भाजपा नेता की मौत: श्वेता सोशल मीडिया पर शेयर करती रहीं ‘मन की बात’, लिखा- ‘मुश्किलों से कह दो उलझा न करें हमसे…’

0
33

[ad_1]

बांदा जिले में जिला पंचायत सदस्य श्वेता सिंह गौर की मौत ने हर किसी को झकझोर दिया। श्वेता सिंह के सोशल मीडिया पोस्ट चर्चा का विषय बने हुए हैं। ‘मुश्किलों से कह दो उलझा न करें हमसे, हमें हर हाल में जीने का हुनर आता है।’ राजनीति में कदम रखने के बाद मुखर हुईं श्वेता सिंह गौर के दांपत्य जीवन में इधर कुछ दिनों से जो चल रहा था वह सोशल मीडिया में परोसे जा रहे मैसेज संकेतों से साफ पता चल रहा है। पति-पत्नी के बीच घर में आमने-सामने तो विवाद होता ही था, साथ ही सोशल मीडिया पर इशारों इशारों पर एक-दूसरे पर कटाक्ष या शब्दों के बाण भी चल रहे थे। श्वेता द्वारा आए दिन सोशल मीडिया पर किए जाते रहे पोस्ट इसके गवाह हैं। डेढ़ दशक पूर्व दीपक और श्वेता दांपत्य बंधन में बंधे थे। शुरूआती जीवन खूबसूरत रहा। दोनों के तीन बेटियां हैं।

खुशहाल और भरा परिवार था। लेकिन पति दीपक की सियासी तमन्नाओं ने श्वेता को सियासत की राह पर ला खड़ा किया। बस यहीं से एक खुशहाल परिवार में कलह का आगाज हो गया। जो लगातार बढ़ता रहा और श्वेता की मौत तक जा पहुंचा।

यह भी पढ़ें -  मैनपुरी: अंतरराष्ट्रीय असलहा तस्कर गैंग के चार सदस्य मुठभेड़ में गिरफ्तार, 20 पिस्टल और कारतूस बरामद

श्वेता की ओर से हाल ही में सोशल मीडिया पर जारी किए गए पोस्ट साफ इशारा कर रहे हैं कि उसके घरेलू जीवन में सबकुछ ठीकठाक नहीं था। पोस्ट की कुछ इबारतों के उदाहरण देखिए- ‘धैर्य की अपनी सीमाएं हैं, अगर ज्यादा हो जाए तो कायरता कहलाता है।

 

एक अन्य पोस्ट में श्वेता ने लिखा था- आजाद होने के मायने हैं कि औरत जैसे रहना चाहे रह सके, इसका मतलब मर्दों से होड़ करना नहीं। बल्कि अपनी क्षमताओं और व्यक्तित्व को समझना है। अंदर से टूटी हुई श्वेता हमेशा मुस्कुराती थीं। एक पोस्ट में लिखा- अंतरमन में संघर्ष और फिर भी मुस्कुराता हुआ चेहरा, यही जीवन का श्रेष्ठ अभिनय है।

श्वेता की इन पोस्टों पर पति दीपक भी कभी-कभार जवाबी वार करता था। एक पोस्ट में दीपक ने लिखा- अधिक इच्छाएं प्रसन्नता की सबसे बड़ी शत्रु है। इस पोस्ट में दीपक ने अपना पद जिला संयोजक भाजपा राष्ट्रीय महासंपर्क अभियान, बांदा लिखा।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here