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सार
मथुरा के गांव अड्डा में अनुसूचित समाज के परिवार पर हमले की घटना के चार दिन बीत गए हैं। पुलिस अब तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
मथुरा जिले के गांव अड्डा में अनुसूचित समाज के लोगों की सुरक्षा के लिए पुलिस फोर्स तैनात है। बावजूद पीड़ित परिवारों में दबंगों को लेकर डर बना हुआ है। चार दिन बीतने के बाद भी हमलावर पुलिस पकड़ से दूर हैं। हालांकि पुलिस इन हमलावरों को राजस्थान और उत्तर प्रदेश के जिलों में तलाश कर रही है। बसपाइयों ने एसपी देहात से मुलाकात करके हमलावरों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है।
20 फरवरी को थाना मगोर्रा के गांव अड्डा में रालोद समर्थकों ने हाथी पर वोट डालने से कुपित होकर अनुसूचित समाज के परिवार पर जानलेवा हमला कर दिया था। इसका वीडियो वायरल हुआ तो उसमें आरोपी असलहा लहराते दिख रहे थे। ईंट-पत्थर फेंके गए थे।
हमले में पीड़ित परिवार के आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे। खून से लथपथ पीड़ित न्याय की गुहार लेकर मगोर्रा थाने पहुंचे थे। पुलिसकर्मियों ने सुनवाई की जगह पीड़ितों को दुत्कार कर भगा दिया था। इसका वीडियो वायरल होने पर पुलिस अफसरों के हस्तक्षेप पर सात नामजद आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
पीड़ित परिवार मंगलवार को घर में ताला लगाकर पलायन कर रहा था, लेकिन पुलिस ने मौके पर जाकर उन्हें सुरक्षा का विश्वास दिलाया। जब जाकर पीड़ित मानें। बसपा के पूर्व विधायक राजकुमार रावत, बसपा नेता दारा सिंह आजाद, बसपा नेता गोरेलाल जाटव, प्रेमचंद कर्दम, जिलाध्यक्ष योगेश कुमार पीड़ित परिवारों को लेकर बुधवार को एसपी देहात श्रीशचंद से मिले।
एसपी देहात ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है। सीओ गोवर्धन गौरव त्रिपाठी ने बताया कि राजस्थान के भरतपुर, यूपी के हाथरस और आगरा में हमलावरों की तलाश की जा रही है। जल्द ही हमलावर पुलिस की पकड़ में होंगे।
प्रधानी चुनाव में छिड़ी जंग से जुड़ा एंगल
मगोर्रा के गांव सींगा पट्टी का मजरा अड्डा में अनुसूचित समाज का परिवार प्रधानी चुनाव में छिड़ी जंग का शिकार हो रहा है। ऐसा पुलिस जांच में सामने आ रहा है। पुलिस हर एंगल को लेकर जांच में जुट गई है।
बता दें कि सींगापट्टी पंचायत के मजरा अड्डा में 130 परिवार निवास करते हैं। इनमें सबसे अधिक 70 परिवार जाट, 20 जाटव, 20 प्रजापति, नाई, मल्लाह, हरिजन व चौबे के दो घर बताए गए हैं। यहां अब तक जाट जाति से प्रधान चुने गए हैं। पंचायत चुनाव के दो गुट हैं।
2000 से 2005 तक वीरपाल सिंह प्रधान चुने गए थे। इसके बाद मेघश्याम की पत्नी गीता चौधरी प्रधान चुनी थीं। चुनाव में पीड़ित परिवार जगराम, गोविंद आदि का समर्थन गीता चौधरी को था। इसी बीच दलितों को पट्टे की जमीन देने को लेकर विवाद हुआ था। इसके बाद 2010 के पंचायत चुनाव में गीता सिंह पत्नी वीरपाल प्रधान चुनी गईं। समाज ने अबकी बार इन्हें समर्थन दे दिया था।
यहीं से दलित वर्चस्व की जंग के शिकार हो गए। 2015 के चुनाव में बबीता पत्नी वेदप्रकाश प्रधान चुनी गई। वर्तमान में गीता सिंह पत्नी वीरपाल प्रधान हैं। एसपी देहात श्रीशचंद का कहना है कि हर एंगल को लेकर पुलिस जांच कर रही है। जल्द ही जांच के बाद सब साफ हो जाएगा।
पुलिस ने पीड़िता का कराया कोर्ट में बयान
एसपी देहात श्रीशचंद ने बताया कि पीड़ित कांति देवी के बुधवार को कोर्ट में बयान कराए गए हैं। कांति देवी इस मामले की वादी हैं। इसके बाद मुकदमे में धाराएं बढ़ाई जा सकती हैं।
विस्तार
मथुरा जिले के गांव अड्डा में अनुसूचित समाज के लोगों की सुरक्षा के लिए पुलिस फोर्स तैनात है। बावजूद पीड़ित परिवारों में दबंगों को लेकर डर बना हुआ है। चार दिन बीतने के बाद भी हमलावर पुलिस पकड़ से दूर हैं। हालांकि पुलिस इन हमलावरों को राजस्थान और उत्तर प्रदेश के जिलों में तलाश कर रही है। बसपाइयों ने एसपी देहात से मुलाकात करके हमलावरों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है।
20 फरवरी को थाना मगोर्रा के गांव अड्डा में रालोद समर्थकों ने हाथी पर वोट डालने से कुपित होकर अनुसूचित समाज के परिवार पर जानलेवा हमला कर दिया था। इसका वीडियो वायरल हुआ तो उसमें आरोपी असलहा लहराते दिख रहे थे। ईंट-पत्थर फेंके गए थे।
हमले में पीड़ित परिवार के आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे। खून से लथपथ पीड़ित न्याय की गुहार लेकर मगोर्रा थाने पहुंचे थे। पुलिसकर्मियों ने सुनवाई की जगह पीड़ितों को दुत्कार कर भगा दिया था। इसका वीडियो वायरल होने पर पुलिस अफसरों के हस्तक्षेप पर सात नामजद आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
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