मारपीट के चार मामलों में 10 को सजा

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उन्नाव। अजगैन कोतवाली क्षेत्र में हुई मारपीट की चार घटनाओं में कोर्ट ने 10 लोगों को सजा सुनाई है। मामले में सात दोषियों को छह-छह माह और तीन दोषियों को एक-एक साल की सजा सुनाई है। सभी पर अर्थदंड भी लगाया है। चारों मामले सालों से न्यायालय में विचाराधीन थे।
दो दिसंबर 2002 को गांव सिरसा निवासी शकुंतला की दीवार गांव के ही श्रीनाथ, उसके लड़के शंकरलाल व राधेश्याम ने गिरा दी थी। विरोध पर शकुंतला व उसके परिजनों को मारापीटा था। तहरीर के आधार पर पुलिस ने नामजद रिपोर्ट दर्ज कर ली थी। मुकदमे के दौरान श्रीनाथ की मृत्यु हो गई थी। न्यायिक मजिस्ट्रेट अनुभव सिंह ने शंकरलाल व राधेश्याम को छह-छह माह का कारावास व दो-दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं पिपरोसा निवासी अखिलेश यादव 12 नवंबर 2000 को घर जा रहा था। तभी गांव के ही रामबरन, तारा व उसके भाई रामकिशोर ने रंजिश में अखिलेश को पीट दिया था। सूचना पर पुलिस ने तीनों पर रिपोर्ट दर्ज की थी। मुकदमे के दौरान रामकिशोर की मृत्यु हो गई थी। न्यायिक मजिस्ट्रेट अनुभव सिंह ने तारा को छह माह की सजा और 1500 रुपये अर्थदंड के साथ रामबरन को एक साल की सजा सुनाकर ढाई हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है।
जलालपुर निवासी सज्जनलाल को उसी के गांव के सतीश, शोभा व लक्ष्मण ने 29 अक्तूूबर 2003 को जमीन के विवाद में मारा पीटा था। शिकायत पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की थी। मजिस्ट्रेट ने सतीश व शोभा को एक वर्ष के कारावास व 1750 रुपये की अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं इसी मामले में सतीश ने गांव के सज्जन लाल, बबलू, गुरुचरण व बुद्धि लाल के खिलाफ पुरानी रंजिश में मारपीट की क्रास रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामले की जांच के दौरान गुरुचरण की मृत्यु हो गई थी। अब न्यायिक मजिस्ट्रेट अनुभव सिंह ने सज्जन लाल, बबलू व बुद्धि लाल को छह-छहमाह के कारावास व 500-500 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

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उन्नाव। अजगैन कोतवाली क्षेत्र में हुई मारपीट की चार घटनाओं में कोर्ट ने 10 लोगों को सजा सुनाई है। मामले में सात दोषियों को छह-छह माह और तीन दोषियों को एक-एक साल की सजा सुनाई है। सभी पर अर्थदंड भी लगाया है। चारों मामले सालों से न्यायालय में विचाराधीन थे।

दो दिसंबर 2002 को गांव सिरसा निवासी शकुंतला की दीवार गांव के ही श्रीनाथ, उसके लड़के शंकरलाल व राधेश्याम ने गिरा दी थी। विरोध पर शकुंतला व उसके परिजनों को मारापीटा था। तहरीर के आधार पर पुलिस ने नामजद रिपोर्ट दर्ज कर ली थी। मुकदमे के दौरान श्रीनाथ की मृत्यु हो गई थी। न्यायिक मजिस्ट्रेट अनुभव सिंह ने शंकरलाल व राधेश्याम को छह-छह माह का कारावास व दो-दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं पिपरोसा निवासी अखिलेश यादव 12 नवंबर 2000 को घर जा रहा था। तभी गांव के ही रामबरन, तारा व उसके भाई रामकिशोर ने रंजिश में अखिलेश को पीट दिया था। सूचना पर पुलिस ने तीनों पर रिपोर्ट दर्ज की थी। मुकदमे के दौरान रामकिशोर की मृत्यु हो गई थी। न्यायिक मजिस्ट्रेट अनुभव सिंह ने तारा को छह माह की सजा और 1500 रुपये अर्थदंड के साथ रामबरन को एक साल की सजा सुनाकर ढाई हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है।

जलालपुर निवासी सज्जनलाल को उसी के गांव के सतीश, शोभा व लक्ष्मण ने 29 अक्तूूबर 2003 को जमीन के विवाद में मारा पीटा था। शिकायत पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की थी। मजिस्ट्रेट ने सतीश व शोभा को एक वर्ष के कारावास व 1750 रुपये की अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं इसी मामले में सतीश ने गांव के सज्जन लाल, बबलू, गुरुचरण व बुद्धि लाल के खिलाफ पुरानी रंजिश में मारपीट की क्रास रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामले की जांच के दौरान गुरुचरण की मृत्यु हो गई थी। अब न्यायिक मजिस्ट्रेट अनुभव सिंह ने सज्जन लाल, बबलू व बुद्धि लाल को छह-छहमाह के कारावास व 500-500 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

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