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इस साल महाशिवरात्रि पर मंगलवार को 120 साल बाद पंचग्रही योग बन रहा है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार जब पांच ग्रह किसी एक ही राशि में एक साथ होते हैं तो इसे पंचग्रही योग कहा जाता है। साथ ही केदार व गजकेसरी योग बन रहे हैं, जोकि फलदायी हैं।
आगरा की ज्योतिषाचार्य पूनम वार्ष्णेय और शिवशरण पाराशर ने बताया कि मकर राशि में मंगल, शनि, बुध, शुक्र और चंद्रमा की उपस्थिति में बनने वाला यह योग सभी के लिए सुख-समृद्धि, मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा बढाने वाला सिद्ध होगा। 120 साल बाद बन रहे ग्रहों के इस दुर्लभ संयोग में की गई भगवान शिव की पूजा शत्रुओं को नाश कर, भक्तों को चारों ओर प्रसिद्धि दिलाने वाली होगी। उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि मंगलवार को सुबह 3 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर बुधवार को सुबह 10 तक रहेगी।
कासगंज के मनकामेश्वर और भूतेश्वर महादेव मंदिर में मंगलवार तड़के से ही भगवान शिव का रुद्राभिषेक शुरू हो गया। भक्तों ने विधि-विधान से भोलेनाथ की पूजा-अर्चना कर जलाभिषेक किया। एटा के ऐतिहासिक कैलाश मंदिर में शिवभक्तों की लंबी कतारें लगी हैं। मंदिर बम-बम भोले के जयकारों से गूंज रहा है।
मथुरा के होली गेट स्थित रंगेश्वर महादेव मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र हैं। महाशिवरात्रि के अवसर पर रंगेश्वर महादेव में जलाभिषेक करने के लिए शिव भक्तों की भीड़ उमड़ी है। इसके अलावा भूतेश्वर महादेव, पीपलेश्वर और गोकर्णनाथ महादेव मंदिर में भी जलाभिषेक के लिए भक्तों की कतार लगी है।
मैनपुरी के श्री चांदेश्वर महाराज मंदिर में मंगलवार तड़के से ही शिवभक्तों की कतार लग गई। सैकड़ों भक्तों ने बेलपत्र, धतूरा, बेर आदि पूजन सामग्री से महादेव की आराधना की। फिरोजाबाद में शिवभक्तों में उत्साह देखा जा रहा है। शिवालयों हर-हर महादेव के जयकारे गूंज रहे हैं।
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