मयंक हत्याकांड: पांचों दोषियों को आजीवन कारावास, नौ वर्ष पहले हुई थी हत्या की वारदात

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हरदोई
Published by: शिखा पांडेय
Updated Wed, 18 May 2022 10:00 PM IST

सार

मयंक हत्याकांड में पांच आरोपियों को अपर सत्र न्यायाधीश अबुल कैश ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और प्रति आरोपी 37,500 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

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हरदोई में नौ वर्ष पहले शहर कोतवाली क्षेत्र के चांद बेहटा में पीसीएस अधिकारी (अब सेवानिवृत्त) रमेश चंद्र शुक्ला के बेटे मयंक शुक्ला की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। मामले में पांच आरोपियों को अपर सत्र न्यायाधीश (कोर्ट नंबर 11) अबुल कैश ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और प्रति आरोपी 37,500 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

अभियुक्तों में एक ही परिवार के पिता-पुत्र समेत तीन लोग शामिल हैं। अर्थदंड की 50 फीसदी धनराशि मयंक के परिजनों को देने का आदेश दिया है। लखनऊ रोड के पास चांद बेहटा निवासी सतेंद्र त्रिवेदी ने 8 अप्रैल 2013 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बताया था कि उनके नौकर शक्तिदीन की जमीन ग्राम बहलोली के पास है। वह 8 अप्रैल को सुबह 9 बजे मजदूरों से वहां काम करवा रहे थे। उनके साथ सुरेश चंद्र शुक्ला, प्रशांत शुक्ला, अविनाश त्रिवेदी, शादाब, स्वर्ण दीप शुक्ला, मयंक और शुभम बाजपेई थे।

इस दौरान प्रमोद सिंह निवासी रामनगरिया लखनऊ रोड वहां आए। उनसे जमीन को लेकर विवाद हुआ। आरोपी मयंक को अपने चाचा व ताऊ से मिलवाने की बात कहकर ग्राम बहलोली स्थित फ्लोर मिल लेकर गया। वहां मयंक को अशोक सिंह, हरनाम सिंह और मास्टर गाली देने लगे। शोरगुल सुनकर सतेंद्र व शादाब मिल की ओर दौड़े, तब तक हरनाम सिंह ने अपनी राइफल से मयंक को गोली मार दी। इसमें सतेंद्र भी घायल हो गए।
पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर अशोक सिंह, हरनाम सिंह, अरुणेश सिंह (भाई-भतीजे), प्रमोद सिंह व मास्टर सिंह उर्फ सूरज निवासी बहलोली के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता सूरज पाल सिंह, केके अवस्थी और अधिवक्ता रामदेव शुक्ला ने पैरवी की। मंगलवार को न्यायाधीश ने पांचों को दोषी करार दिया था। इसके बाद चार आरोपियों को पुलिस अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया था। मुख्य आरोपी हरनाम सिंह नौ वर्ष से जेल में ही बंद है। उसकी जमानत हाईकोर्ट से भी नहीं हो सकी थी।

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विस्तार

हरदोई में नौ वर्ष पहले शहर कोतवाली क्षेत्र के चांद बेहटा में पीसीएस अधिकारी (अब सेवानिवृत्त) रमेश चंद्र शुक्ला के बेटे मयंक शुक्ला की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। मामले में पांच आरोपियों को अपर सत्र न्यायाधीश (कोर्ट नंबर 11) अबुल कैश ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और प्रति आरोपी 37,500 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

अभियुक्तों में एक ही परिवार के पिता-पुत्र समेत तीन लोग शामिल हैं। अर्थदंड की 50 फीसदी धनराशि मयंक के परिजनों को देने का आदेश दिया है। लखनऊ रोड के पास चांद बेहटा निवासी सतेंद्र त्रिवेदी ने 8 अप्रैल 2013 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बताया था कि उनके नौकर शक्तिदीन की जमीन ग्राम बहलोली के पास है। वह 8 अप्रैल को सुबह 9 बजे मजदूरों से वहां काम करवा रहे थे। उनके साथ सुरेश चंद्र शुक्ला, प्रशांत शुक्ला, अविनाश त्रिवेदी, शादाब, स्वर्ण दीप शुक्ला, मयंक और शुभम बाजपेई थे।

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