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जिला पंचायत सदस्य और भाजपा नेत्री श्वेता सिंह गौर की मौत के मामले में श्वेता के ससुर रिटायर्ड डीआईजी और भाजपा नेता पति समेत सास व जेठ के विरुद्ध हत्या और दहेज उत्पीड़न की रिपोर्ट दर्ज हो गई है। श्वेता के भाई ओमकार सिंह की तहरीर पर गुरुवार सुबह शहर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की गई है। फिलहाल किसी आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया है। जिला पंचायत सदस्य और भाजपा महिला मोर्चा की महामंत्री श्वेता सिंह का बुधवार को उनके इंदिरा नगर स्थित आवास पर बंद कमरे में सीलिंग फैन पर दुपट्टे से फंदे पर टंगा शव मिला था। पुलिस इसे प्रथम दृष्टया आत्महत्या मान रही है। हालांकि घटना के कुछ ही देर बाद मायके (कर्वी, चित्रकूट) से पहुंचे पिता धर्मवीर सिंह और भाई ओमकार सिंह ने श्वेता की मौत को हत्या बताया था।
श्वेता के पति के सत्तारूढ़ दल से जुड़े होने और ससुर के रिटायर्ड डीआईजी होने से यह मामला सुर्खियों में है। अंतत: गुरुवार तड़के 2.10 बजे शहर कोतवाली में श्वेता के भाई ओमकार सिंह की ओर से दर्ज कराई गई रिपोर्ट में कहा है कि उसकी बहन को पति दीपक सिंह, ससुर राजबहादुर सिंह, जेठ धनंजय सिंह व सास पुष्पा सिंह लगातार मारपीट व प्रताड़ित करते थे।
कारोबार के लिए 50 लाख रुपये की मांग कर रहे थे। पुत्र न होने पर ताने देते थे। भाई ने कहा कि श्वेता समय-समय पर इसकी जानकारी फोन और व्हाट्सएप से उसे दे रही थी। ओमकार ने कहा कि 26 अप्रैल को वह छोटे भाई, मां और मौसी के साथ श्वेता की ससुराल आया और आपत्ति जताई तो पति दीपक ने कहा कि उसके पिता रिटायर्ड पुलिस अधिकारी हैं।
कहा कि दोपहर 12 बजे श्वेता को मारकर पति दीपक सिंह फरार हो गया। पुलिस ने भाई की इस तहरीर के आधार पर पति दीपक सिंह गौर, ससुर राजबहादुर सिंह, सास पुष्पा सिंह और जेठ धनंजय सिंह के हत्या, दहेज के लिए हत्या और दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा में रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
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