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अयोध्या के महंत राजू दास
– फोटो : सोशल मीडिया
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अयोध्या स्थित सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने मंगलवार को कहा कि रामचरित मानस पर अभद्र टिप्पणी करने वाले समाज को तोड़ना का कुचक्र कर रहे हैं। इनसे सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने हिंदू समाज के बढ़ते वैभव और श्रेष्ठ भारत के उदय का गौरवगान भी किया। यह बातें उन्होंने एनसीजेडसीसी में लोक पहल और राजकीय पांडुलिपि विभाग की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित रामकथा पर आधारित दुर्लभ चित्र प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर कहीं।
अयोध्या में एक सम्मेलन के दौरान सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ हाथापाई करने के बाद चर्चा में आए महंत राजू दास ने कहा कि राम चरित मानस जैसा आदर्श ग्रंथ कोई नहीं है। मानस पर अभद्र टिप्पणी बड़बोलापन से ज्यादा कुछ नहीं है। ऐसे लोग खुद अपनी जड़ खोद रहे हैं। इस मौके पर पूर्व मंत्री डॉ. नरेंद्र कुमार सिंह गौर, डॉ वीके सिंह, मेला संरक्षक अतुल द्विवेदी, डॉ. अखिलेश त्रिपाठी, डॉ. भवेश द्विवेदी, डॉ. मानसिंह और डॉ. वेद मिश्र सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।
संचालन डॉ अरुण कुमार त्रिपाठी ने किया। इस दौरान विभिन्न शिल्प कला के तहत गुजरात, राजस्थान, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों से ग्रामोद्योग, वस्त्र उद्योग, खादी वस्त्र, सूती एवं तांत के वस्त्र, बर्तन, कन्नौज की इत्र, सहारनपुर के लकड़ी के बने सामान और हाथ की बनी हुई विभिन्न वस्तुओं को प्रोत्साहन प्रदान करने के साथ ही श्रीराम कथा को पांडुलिपि प्रदर्शनी के माध्यम से दर्शाया गया।
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