भारतीय किसान यूनियन अंबावता ने भूमि अधिग्रहण के मुआवजे, किसानों को लाभकारी गन्ना मूल्य और डीएम पर किसानों के साथ अशालीन व्यवहार किए जाने का आरोप लगाते हुए धरना प्रदर्शन किया। धरना शुरू होते ही सिटी मजिस्ट्रेट ने माइक बंद करा दिया, लेकिन किसान कलेक्ट्रेट में डटे रहे। किसानों ने एसडीएम सदर परमानंद झा को पांच सूत्रीय मांग पत्र सौंपा है।
भाकियू अंबावता के धरने के एलान को देखते हुए कलेक्ट्रेट परिसर में सुबह से ही पुलिस और अर्धसैनिक बल तैनात किया गया था। संगठन के कार्यकर्ता सुबह 10 बजे ही पहुंचने शुरू हो गए थे। करीब साढ़े ग्यारह बजे माइक से भाषण शुरू हुआ तो सिटी मजिस्ट्रेट अनूप सिंह धरना स्थल पर पहुंचे और माइक बंद करने के लिए कहा। पुलिस ने किसानों को शांत होकर बैठने के लिए कहा। इस बीच जिलाध्यक्ष शाह आलम भी धरने पर पहुंच गए। दो घंटे तक किसान कुछ महिला कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठे रहे। इसके बाद गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़, बागपत और शामली के पदाधिकारी धरने में पहुंचे।
प्रदेश महासचिव कृष्ण नागर ने माइक संभाला तो सिविल लाइन एसओ ने माइक बंद कराने का प्रयास किया, लेकिन वह कामयाब नहीं हुए। वक्ताओं ने कहा कि 29 नवंबर को डीएम ने किसानों और कार्यकर्ताओं के साथ अशालीन व्यवहार किया था। धरने पर बैठे किसान डीएम को अपने बीच बुलाने की जिद पर अड़ गए।
वहीं बाद में लंबी बातचीत के चलते एसडीएम सदर परमानंद झा किसानों के बीच पहुंचे और ज्ञापन लिया। एसडीएम ने कहा कि सरकार और प्रशासन किसानों का सम्मान करता है। इसके बाद धरना समाप्त हुआ। धरने की अध्यक्षता हाजी ताहिर ने की। प्रदेश अध्यक्ष विकास प्रधान, प्रदेश प्रभारी मुनेंद्र पहलवाल, राष्ट्रीय प्रवक्ता ब्रिजेश भाटी, महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष रश्मि चौधरी, युवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष फरमान त्यागी, नोएडा के लोकेश भाटी, नितिन बैंसला, नरेंद्र बंसल, मोनू पंवार, मेरठ जिलाध्यक्ष जितेंद्र चौधरी, संदीप कुमार और अरविंद कुमार ने विचार रखे।
किसानों ने रखीं ये पांच मांगें
भाकियू अंबावता ने राज्यपाल को भेजे ज्ञापन में पांच मांगें रखीं। इनमें एनएच-58 में अधिग्रहित की गई किसानों की भूमि का उचित मुआवजा देने की मांग रखी। 29 नवंबर के प्रकरण में डीएम के व्यवहार पर रोष जताया गया। व्यापारियों पर जीएसटी के छापे बंद करने और गन्ना मूल्य 400 रुपये क्विंटल करने आदि मांग की गई।
किसानों को बांटी गई ताहरी
जिलाध्यक्ष शाह आलम के नेतृत्व में धरने पर पहुंचे किसानों के लिए सुबह नाश्ते में समोसे और दोपहर को भोजन के समय ताहरी की व्यवस्था की गई थी।