महिला दिवस: खुद हासिल किया मुकाम, आधी आबादी के लिए प्रेरणा स्रोत बन रहीं ये महिलाएं

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डीएम अर्चना वर्मा, महिला कल्याण अधिकारी मोनिका गौतम,एडीजीसी प्रतिभा राजपूत

डीएम अर्चना वर्मा, महिला कल्याण अधिकारी मोनिका गौतम,एडीजीसी प्रतिभा राजपूत
– फोटो : अमर उजाला

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हाथरस जिले में कई महिलाएं अपनी व्यक्तित्व और कृतित्व से आधी आबादी के लिए प्रेरणा बनी हुई हैं। प्रमुख प्रशासनिक पदों पर तैनात ये महिलाओं जिले की बागडोर बखूबी निभा रही हैं। इन महिलाओं ने असफलताओं को मात देकर खुद मुकाम हासिल किया और अपने कार्यों से आधी आबादी में बदलाव की बयार ला रही हैं। यह महिलाएं अपने कर्तव्य पूरी निष्ठा के साथ निभा रही हैं। 

परिवार और प्रशासन, दोनों की जिम्मेदारी बखूबी निभा रही डीएम अर्चना वर्मा 

मूल रूप से जिला बस्ती की रहने वाली 2014 बैच की आईएएस हाथरस की जिलाधिकारी अर्चना वर्मा का कहना है कि महिलाओं को शिक्षित और स्वावलंबी बनना चाहिए। आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। महिलाओं को प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए शिक्षा ही एकमात्र विकल्प है। जिलाधिकारी अर्चना वर्मा का कहना है कि उन्हें आईएएस बनने की प्रेरणा परिवार में अपने पिता जी से मिली। वह दो बच्चों की मां भी हैं। उनके पति दिल्ली में आईआरएस अधिकारी हैं। ऐसे में वह परिवार और जिले की जिम्मेदारी पूरी तन्मयता और तत्परता से निभा रही हैं। उनका कहना है कि महिलाओं को शिक्षित होना ही चाहिए, जिससे कि महिलाएं आर्थिक रूप से ही नहीं अपितु अन्य क्षेत्रों में भी आत्मनिर्भर बन सकें।

महिलाओं को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से लाभांवित कर रहीं मोनिका गौतम

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जिले में महिला कल्याण अधिकारी मोनिका गौतम अपने महिलाओं को विभिन्न सरकारी योजनाओं के माध्यम से लाभांवित कर रही हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा हाथरस में हुई और उसके बाद उनका वर्ष 2019 में इस पद पर चयन हुआ। उनका कहना है कि इस पद पर रहते हुए समाज की हर महिला तक पहुंचने तथा विभागीय योजनाओं से लाभान्वित कराने का प्रयास करती रहती हूं। कई लड़कियों के माध्यम से संपर्क में रहते हुए विभिन्न परामर्श सेवाएं व उनके विकास के लिए पूर्ण योगदान प्रदान करती हूं। साथ ही आर्थिक मदद व भावनात्मक सहयोग हेतु हरदम तैयार रहती हूं। जनपद की सभी बेटियों से अनुरोध करती हूं कि किसी भी समय किसी भी तरह की मदद के लिए मुझसे संपर्क कर सकती हैं।

जिले की पहली महिला एडीजीसी हैं प्रतिभा राजपूत

प्रतिभा राजपूत जिले की पहली महिला एडीजीसी हैं। उन्होंने वर्ष 2009 में वकालत की। वर्ष 2020 में वह एडीजीसी हुईं। अपने दमदार पैरवी से वह अब तक कई मामलों में दोषियों को सजा करा चुकी हैं। वर्ष 2023 में भी उन्होंने दो मामलों में अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा दिलाई है। वह पीड़ित पक्ष की ओर से मजबूत पैरवी करती हैं और उन्हें न्याय दिलाने के लिए भरसक प्रयास करती हैं। उनका कहना है कि महिलाओं को अन्याय और अत्याचार का डटकर मुकाबला करना चाहिए। महिलाओं को शिक्षित होना जरूरी है। शिक्षित महिला कभी उत्पीड़न का शिकार नहीं हो सकती। 

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