बांके बिहारी मंदिर क्षेत्र : विकास की रिपोर्ट देंगे हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज, अगली सुनवाई 16 दिसंबर को

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बांके बिहारी मंदिर।

बांके बिहारी मंदिर।
– फोटो : अमर उजाला

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा में ठाकुर बांके बिहारी जी महाराज मंदिर परिसर तथा उसके आसपास के क्षेत्रों के विकास के बारे में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस सुधीर नारायण को जांच कर अदालत में रिपोर्ट देने का अनुरोध किया है। साथ ही कोर्ट ने न्यायमूर्ति को विशेष सचिव धर्मार्थ कार्य उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दाखिल हलफनामे की प्रति उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है ताकि वह विकास को लेकर सरकार के प्रस्ताव से वाकिफ  होकर अपनी रिपोर्ट दे सकें।

यह आदेश चीफ  जस्टिस राजेश बिंदल एवं जस्टिस जेजे मुनीर की खंडपीठ ने अनंत शर्मा व अन्य की ओर से दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पारित किया। प्रदेश सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने सरकार का पक्ष रखा तथा सचिव धर्मार्थ कार्य उत्तर प्रदेश की ओर से हलफनामा दाखिल किया। 

दाखिल किए गए हलफनामे में मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में भीड़ को सुव्यवस्थित करने को लेकर प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है। कोर्ट ने सरकार के इस प्रस्ताव को रिटायर्ड जस्टिस सुधीर नारायण को देने को कहा है ताकि वह इसका अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकें।

मंदिर के सेवायतों ने सरकार की ओर से प्रस्तुत विकास की कार्य योजना पर संदेह व्यक्त करते हुए अपने वकीलों के माध्यम से कहा कि उन्हें आशंका है कि सरकार मंदिर के प्रबंधन में विकास के नाम पर हस्तक्षेप न करे।

कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह रिटायर्ड जस्टिस सुधीर नारायण को सारी सुविधाएं मुहैया कराए ताकि वह अपनी रिपोर्ट दे सकें। कोर्ट ने आदेश के प्रति रिटायर्ड जस्टिस सुधीर नारायण को देने के लिए हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार अनुपालन को निर्देश दिया है। कोर्ट इस याचिका पर अगली सुनवाई 16 दिसंबर 2022 को करेगी।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा में ठाकुर बांके बिहारी जी महाराज मंदिर परिसर तथा उसके आसपास के क्षेत्रों के विकास के बारे में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस सुधीर नारायण को जांच कर अदालत में रिपोर्ट देने का अनुरोध किया है। साथ ही कोर्ट ने न्यायमूर्ति को विशेष सचिव धर्मार्थ कार्य उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दाखिल हलफनामे की प्रति उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है ताकि वह विकास को लेकर सरकार के प्रस्ताव से वाकिफ  होकर अपनी रिपोर्ट दे सकें।

यह आदेश चीफ  जस्टिस राजेश बिंदल एवं जस्टिस जेजे मुनीर की खंडपीठ ने अनंत शर्मा व अन्य की ओर से दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पारित किया। प्रदेश सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने सरकार का पक्ष रखा तथा सचिव धर्मार्थ कार्य उत्तर प्रदेश की ओर से हलफनामा दाखिल किया। 

दाखिल किए गए हलफनामे में मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में भीड़ को सुव्यवस्थित करने को लेकर प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है। कोर्ट ने सरकार के इस प्रस्ताव को रिटायर्ड जस्टिस सुधीर नारायण को देने को कहा है ताकि वह इसका अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकें।



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