बीघापुर में नहीं खुला धान क्रय केंद्र, किसान परेशान

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बीघापुर। विकासखंड क्षेत्र में धान खरीद के लिए कोई क्रय केंद्र न बनाए जाने से किसानों में आक्रोश है। किसान अपनी उपज को औने पौने दामों में व्यापारियों के हाथ बेचने को मजबूर हैं।
बीघापुर विकासखंड के शिवदीनखेड़ा, मगरायर, बेहटा भवनी, बेहटा गोपी सहित अन्य गांवों में धान की देहरादून प्रजाति व मोटे धान की फसलों का उत्पादन होता है। धान क्रय केंद्र न होने से किसान व्यापारियों के हाथों कम दामों में धान की उपज बेचने को मजबूर हैं। दो वर्ष पूर्व विकासखंड परिसर में संचालित पीसीएफ का क्रय केंद्र व नगर पंचायत में ही एफसीआई केंद्र पर धान उपज की खरीद होती थी लेकिन पिछले साल एफसीआई का खरीद केंद्र बंद हो गया।
वहीं पीसीएफ खरीद केंद्र को बीघापुर से हटाकर घाटमपुर कला बना दिया। इस वर्ष घाटमपुर कला में भी खरीद केंद्र नहीं बन सका। शिवदीनखेड़ा निवासी महेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि सरकार द्वारा एमएसपी बढ़ाए जाने के बावजूद बीघापुर विकासखंड के किसान कम दामों में धान बेचने को मजबूर हैं। ओसिया निवासी किसान बच्चू लाल साहू ने बताया कि बीघापुर विकासखंड के किसानों के साथ लगातार प्रशासनिक उपेक्षा जारी है।
पिछले वर्ष घाटमपुर कला में केवल एक केंद्र खोला गया लेकिन इस वर्ष वह भी बंद कर दिया गया। जिला खाद्य विपणन अधिकारी श्याम मिश्रा ने बताया कि सुमेरपुर विकासखंड के भगवंतनगर, कोटवर, महेशखेड़ा तथा सिकंदरपुर में खरीद केंद्र बनाए गए हैं। किसान अपनी उपज वहीं ले जाकर बेच सकता है। बताया कि बीघापुर से केंद्र खोलने की मांग नहीं मिली।
एसडीएम रणवीर कुमार ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में अभी आया है। समस्या को दिखवाते हैं। किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल कराने की कोशिश की जाएगी।
बीघापुर के किसान राजेंद्र सिंह, जय सिंह, कंचन सिंह, कालिका प्रसाद यादव, कृष्ण कुमार यादव व सुरेश यादव आदि ने खाद्य विपणन अधिकारी के बयान को हास्यास्पद बताया। कहा कि बीघापुर विकासखंड से सारे केंद्र 10 से 20 किलोमीटर की दूरी पर है। पांच क्विंटल धान बेचने के लिए वहां तक पहुंचाने में ही काफी खर्च हो जाएगा। किसान नेता नरेंद्र पटेल ने कहा कि किसानों की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वह चुप नहीं बैठेंगे।

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बीघापुर। विकासखंड क्षेत्र में धान खरीद के लिए कोई क्रय केंद्र न बनाए जाने से किसानों में आक्रोश है। किसान अपनी उपज को औने पौने दामों में व्यापारियों के हाथ बेचने को मजबूर हैं।

बीघापुर विकासखंड के शिवदीनखेड़ा, मगरायर, बेहटा भवनी, बेहटा गोपी सहित अन्य गांवों में धान की देहरादून प्रजाति व मोटे धान की फसलों का उत्पादन होता है। धान क्रय केंद्र न होने से किसान व्यापारियों के हाथों कम दामों में धान की उपज बेचने को मजबूर हैं। दो वर्ष पूर्व विकासखंड परिसर में संचालित पीसीएफ का क्रय केंद्र व नगर पंचायत में ही एफसीआई केंद्र पर धान उपज की खरीद होती थी लेकिन पिछले साल एफसीआई का खरीद केंद्र बंद हो गया।

वहीं पीसीएफ खरीद केंद्र को बीघापुर से हटाकर घाटमपुर कला बना दिया। इस वर्ष घाटमपुर कला में भी खरीद केंद्र नहीं बन सका। शिवदीनखेड़ा निवासी महेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि सरकार द्वारा एमएसपी बढ़ाए जाने के बावजूद बीघापुर विकासखंड के किसान कम दामों में धान बेचने को मजबूर हैं। ओसिया निवासी किसान बच्चू लाल साहू ने बताया कि बीघापुर विकासखंड के किसानों के साथ लगातार प्रशासनिक उपेक्षा जारी है।

पिछले वर्ष घाटमपुर कला में केवल एक केंद्र खोला गया लेकिन इस वर्ष वह भी बंद कर दिया गया। जिला खाद्य विपणन अधिकारी श्याम मिश्रा ने बताया कि सुमेरपुर विकासखंड के भगवंतनगर, कोटवर, महेशखेड़ा तथा सिकंदरपुर में खरीद केंद्र बनाए गए हैं। किसान अपनी उपज वहीं ले जाकर बेच सकता है। बताया कि बीघापुर से केंद्र खोलने की मांग नहीं मिली।

एसडीएम रणवीर कुमार ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में अभी आया है। समस्या को दिखवाते हैं। किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल कराने की कोशिश की जाएगी।

बीघापुर के किसान राजेंद्र सिंह, जय सिंह, कंचन सिंह, कालिका प्रसाद यादव, कृष्ण कुमार यादव व सुरेश यादव आदि ने खाद्य विपणन अधिकारी के बयान को हास्यास्पद बताया। कहा कि बीघापुर विकासखंड से सारे केंद्र 10 से 20 किलोमीटर की दूरी पर है। पांच क्विंटल धान बेचने के लिए वहां तक पहुंचाने में ही काफी खर्च हो जाएगा। किसान नेता नरेंद्र पटेल ने कहा कि किसानों की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वह चुप नहीं बैठेंगे।



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