस फैसले की जानकारी होते ही हिंदू पक्ष के लोगों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी।
अदालत परिसर के बाहर मौजूद लोगों ने हर-हर महादेव का उद्घोष किया। एक दूसरे का मुंह मीठा कराया। अदालत के फैसले के बाद हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन, विष्णुशंकर जैन समेत वादी और अन्य अधिवक्ता काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे। सभी ने बाबा विश्वनाथ की पूजा-अर्चना की। उधर, इस फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है।
ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन के मामले में सोमवार को फैसला आने के बाद कोर्ट में याचिका दायर करने वाली याची महिलाएं खुशी से झूम उठीं। फैसला सुनने के बाद उन्होंने हर-हर महादेव का जयघोष किया। इसके साथ ही बम-बम बोल रहा है काशी पर झूम उठीं।
ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी प्रकरण में अदालत के फैसले के बाद लमही के सुभाष भवन में मुस्लिम महिलाओं ने भगवान शिव की आरती उतारी। मुस्लिम महिला फाउंडेशन की नेशनल सदर नाजनीन अंसारी के नेतृत्व में कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
कोर्ट परिसर से बाहर आने के बाद याची महिलाओं ने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि फैसला सोमवार को ही आया। मीडिया से बात करते हुए कहा कि ऐतिहासिक दिन है। कहा कि अब पुरातात्विक सर्वेक्षण और दर्शन पूजन का अधिकार दिलाने की मांग की जाएगी।
वादी महिलाओं ने कहा कि जो भी साक्ष्य मिले हैं, अब उसकी कार्बन डेटिंग कराने की मांग की जाएगी। फैसले के बाद महिलाओं को लोगों ने मिठाई खिलाकर खुशियां बांटीं। इस दौरान याचिकाकर्ता सोहन लाल आर्य, शशांक शेखर त्रिपाठी सहित कई लोग मौजूद रहे।