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निरंजनी अखाड़े के बाघंबरी गद्दी मठ में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत मामले में हाईकोर्ट में दाखिल केस वापसी का हलफनामा जस का तस रहेगा। इस मामले में बुधवार को अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी की ओर से की गई सुलह की सारी कोशिशें बेकार गईं। मान-मनौव्वल के बाद भी अमर गिरि हलफनामा वापस न लेने की जिद पर अड़े रहे।
बाघंबरी गद्दी मठ में दिन के करीब एक बजे अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने महंत बलवीर गिरि और स्वामी अमर गिरि के बीच सुलह वार्ता शुरू की। उनका कहना था कि मठ में इस तरह का आपसी विवाद ठीक नहीं है। महंत बलवीर गिरि ने हाईकोर्ट में अमर गिरि की ओर से दिए गए केस वापसी के हलफनामे पर आपत्ति जताई। उनका कहना था कि हलफनामा वापस लिया जाना चाहिए। इससे केस कमजोर होगा और बड़े महाराज की मौत के लिए जिम्मेदार दोषियों को दंड नहीं मिल पाएगा।
इस पर स्वामी अमर गिरि का कहना था कि उन्होंने जो भी किया है, वह सोच समझ कर किया है। वह हलफनामा अब किसी भी दशा में वापस नहीं लेंगे। अमर गिरि का कहना था कि वह न तो घटना के चश्मदीद रहे हैं और ना ही उन्होंने कोई लिखित तहरीर ही दी है। ऐसे में वह अब कोर्ट का चक्कर नहीं लगाना चाहते। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने मान-मन्नौवल की तमाम कोशिशें कीं, लेकिन घंटे भर चली मशक्कत का कोई हल नहीं निकल सका।
अमर गिरि केस वापसी की अपनी जिद पर अड़े रहे। इसके बाद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का कहना था कि हलफनामा दाखिल करना और उसे वापस लेना या न लेना, यह अमर गिरि का व्यक्तिगत मामला है। इसके लिए वह उन पर दबाव नहीं डाल सकते। उधर, अमर गिरि की ओर से केस वापसी का हलफनामा वापस न लिए जाने से महंत बलवीर गिरि समेत उनके समर्थक संतों की नींद उड़ गई है।
स्वामी अमर गिरि को सिर्फ कोरा आश्वासन, नहीं मिली बड़े हनुमान मंदिर की जिम्मेदारी
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी की मौजूदगी में बुधवार को बड़े हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक पद से स्वामी अमर गिरि को हटाए जाने पर भी चर्चा हुई। बाघंबरी गद्दी मठ के महंत बलवीर गिरि ने सफाई दी कि स्वामी अमर गिरि को हटाया नहीं गया है। लेकिन, शाम चार बजे की बड़े हनुमान जी की आरती दीपक पुजारी की ही देखरेख में हुई। अमर गिरि ने भी बताया कि उन्हें बड़े हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक की जिम्मेदारी पूर्ववत सौंपने का आश्वासन दिया गया है, लेकिन देर रात तक वह मंदिर में अलग-थलग पड़े रहे।
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने बड़े हनुमान का किया दर्शन
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी दोपहर बाद संगम स्थित बड़े हनुमान मंदिर पहुंचे। वहां उन्होंने बड़े हनुमान का दर्शन-पूजन किया। इस दौरान उन्होंने मंदिर की व्यवस्था से जुड़े पुजारी, सेवादारों की कुशल-क्षेम भी ली।
मैंने विवाद सुलझाने की पूरी कोशिश की है। स्वामी अमर गिरि कोर्ट में दाखिल हलफनामा वापस नहीं ले रहे हैं तो उन्हें बाध्य नहीं किया जा सकता। रही बात हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक पद से उनको हटाने की तो इससे वह सहमत नहीं हैं। इसलिए कि महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट में भी व्यवस्थापक की जिम्मेदारी अमर गिरि को ही सौंपने की बात कही गई है। मेरी कोशिश है कि विवाद आगे न बढ़े। – महंत रवींद्र पुरी, अध्यक्ष-अखाड़ा परिषद।
विस्तार
निरंजनी अखाड़े के बाघंबरी गद्दी मठ में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत मामले में हाईकोर्ट में दाखिल केस वापसी का हलफनामा जस का तस रहेगा। इस मामले में बुधवार को अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी की ओर से की गई सुलह की सारी कोशिशें बेकार गईं। मान-मनौव्वल के बाद भी अमर गिरि हलफनामा वापस न लेने की जिद पर अड़े रहे।
बाघंबरी गद्दी मठ में दिन के करीब एक बजे अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने महंत बलवीर गिरि और स्वामी अमर गिरि के बीच सुलह वार्ता शुरू की। उनका कहना था कि मठ में इस तरह का आपसी विवाद ठीक नहीं है। महंत बलवीर गिरि ने हाईकोर्ट में अमर गिरि की ओर से दिए गए केस वापसी के हलफनामे पर आपत्ति जताई। उनका कहना था कि हलफनामा वापस लिया जाना चाहिए। इससे केस कमजोर होगा और बड़े महाराज की मौत के लिए जिम्मेदार दोषियों को दंड नहीं मिल पाएगा।
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