बारिश की एक भी बूंद नहीं होगी बर्बाद: मुगलों की प्राचीन जल प्रणाली के आगे आज की इंजीनियरिंग भी फेल,जानें कैसे सहेजते थे पानी

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No single drop of rain will be wasted Today engineering also fails in front of ancient water system of Mughals

फतेहपुर सीकरी

विस्तार

आगरा में 450 साल पहले तक मुगलिया राजधानी रही फतेहपुर सीकरी में बारिश की बूंदों को सहेजने के लिए जो प्राचीन जल प्रणाली इस्तेमाल की गई, उसके एक हिस्से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने फिर से सहेजा है।

शाही महल परिसर में पानी को सहेजने के लिए तीन स्तरीय प्रक्रिया के तहत बने अनूप तालाब, सुखताल के बाद अब सबसे निचले तल पर मौजूद शाह कुली ताल को पुनर्जीवित किया गया है। दो मीटर तक इस ताल में गाद और मिट्टी जमा थी, जिसे हटाने के साथ इसकी उत्तरी और पूर्वी दीवार का संरक्षण किया गया है। 30 जून तक शाह कुली ताल को तैयार कर इसमें मानसून में बारिश का पानी सहेजा जा सकेगा।

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