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नवाबगंज (उन्नाव)। चैलेंज मूल्यांकन में फेल सरस्वती मेडिकल कॉलेज के 100 छात्रों ने कानपुर यूनिवर्सिटी पर जानबूझकर फेल करने का आरोप लगाया है। आक्रोशित छात्रों ने यूनिवर्सिटी में धरना देने का एलान कर दिया। बसों से कानपुर जाते समय गंगा बैराज के पास गंगाघाट पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इससे नाराज छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया। सूचना पर कानपुर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार व कंट्रोलर वहां पहुंचे और छात्रों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन छात्र नहीं माने और पैदल ही चल पड़े।
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से संबद्ध उन्नाव के नवाबगंज स्थित सरस्वती मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने चैलेंज मूल्यांकन के लिए परीक्षा दी थी। इसके घोषित परिणाम में 107 में सिर्फ सात छात्र ही पास हुए। जानकारी पर छात्रों ने गड़बड़ी का आरोप लगाया। सोमवार सुबह करीब 250 छात्र चार बसों से यूनिवर्सिटी जाने के लिए निकले। जैसे ही बसें गंगा बैराज पहुंचीं, गंगाघाट पुलिस ने उन्हें रोक लिया। छात्रों के हंगामे की सूचना पर यूनिवर्सिटी से रजिस्ट्रार अनिल कुमार यादव और कंट्रोलर अंजनी कुमार मिश्र मौके पर पहुंचे। लेकिन छात्र नहीं माने। छात्रों का आरोप है कि उत्तर पुस्तिकाएं दो शिक्षकों के पैनल से चेक होनी थीं।
लेकिन एक शिक्षक ने चेक की। जबकि पुनरीक्षण के लिए प्रत्येक छात्र ने विषयवार तीन हजार रुपये जमा किए थे। उत्तर पुस्तिकाएं पहले चेक हुईं तो बहु विकल्पी प्रश्न में दो नंबर दिए गए थे। दोबारा चेकिंग में एक नंबर ही मिला। छात्रों ने चार शिक्षकों के पैनल से उत्तर पुस्तिकाएं चेक कराने की मांग की है। कहा कि दो शिक्षक यूनिवर्सिटी के और दो छात्रों की सहमति पर नियुक्त किए जाएं। सहमति न बनने पर छात्र पैदल ही यूनिवर्सिटी के लिए निकल पड़े।
नवाबगंज (उन्नाव)। चैलेंज मूल्यांकन में फेल सरस्वती मेडिकल कॉलेज के 100 छात्रों ने कानपुर यूनिवर्सिटी पर जानबूझकर फेल करने का आरोप लगाया है। आक्रोशित छात्रों ने यूनिवर्सिटी में धरना देने का एलान कर दिया। बसों से कानपुर जाते समय गंगा बैराज के पास गंगाघाट पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इससे नाराज छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया। सूचना पर कानपुर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार व कंट्रोलर वहां पहुंचे और छात्रों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन छात्र नहीं माने और पैदल ही चल पड़े।
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से संबद्ध उन्नाव के नवाबगंज स्थित सरस्वती मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने चैलेंज मूल्यांकन के लिए परीक्षा दी थी। इसके घोषित परिणाम में 107 में सिर्फ सात छात्र ही पास हुए। जानकारी पर छात्रों ने गड़बड़ी का आरोप लगाया। सोमवार सुबह करीब 250 छात्र चार बसों से यूनिवर्सिटी जाने के लिए निकले। जैसे ही बसें गंगा बैराज पहुंचीं, गंगाघाट पुलिस ने उन्हें रोक लिया। छात्रों के हंगामे की सूचना पर यूनिवर्सिटी से रजिस्ट्रार अनिल कुमार यादव और कंट्रोलर अंजनी कुमार मिश्र मौके पर पहुंचे। लेकिन छात्र नहीं माने। छात्रों का आरोप है कि उत्तर पुस्तिकाएं दो शिक्षकों के पैनल से चेक होनी थीं।
लेकिन एक शिक्षक ने चेक की। जबकि पुनरीक्षण के लिए प्रत्येक छात्र ने विषयवार तीन हजार रुपये जमा किए थे। उत्तर पुस्तिकाएं पहले चेक हुईं तो बहु विकल्पी प्रश्न में दो नंबर दिए गए थे। दोबारा चेकिंग में एक नंबर ही मिला। छात्रों ने चार शिक्षकों के पैनल से उत्तर पुस्तिकाएं चेक कराने की मांग की है। कहा कि दो शिक्षक यूनिवर्सिटी के और दो छात्रों की सहमति पर नियुक्त किए जाएं। सहमति न बनने पर छात्र पैदल ही यूनिवर्सिटी के लिए निकल पड़े।
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