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नयी दिल्ली:
भारत की खुदरा मुद्रास्फीति मार्च में 5.66 प्रतिशत से गिरकर अप्रैल में 4.7 प्रतिशत हो गई, जो अक्टूबर 2021 के बाद सबसे कम है और नवंबर 2021 के बाद पहली बार 5 प्रतिशत से नीचे आई है।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी), जो विभिन्न क्षेत्रों की विकास दर दिखाता है, मार्च में गिरकर 1.1 प्रतिशत हो गया, जो फरवरी में 5.6 प्रतिशत था।
सरकार ने एक बयान में कहा, “1,114 शहरी बाजारों और 1,181 गांवों से मूल्य डेटा एकत्र किया गया था।”
यह लगातार दूसरे महीने के लिए था कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 6 प्रतिशत से नीचे के आराम क्षेत्र के भीतर रही।
RBI ने वित्त वर्ष 2024 के लिए CPI मुद्रास्फीति को 5.2 प्रतिशत पर अनुमानित किया है।
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