महंत नरेंद्र गिरि केस : आनंद गिरि को अपने बचाव में दस्तावेज मुहैया कराने का मिला आखिरी मौका

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Prayagraj News :  आनंद गिरि और महंत नरेंद्र गिरि। फाइल फोटो

Prayagraj News : आनंद गिरि और महंत नरेंद्र गिरि। फाइल फोटो
– फोटो : अमर उजाला

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जिला न्यायाधीश संतोष राय ने महंत नरेंद्र गिरि आत्महत्या कांड में अभियुक्त आनंद गिरि को अपने बचाव में दस्तावेजों को दाखिल किए जाने केलिए अंतिम मौका दिया है। अदालत ने कहा है कि 23 नवंबर तक वह सभी तरह के दस्तावेज दाखिल कर दें। अन्यथा, आरोप तय कर दिए जाएंगे। अदालत ने मामले की सुनवाई केलिए 23 नवंबर की तिथि तय की है।

इसके पूर्व केस की सुनवाई शुरू होते ही आनंद गिरि के अधिवक्ता ने कोर्ट में अर्जी दाखिल करके बताया कि उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दाखिल कर केस दूसरे प्रदेश में स्थानांतरित किए जाने की मांग की गई है। आनंद गिरि चाहते हैं कि उनके केस की सुनवाई मध्य प्रदेश की जबलपुर कोर्ट में की जाए।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रही है। साथ ही जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल है। इसलिए अभी आरोप तय करने के मामले में आठ सप्ताह तक सुनवाई न शुरू की जाए। हालांकि, मामले में सीबीआई के अधिवक्ता मो.फरीद और शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि ने विरोध जताया। कहा, बुधवार को आरोप तय करने के लिए तारीख तय की गई थी। जानबूझकर विलंब किया जा रहा है।

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सुनवाई के दौरान अभियुक्त आनंदगिरि, आद्या और संदीप तिवारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उपस्थित रहे। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले को 23 मई को फिर से पेश करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही अदालत ने आद्या प्रसाद की अर्जी पर सुनवाई करते हुए उन्हें चिकित्सकीय सुविधा और मुकदमे से जुड़े सभी दस्तावेजों की द्वितीय प्रति उपलब्ध कराने का आदेश दिया।

विस्तार

जिला न्यायाधीश संतोष राय ने महंत नरेंद्र गिरि आत्महत्या कांड में अभियुक्त आनंद गिरि को अपने बचाव में दस्तावेजों को दाखिल किए जाने केलिए अंतिम मौका दिया है। अदालत ने कहा है कि 23 नवंबर तक वह सभी तरह के दस्तावेज दाखिल कर दें। अन्यथा, आरोप तय कर दिए जाएंगे। अदालत ने मामले की सुनवाई केलिए 23 नवंबर की तिथि तय की है।

इसके पूर्व केस की सुनवाई शुरू होते ही आनंद गिरि के अधिवक्ता ने कोर्ट में अर्जी दाखिल करके बताया कि उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दाखिल कर केस दूसरे प्रदेश में स्थानांतरित किए जाने की मांग की गई है। आनंद गिरि चाहते हैं कि उनके केस की सुनवाई मध्य प्रदेश की जबलपुर कोर्ट में की जाए।



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