मौत के खेल का खुलासा: चंद रुपयों के लिए खुद को गोली लगवाई, निशाना चूका तो जान से धोना पड़ा हाथ

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कासगंज के थाना सिढ़पुरा क्षेत्र में गांव ढूंढरा निवासी सुरेंद्र की हत्या का चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पांच सितंबर की रात गोली मारकर हुई हत्या की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। हत्या के मामले में चश्मदीद गवाह बने आरोपियों ने ही गांव के अपने दुश्मन हंसराज और उसके पुत्र को फंसाने के उद्देश्य से सुरेंद्र को गोली मारने की योजना बनाई थी। रुपये के लालच में सुरेंद्र खुद को गोली लगवाने को राजी हो गया। उसे घायल करने के उद्देश्य से गोली मारी गई, लेकिन गोली मारते समय निशाना ऐसा चूका कि सुरेंद्र की मौत का कारण बन गया। पुलिस ने गोली मारने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार कर शनिवार को यह खुलासा किया। साजिश रचने वाला गांव का प्रधान अशोक अभी फरार है। पुलिस उसकी तलाश में दबिश दे रही है।   

एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति ने बताया कि पांच सितंबर की रात ग्रामीण सुरेंद्र (45) निवासी ढूंढरा की गोली लगने से मौत हुई थी। घटना उस वक्त हुई, जब वह खेत से लौट रहा था। मृतक सुरेंद्र के पुत्र भूपेंद्र ने हत्या की धाराओं में मामला हंसराज और उसके पुत्र भूपेंद्र व दो अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज कराया। गांव का भूपेंद्र पुत्र अमर सिंह घटना का चश्मदीद बना।  

एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति ने बताया कि इस हत्याकांड का खुलासा करने के लिए सीओ पटियाली आरके तिवारी के नेतृत्व में पुलिस की तीन टीमों का गठन किया गया, लेकिन नामजद आरोपियों के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिल पा रहा था। पुलिस ने गहनता से जांच पड़ताल की तो हकीकत सामने आई। 

 

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एसपी ने बताया कि गांव के प्रधान अशोक उर्फ बंटू ने गांव के ही हंसराज और उसके पुत्र को फंसाने की साजिश रची थी। हंसराज और उसके पुत्र ने ग्राम समाज की जगह पर मोबाइल टावर लगाने का विरोध किया था। इसी मामले में साजिशकर्ताओं से रंजिश निकालने के लिए हंसराज ने अपने बाजू में खुद को गोली मारकर फर्जी केस दर्ज कराया था। जिसे पुलिस ने विवेचना में खत्म कर दिया, लेकिन दोनों पक्षों में रंजिश बनी रही। 

इसी रंजिश में साजिशकर्ता ग्राम प्रधान अशोक उर्फ बंटू ने ग्रामीण सुरेंद्र से फर्जी केस बनवाने के लिए खुद को गोली लगवाने के लिए राजी किया। इसके लिए उसे रुपयों का लालच भी दिया। इस पर सुरेंद्र भी खुद को गोली मरवाने को राजी हो गया। 

वारदात के दिन पहले सभी ने शराब पी और योजना के मुताबिक टावर के पास अशोक के नौकर भूपेंद्र ने सुरेंद्र को गोली मार दी। गोली पेट में मारनी थी, लेकिन सीने में लगी। जिससे सुरेंद्र की मौत हो गई। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त तमंचा भी भूपेंद्र की निशानदेही पर बरामद कर लिया है। इस मामले में दूसरा साजिशकर्ता अशोक अभी फरार है। 

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