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नवाबगंज। हाईवे पर रोडवेज बस पकड़ने जा रही बीटीसी छात्रा को तेज रफ्तार ट्रक ने रौंद दिया। हादसे के बाद चालक ट्रक लेकर भाग निकला। पुलिस ने शव की शिनाख्त कराने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेजा। टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से पुलिस ट्रक का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
बिहार राज्य के जिला गोपालगंज के थाना जगदीशपुर के गांव विजयपुर निवासी तत्वदर्शी तिवारी की बेटी ज्योति (25) लखनऊ के एक डिग्री कॉलेज में बीटीसी के अंतिम वर्ष की छात्रा थी। छात्रा के साथ अजगैन कोतवाली के कृष्णानगर निवासी लालबहादुर राजपूत की बेटी नेहा भी पढ़ती है। ज्योति अक्सर नेहा के घर ही रुक जाती थी। पढ़ाई के साथ साथ वह नौकरी के लिए भी कोशिश कर रही थी।
लखनऊ के सहारा अस्पताल में रिशेप्सन के लिए मंगलवार को साक्षात्कार दिया था। बुधवार को उसे नियुक्ति पत्र मिलना था। लखनऊ जाने के लिए ज्योति ऑटो से नवाबगंज पहुंची। कानपुर की ओर से आ रही रोडवेज बस को रुकने के लिए हाथ का इशारा दिया तो चालक ने बस रोक दी।
छात्रा जैसे ही आगे बढ़ी तभी लखनऊ की ओर जा रहे ट्रक की चपेट में आ गई। हादसे के बाद दोनों चालक वाहन लेकर चले गए। पुलिस ने मृतका के पास मिले आधार कार्ड से पहचान कर मोबाइल फोन से परिजनों को सूचना देकर शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा। मृतका पांच भाई बहनों में सबसे बड़ी थी। बेटी की मौत से परिजन बेहाल हैं। कोतवाल वीके मिश्रा ने बताया कि तहरीर आने पर रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।
होनहार छात्रा ने पॉलीटेक्निक भी की थी
मृतका की सहेली नेहा राजपूत ने बताया कि पांच साल पहले दोनों ने लखनऊ के राजकीय पॉलीटेक्निक से सिविल इंजीनियर ट्रेड का कोर्स किया था। इस दौरान दोनों में दोस्ती हुई थी। बाद में दोनों का एक दूसरे के घर आना-जाना हो गया था। अब साथ में दोनों बीटीसी कर रही थीं।
घर से दोनों निकली थीं साथ
सहेली नेहा ने बताया कि घर से दोनों के एक साथ निकले थे। अजगैन कोतवाली तक साथ आए। बाद में नेहा को जिला अस्पताल और ज्योति को लखनऊ जाना था। बस न मिलने से ज्योति नवाबगंज तक जाने के लिए ऑटो में बैठ गई। वहीं, नेहा भी दूसरे वाहन से उन्नाव के लिए निकली। वह अस्पताल पहुंच भी न पाई थी कि सहेली की मौत की सूचना मिल गई। इससे वह सदमे में हैं।
सवारियों के लिए कहीं भी रोक देते हैं बस
रोडवेज चालकों की मनमानी का आलम यह है कि सवारियां उतारने व बैठाने के लिए कहीं भी बस रोक देते है। इससे हादसे होते रहते है। लखनऊ-कानपुर रूट के बस चालक धीमी गति से सवारियों को उतारते हुए चलते हैं। सवारियां बैठाने के लिए हाईवे पर कहीं भी बस रोककर सवारी बैठाने लगते हैं। इससे हादसे हो रहे हैं।
नवाबगंज। हाईवे पर रोडवेज बस पकड़ने जा रही बीटीसी छात्रा को तेज रफ्तार ट्रक ने रौंद दिया। हादसे के बाद चालक ट्रक लेकर भाग निकला। पुलिस ने शव की शिनाख्त कराने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेजा। टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से पुलिस ट्रक का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
बिहार राज्य के जिला गोपालगंज के थाना जगदीशपुर के गांव विजयपुर निवासी तत्वदर्शी तिवारी की बेटी ज्योति (25) लखनऊ के एक डिग्री कॉलेज में बीटीसी के अंतिम वर्ष की छात्रा थी। छात्रा के साथ अजगैन कोतवाली के कृष्णानगर निवासी लालबहादुर राजपूत की बेटी नेहा भी पढ़ती है। ज्योति अक्सर नेहा के घर ही रुक जाती थी। पढ़ाई के साथ साथ वह नौकरी के लिए भी कोशिश कर रही थी।
लखनऊ के सहारा अस्पताल में रिशेप्सन के लिए मंगलवार को साक्षात्कार दिया था। बुधवार को उसे नियुक्ति पत्र मिलना था। लखनऊ जाने के लिए ज्योति ऑटो से नवाबगंज पहुंची। कानपुर की ओर से आ रही रोडवेज बस को रुकने के लिए हाथ का इशारा दिया तो चालक ने बस रोक दी।
छात्रा जैसे ही आगे बढ़ी तभी लखनऊ की ओर जा रहे ट्रक की चपेट में आ गई। हादसे के बाद दोनों चालक वाहन लेकर चले गए। पुलिस ने मृतका के पास मिले आधार कार्ड से पहचान कर मोबाइल फोन से परिजनों को सूचना देकर शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा। मृतका पांच भाई बहनों में सबसे बड़ी थी। बेटी की मौत से परिजन बेहाल हैं। कोतवाल वीके मिश्रा ने बताया कि तहरीर आने पर रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।
होनहार छात्रा ने पॉलीटेक्निक भी की थी
मृतका की सहेली नेहा राजपूत ने बताया कि पांच साल पहले दोनों ने लखनऊ के राजकीय पॉलीटेक्निक से सिविल इंजीनियर ट्रेड का कोर्स किया था। इस दौरान दोनों में दोस्ती हुई थी। बाद में दोनों का एक दूसरे के घर आना-जाना हो गया था। अब साथ में दोनों बीटीसी कर रही थीं।
घर से दोनों निकली थीं साथ
सहेली नेहा ने बताया कि घर से दोनों के एक साथ निकले थे। अजगैन कोतवाली तक साथ आए। बाद में नेहा को जिला अस्पताल और ज्योति को लखनऊ जाना था। बस न मिलने से ज्योति नवाबगंज तक जाने के लिए ऑटो में बैठ गई। वहीं, नेहा भी दूसरे वाहन से उन्नाव के लिए निकली। वह अस्पताल पहुंच भी न पाई थी कि सहेली की मौत की सूचना मिल गई। इससे वह सदमे में हैं।
सवारियों के लिए कहीं भी रोक देते हैं बस
रोडवेज चालकों की मनमानी का आलम यह है कि सवारियां उतारने व बैठाने के लिए कहीं भी बस रोक देते है। इससे हादसे होते रहते है। लखनऊ-कानपुर रूट के बस चालक धीमी गति से सवारियों को उतारते हुए चलते हैं। सवारियां बैठाने के लिए हाईवे पर कहीं भी बस रोककर सवारी बैठाने लगते हैं। इससे हादसे हो रहे हैं।
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