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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Sat, 19 Feb 2022 09:50 PM IST
सार
याची ने हाईकोर्ट ने गोला तहसील के एसडीएम की ओर से दिए गए नोटिस को चुनौती दी थी। याची का तर्क था कि एसडीएम ने प्रिटेंड प्रोफार्मा में उनको नोटिस भेजा है, जो कि कानूनन गलत है।
हाईकोर्ट ने गोरखपुर के मोहम्मद अयूब को राहत दे दी है। हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ एसडीएम द्वारा भेजे गए नोटिस को रद्द कर दिया। कोर्ट ने इसे कानूनन गलत बताया। यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित गुप्ता ने मोहम्मद अयूब की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
मामले में याची ने हाईकोर्ट ने गोला तहसील के एसडीएम की ओर से दिए गए नोटिस को चुनौती दी थी। याची का तर्क था कि एसडीएम ने प्रिटेंड प्रोफार्मा में उनको नोटिस भेजा है, जो कि कानूनन गलत है। याची के खिलाफ गोला तहसील में शांति के उल्लंघन में धारा 107/116 में एसडीएम के समक्ष मामला लंबित है।
एसडीएम ने इसी मामले में मोहम्मद अयूब के खिलाफ 18 जनवरी 2021 को नोटिस जारी किया है। याची ने उसी नोटिस को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याची के अधिवक्ता का तर्क था कि याची के खिलाफ पारित आदेश गलत है। उसे रद्द किया जाए। जबकि, सरकारी अधिवक्ता ने इसे सही बताया। कहा कि उनके खिलाफ सूचनाओं में मिले तथ्य सही हैं। इसलिए नोटिस को रद्द नहीं किया गया है।
कोर्ट ने एसडीएम द्वारा भेजे गए नोटिस को गलत मानते हुए रद्द कर दिया। हालांकि, कोर्ट ने एसडीएम को फिर से नोटिस जारी करने पर कोई पाबंदी नहीं लगाई है। कोर्ट ने कहा कि एसडीएम कानून के मुताबिक नोटिस जारी करने केलिए स्वतंत्र हैं।
विस्तार
हाईकोर्ट ने गोरखपुर के मोहम्मद अयूब को राहत दे दी है। हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ एसडीएम द्वारा भेजे गए नोटिस को रद्द कर दिया। कोर्ट ने इसे कानूनन गलत बताया। यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित गुप्ता ने मोहम्मद अयूब की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
मामले में याची ने हाईकोर्ट ने गोला तहसील के एसडीएम की ओर से दिए गए नोटिस को चुनौती दी थी। याची का तर्क था कि एसडीएम ने प्रिटेंड प्रोफार्मा में उनको नोटिस भेजा है, जो कि कानूनन गलत है। याची के खिलाफ गोला तहसील में शांति के उल्लंघन में धारा 107/116 में एसडीएम के समक्ष मामला लंबित है।
एसडीएम ने इसी मामले में मोहम्मद अयूब के खिलाफ 18 जनवरी 2021 को नोटिस जारी किया है। याची ने उसी नोटिस को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याची के अधिवक्ता का तर्क था कि याची के खिलाफ पारित आदेश गलत है। उसे रद्द किया जाए। जबकि, सरकारी अधिवक्ता ने इसे सही बताया। कहा कि उनके खिलाफ सूचनाओं में मिले तथ्य सही हैं। इसलिए नोटिस को रद्द नहीं किया गया है।
कोर्ट ने एसडीएम द्वारा भेजे गए नोटिस को गलत मानते हुए रद्द कर दिया। हालांकि, कोर्ट ने एसडीएम को फिर से नोटिस जारी करने पर कोई पाबंदी नहीं लगाई है। कोर्ट ने कहा कि एसडीएम कानून के मुताबिक नोटिस जारी करने केलिए स्वतंत्र हैं।
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