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सार
उज्जवला योजना का लाभ पाने वाले परिवार जहां साल भर पहले साल में आठ से नौ सिलिंडर भराते थे, वहीं अब पांच भी नहीं भराते।महिलाओं का कहना है कि रसोई गैस की बढ़ती कीमतों से सिलिंडर भराना अब उनके बस की बात नहीं रही।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में सिलिंडर और गैस चूल्हा तो मिल गया लेकिन रसोई गैस के बढ़े दाम इसका उपयोग नहीं करने दे रहे। महंगाई ने उज्ज्वला योजना के तहत चूल्हे बुझा दिए हैं। आगरा की लाभार्थी महिलाओं का कहना है कि रसोई गैस की कीमत बजट से बाहर है। चूल्हा फूंकना और अंगीठी का धुआं झेलना मजबूरी है क्योंकि इन पर खाना बनाना रसोई गैस से सस्ता पड़ता है।
दौरेठा, नौबस्ता, पंचकुइयां, नगला पदी, सोरों कटरा में परिवार जहां साल भर पहले साल में आठ से नौ सिलिंडर भराते थे, वहीं अब पांच भी नहीं भराते। दौरेठा निवासी कमलेश और प्रेमवती बोलीं कि योजना के तहत मिलने वाले सिलिंडर में गैस भरना अब हैसियत से बाहर हो गया है। सिलिंडर 962.50 पैसे में मिल रहा है। परिवार में छह से सात सदस्य हैं। एक सिलिंडर महीने भर भी मुश्किल से चल पाता है। ऐसे में चूल्हे में लकड़ियां जलाकर खाना बनाते हैं। गैस का कम प्रयोग करते हैं।
रोटी वाली अम्मा फूंक रही चूल्हा
83 वर्षीय भगवान देवी निवासी बाग मुजफ्फर खां निवासी सेंट जोंस के पास सड़क किनारे अपना छोटा सा ढाबा चलाती हैं। 20 और 30 रुपये में लोगों को भरपेट भोजन देती हैं। कोरोना काल में सोशल मीडिया पर रोटी वाली अम्मा का वीडियो वायरल हुआ तो मदद के लिए लोग और प्रशासन आगे आया।
उन्हें उज्ज्वला योजना के तहत सिलिंडर और चूल्हा दिया गया। कुछ दिन तक उन्होंने गैस के चूल्हे पर खाना बनाया। रसोई गैस के बढ़ते दामों के कारण अब सिलिंडर और गैस चूल्हा कोने में रखे हैं। रोटी वाली अम्मा फिर से चूल्हा फूंक रही हैं। बोलीं कि गैस इतनी महंगी पड़ती है कि लागत भी नहीं निकल पाती।
अब बस की बात नहीं गैस चूल्हा जलाना
नौबस्ता निवासी मंजू पिछले महीने से स्टोव पर खाना बना रही हैं। उनको उज्ज्वला योजना में गैस सिलिंडर मिला हुआ है। उन्होंने बताया कि पहले गैस चूल्हे पर खाना बनाते थे। अब गैस महंगी होने से अंगीठी, स्टोव पर खाना बनाना सस्ता पड़ रहा है। सिलिंडर बहुत कम भराते हैं। अब गैस चूल्हे पर खाना बनाना आम आदमी के बस की बात नहीं। घर के बजट के हिसाब से चलना पड़ता है।
बजट में था तब तक जलाया गैस चूल्हा
पंचकुइयां निवासी गुड्डी का कहना है कि सरकार के सिलिंडर देने से क्या होगा अगर आम आदमी उसे महंगाई के चलते प्रयोग ही नहीं कर पाए। योजना के तहत सिलिंडर और चूल्हा मिला। जब तक बजट में था उनका उपयोग भी कर रहे थे लेकिन अब गैस चूल्हा बजट से बाहर हो गया है। फिर से मिट्टी के चूल्हे पर लौट आए हैं।
यह है योजना
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में सरकार गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों के लिए गैस सिलिंडर और चूल्हा निशुल्क मुहैया कराती है। इस योजना का लाभ केवल महिलाएं ही उठा सकती हैं। आवेदक महिला की आयु कम से कम 18 साल होनी चाहिए।
नौ महीने में चार बार बढे़ सिलिंडर पर दाम
पिछले नौ माह में घरेलू गैस पर चार बार दाम बढ़ गए हैं। 16 अगस्त, 2021 को दाम बढ़ने के बाद सिलिंडर 872. 50 रुपये, एक अक्तूबर 2021 को 897.50 रुपये, 21 मार्च, 2022 को 912.50 रुपये और वर्तमान में सिलेंडर 962.50 रुपये का मिल रहा है।
विस्तार
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में सिलिंडर और गैस चूल्हा तो मिल गया लेकिन रसोई गैस के बढ़े दाम इसका उपयोग नहीं करने दे रहे। महंगाई ने उज्ज्वला योजना के तहत चूल्हे बुझा दिए हैं। आगरा की लाभार्थी महिलाओं का कहना है कि रसोई गैस की कीमत बजट से बाहर है। चूल्हा फूंकना और अंगीठी का धुआं झेलना मजबूरी है क्योंकि इन पर खाना बनाना रसोई गैस से सस्ता पड़ता है।
दौरेठा, नौबस्ता, पंचकुइयां, नगला पदी, सोरों कटरा में परिवार जहां साल भर पहले साल में आठ से नौ सिलिंडर भराते थे, वहीं अब पांच भी नहीं भराते। दौरेठा निवासी कमलेश और प्रेमवती बोलीं कि योजना के तहत मिलने वाले सिलिंडर में गैस भरना अब हैसियत से बाहर हो गया है। सिलिंडर 962.50 पैसे में मिल रहा है। परिवार में छह से सात सदस्य हैं। एक सिलिंडर महीने भर भी मुश्किल से चल पाता है। ऐसे में चूल्हे में लकड़ियां जलाकर खाना बनाते हैं। गैस का कम प्रयोग करते हैं।
रोटी वाली अम्मा फूंक रही चूल्हा
83 वर्षीय भगवान देवी निवासी बाग मुजफ्फर खां निवासी सेंट जोंस के पास सड़क किनारे अपना छोटा सा ढाबा चलाती हैं। 20 और 30 रुपये में लोगों को भरपेट भोजन देती हैं। कोरोना काल में सोशल मीडिया पर रोटी वाली अम्मा का वीडियो वायरल हुआ तो मदद के लिए लोग और प्रशासन आगे आया।
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