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महाधिवक्ता कार्यालय में आग लगने के मामले में एक अहम खुलासा हुआ है। पता चला है कि आग बहुमंजिला इमारत के छठे तल पर स्थित कमरा नंबर 15 से भड़की थी। यहां लगा बिजली का बोर्ड व केबिल क्षतिग्रस्त था। इसके बावजूद इसे नजरअंदाज कर दिया गया और इसके नीचे ही फाइलों का ढेर रख दिया गया। आशंका है कि इसी क्षतिग्रस्त केबल में हुए शॉर्ट सर्किट से चिंगारी निकली जो नीचे पड़ी फाइलों में गिरकर आग में तब्दील हो गई।
सूत्रों का कहना है कि गहनता से बिल्डिंग का निरीक्षण करने के दौरान यह बात सामने आई। अफसरों की टीम जब निरीक्षण करते हुए छठे तल पर पहुंची तो वहां की स्थिति देखकर चौंक गई। दरअसल यहां पूरे कमरे में फाइलों के ढेर लगे हुए थे। बड़ी मात्रा में फाइलें होने के चलते यह ढेर काफी ऊंचे भी हो गए थे। इसी दौरान पता चला कि इस कमरे में लगा स्विचबोर्ड क्षतिग्रस्त था। साथ ही इसकी केबल भी क्षतिग्रस्त थी।
लापरवाही का आलम यह था कि क्षतिग्रस्त होेने के बावजूद इसी बोर्ड व केबल के नीचे फाइलों का ढेर रख दिया गया था। यहां की हालत देखकर आशंका जताई जा रही है कि क्षतिग्रस्त केबल में ही शॉर्ट सर्किट हुआ। जहां से निकली चिंगारी फाइलों पर गिरी और फिर इससे आग लग गई। धीरे-धीरे आग पूरे तल पर फैल गई और लपटें व धुआं उठने के बाद इसकी जानकारी हो सकी।
बेतरतीब ढंग से रखे थे फाइलों के बंडल, आग के तेजी से फैलने का यही बना कारण
15 नंबर कमरे में क्षतिग्रस्त बोर्ड व केबिल के नीचे ही नहीं बल्कि छठे तल पर सभी जगह फाइलों को बेतरतीब ढंग से रखा गया था। इन फाइलों के बंडलों को एक के ऊपर एक कर छोड़ दिया गया था। बेतरतीब ढंग से रखरखाव के कारण ही यह फाइलें न सिर्फ पूरे कमरे बल्कि तल पर फैली हुई थीं। यही नहीं लापरवाही का आलम यह था कि इन्हें सीढ़ियों पर भी रख दिया गया था।
यही वजह थी कि आग बेहद तेजी से फैली और सीढ़ियों पर रखी फाइलों के जरिए ही यह ऊपर के तलों पर पहुंच गई। सीढ़ियों पर भी बड़ी संख्या में फाइलों के ढेर पड़े होने के कारण फायरब्रिगेड कर्मचारियों को भी राहत कार्य में परेशानी का सामना करना पड़ा। आग से घिरी फाइलों के चलते ही सीढ़ियों भी बेहद गर्म हो गई थीं। इससे भी राहत कार्य में वक्त लगा और आग भयावह होती चली गई।
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