न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बांदा
Published by: शिखा पांडेय
Updated Thu, 21 Apr 2022 12:58 AM IST
मुख्तार के हवाले से अधिवक्ता ने कहा कि जेल के अंदर हत्या की साजिश रची जा रही है। जेल में कोई भी घटना घट सकती है। पेशी में जाते वक्त भी खतरा है।
बांदा जेल प्रशासन मुख्तार अंसारी के मामले में अदालत का आदेश नहीं मान रहा। यह कहकर टाल रहा है कि शासन की अनुमति से इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे। ऐसे में जब तक हाईकोर्ट कोई आदेश या स्थगन नहीं देता तब तक निचली अदालत के आदेश का पालन होना चाहिए। यह दलील बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के वकील लियाकत अली ने मीडिया से दी।
वह यहां जेल में बंद अपने मुवक्किल मुख्तार अंसारी से मिलने और वकालतनामे में हस्ताक्षर कराने आए थे। मुख्तार से मिलने के बाद मंगलवार को जेल के बाहर लखनऊ से आए अधिवक्ता लियाकत अली ने पत्रकारों से कहा कि मुख्तार के मामले में बांदा जेल में न्यायालय के किसी आदेश का पालन नहीं हो रहा। जेल अधिकारियों ने सिर्फ इतना लिखा है कि वह शासन की अनुमति से हाईकोर्ट जाएंगे। लेकिन अभी तक नहीं गए न ही कोई स्टे है।
ऐसे में न्यायालय के आदेश का पालन होना चाहिए। मुख्तार के हवाले से अधिवक्ता ने कहा कि जेल के अंदर हत्या की साजिश रची जा रही है। जेल में कोई भी घटना घट सकती है। पेशी में जाते वक्त भी खतरा है। इस सवाल पर कि किससे खतरा है? अधिवक्ता ने कहा कि वर्ष 2001 में गाजीपुर में मुख्तार अंसारी की कार पर एके-47 से हमला हुआ था। नौ लोग गोली लगने से घायल हुए थे। इसकी रिपोर्ट मुख्तार अंसारी ने बृजेश सिंह व त्रिभुवन सिंह आदि पर दर्ज कराई थी। यही सब मुख्तार के जानी दुश्मन हैं।
विस्तार
बांदा जेल प्रशासन मुख्तार अंसारी के मामले में अदालत का आदेश नहीं मान रहा। यह कहकर टाल रहा है कि शासन की अनुमति से इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे। ऐसे में जब तक हाईकोर्ट कोई आदेश या स्थगन नहीं देता तब तक निचली अदालत के आदेश का पालन होना चाहिए। यह दलील बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के वकील लियाकत अली ने मीडिया से दी।
वह यहां जेल में बंद अपने मुवक्किल मुख्तार अंसारी से मिलने और वकालतनामे में हस्ताक्षर कराने आए थे। मुख्तार से मिलने के बाद मंगलवार को जेल के बाहर लखनऊ से आए अधिवक्ता लियाकत अली ने पत्रकारों से कहा कि मुख्तार के मामले में बांदा जेल में न्यायालय के किसी आदेश का पालन नहीं हो रहा। जेल अधिकारियों ने सिर्फ इतना लिखा है कि वह शासन की अनुमति से हाईकोर्ट जाएंगे। लेकिन अभी तक नहीं गए न ही कोई स्टे है।