[ad_1]
अमर उजाला नेटवर्क, मथुरा
Published by: मुकेश कुमार
Updated Tue, 29 Mar 2022 09:37 AM IST
सार
यूपी सरकार में चौधरी लक्ष्मी नारायण छठी बार कैबिनेट मंत्री बने हैं। गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री बनने के बाद अब छाता में बंद पड़ी शुगर मिल के शुरू होने की उम्मीद जगी है।
मथुरा के छाता विधानसभा सीट से भाजपा विधायक चौधरी लक्ष्मी नारायण को गन्ना विकास एवं चीनी मिल विभाग मिला है। यूपी सरकार में चौधरी लक्ष्मी नारायण छठी बार कैबिनेट मंत्री बने हैं। गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री बनने के बाद अब छाता में बंद पड़ी शुगर मिल के शुरू होने की उम्मीद जगी है। हालांकि इस मिल को दोबारा शुरू कराने के लिए योगी सरकार के पहले कार्यकाल में बजट जारी हो चुका है।
चौधरी लक्ष्मी नारायण पहली बार 1996 में उद्यान मंत्री बने थे। दो बार कारागार मंत्री रहे। 2017 में पशु पालन एवं दुग्ध विकास मंत्री बने। 2022 में फिर उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। एलएलबी पास चौधरी लक्ष्मी नारायण की पहचान बड़े जाट नेता के रूप में है। भाजपा ने उन्हें दोबारा कैबिनेट मंत्री बनाकर जातिगत समीकरण साधने का प्रयास किया। इस बार उन्हें गन्ना विकास एवं चीनी मिल विभाग की जिम्मेदारी मिली है।
1978 में शुरू हुई था छाता शुगर मिल
मथुरा के छाता में आगरा मंडल की एकमात्र शुगर मिल है। यह मिल वर्ष 1978 में क्षेत्रीय विधायक बाबू तेजपाल ने शुरू कराई थी। जिसकी कुल क्षमता 1250 टीसीडी थी। जिसे 2008 में तत्कालीन मायावती सरकार ने बंद करा दिया था। इससे क्षेत्र के गन्ना किसान मायूस हो गए और समय-समय पर मिल शुरू कराने की मांग को लेकर आंदोलन करते रहे। चौधरी लक्ष्मी नारायण ने मिल को दोबारा शुरू कराने का वादा किया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले कार्यकाल के अनुपूरक बजट में छाता शुगर मिल समेत छह मिलों को दोबारा शुरू कराने की लिए पांच हजार करोड़ का बजट का प्रावधान रखा गया था। हालांकि इस सीजन मिल शुरू नहीं हो सकी। भाजपा सरकार के नए मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री बने चौधरी को गन्ना विकास एवं चीनी मिल की जिम्मदारी दी गई। इससे छाता शुगर मिल के जल्द शुरू होने की उम्मीद फिर जगी है।
विस्तार
मथुरा के छाता विधानसभा सीट से भाजपा विधायक चौधरी लक्ष्मी नारायण को गन्ना विकास एवं चीनी मिल विभाग मिला है। यूपी सरकार में चौधरी लक्ष्मी नारायण छठी बार कैबिनेट मंत्री बने हैं। गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री बनने के बाद अब छाता में बंद पड़ी शुगर मिल के शुरू होने की उम्मीद जगी है। हालांकि इस मिल को दोबारा शुरू कराने के लिए योगी सरकार के पहले कार्यकाल में बजट जारी हो चुका है।
चौधरी लक्ष्मी नारायण पहली बार 1996 में उद्यान मंत्री बने थे। दो बार कारागार मंत्री रहे। 2017 में पशु पालन एवं दुग्ध विकास मंत्री बने। 2022 में फिर उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। एलएलबी पास चौधरी लक्ष्मी नारायण की पहचान बड़े जाट नेता के रूप में है। भाजपा ने उन्हें दोबारा कैबिनेट मंत्री बनाकर जातिगत समीकरण साधने का प्रयास किया। इस बार उन्हें गन्ना विकास एवं चीनी मिल विभाग की जिम्मेदारी मिली है।
1978 में शुरू हुई था छाता शुगर मिल
मथुरा के छाता में आगरा मंडल की एकमात्र शुगर मिल है। यह मिल वर्ष 1978 में क्षेत्रीय विधायक बाबू तेजपाल ने शुरू कराई थी। जिसकी कुल क्षमता 1250 टीसीडी थी। जिसे 2008 में तत्कालीन मायावती सरकार ने बंद करा दिया था। इससे क्षेत्र के गन्ना किसान मायूस हो गए और समय-समय पर मिल शुरू कराने की मांग को लेकर आंदोलन करते रहे। चौधरी लक्ष्मी नारायण ने मिल को दोबारा शुरू कराने का वादा किया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले कार्यकाल के अनुपूरक बजट में छाता शुगर मिल समेत छह मिलों को दोबारा शुरू कराने की लिए पांच हजार करोड़ का बजट का प्रावधान रखा गया था। हालांकि इस सीजन मिल शुरू नहीं हो सकी। भाजपा सरकार के नए मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री बने चौधरी को गन्ना विकास एवं चीनी मिल की जिम्मदारी दी गई। इससे छाता शुगर मिल के जल्द शुरू होने की उम्मीद फिर जगी है।
[ad_2]
Source link