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कोरोना काल में पैरोल पर आया था बाहर, दर्ज हैं 17 मुकदमे
नरेंद्र उर्फ लाला फिरोजाबाद के दक्षिण थाना क्षेत्र के मोहल्ला हिमायूंपुर का रहने वाला है। वह कोरोना काल में पैरोल पर जेल से बाहर आया था। उस पर जिले के विभिन्न थानों में लूट, हत्या का प्रयास के साथ अन्य धाराओं में 17 मुकदमे दर्ज हैं। लाला के खिलाफ दक्षिण थाने में वर्ष 2007 में हिस्ट्रीशीट खोली गई थी, जिसका नंबर 164 ए था। 17 में से सात मुकदमों में लाला को सजा भी हो चुकी थी।
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, नरेंद्र उर्फ लाला का पूरा परिवार अपराधी है। उसके भाई जयहिंद का पुलिस ने काफी समय पहले एनकाउंटर किया था। उसने दो पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। उसकी बहन विजय उर्फ विजइया जेल में बंद हैं, वो भी लूट में आरोपी थी। नरेंद्र उर्फ लाला भी जेल में बंद था। वर्ष 2020 में कोरोना काल में उसे पैरोल पर छोड़ दिया गया था। जेल से बाहर आने के बाद उसने अपराध की दुनिया में फिर से कदम रख लिया। उसने अपने साथियों के साथ आगरा में मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी में लूट की वारदात को अंजाम दे डाला।
बस से दिल्ली, टैक्सी से ओडिशा के बाद पहुंचा था पश्चिम बंगाल
पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि नरेंद्र उर्फ लाला वारदात के बाद सीधे अपने घर भागा था। वहां से अपनी मां राजकुमारी और भाई अरुण को साथ ले लिया। फिरोजाबाद से बस में बैठने के बाद दिल्ली चला गया। वारदात के बाद पुलिस की चेकिंग में भी वो पकड़ा नहीं जा सका। दिल्ली में कुछ दिन रुकने के बाद टैक्सी से ओडिशा चला गया था। तब भी पुलिस को उसकी लोकेशन मिल गई थी। इस पर पुलिस के पहुंचने से पहले उसने अपना ठिकाना बदल दिया था। पश्चिम बंगाल में किराये के मकान में रहने लगा।
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