यहां कैद में रहा ताजमहल बनवाने वाला शहंशाह: 115 साल बाद हुआ उस मुसम्मन बुर्ज का संरक्षण, जानें इतिहास

0
30

[ad_1]

मुगल शहंशाह शाहजहां आगरा किले के जिस मुसम्मन बुर्ज में आठ साल तक कैद रहकर ताजमहल की झलक देखा करते थे, उस बुर्ज का संरक्षण 115 साल के बाद किया गया। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने बीते सप्ताह बुर्ज के संरक्षण का काम पूरा कर लिया। संरक्षण के दौरान बुर्ज की दोहरी छत मिली, जिसमें एक संगमरमर की बनी हुई थी, जबकि उसके एक मीटर ऊपर मेड इन इंग्लैंड गर्डर के ऊपर लाल पत्थर की मोटी छत और थी, जो मजबूती देने के लिए ब्रिटिश काल में 1907 में बनाई गई थी। एएसआई ने मेड इन इंग्लैंड गर्डर के गल जाने पर नए गर्डर लगाए हैं और गले हुए पत्थरों की जगह नए पत्थरों को लगा दिया है। बुर्ज के ऊपर पिनेकल भी लगवाया गया है।

अष्ठकोणीय छत पर लगे थे 21 गर्डर

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के इंजीनियर अमरनाथ गुप्ता के निर्देशन में मुसम्मन बुर्ज की छत का संरक्षण किया गया। मूल छत के एक मीटर ऊपर अष्टकोणीय छत पर 21 गर्डर पर आधारित लाल पत्थर की छत निकली, इसके गर्डर 9.5 फुट लंबे थे। मुगल काल में गर्डर का इस्तेमाल नहीं हुआ, ऐसे में यह गर्डर ब्रिटिशकाल में लार्ड कर्जन के समय में हुई मुसम्मन बुर्ज की मरम्मत के समय के माने जा रहे हैं। 

फरवरी में शुरू हुआ संरक्षण का कार्य पिछले सप्ताह समाप्त हो गया। पानी के रिसाव के कारण एएसआई ने छत की मरम्मत का काम शुरू कराया था, लेकिन दोहरी छत की जानकारी पहली बार मिली। गर्डर में जंग लगने के कारण बुर्ज की दीवारों पर दरार आने लगी थी। एएसआई ने नए गर्डर लगाकर उन पर तारीख लिख दी है।

यह भी पढ़ें -  उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बाराबंकी मे पीएमजीएसवाई के अन्तर्गत निर्मित सम्पर्क मार्ग का किया निरीक्षण

तीन महीने चला काम

अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. राजकुमार पटेल ने बताया कि मुसम्मन बुर्ज के संरक्षण का काम हमने पूरा कर लिया है। तीन माह तक यहां काम चला है, जिसमें दोहरी छत निकली। मूल छत के एक मीटर ऊपर ब्रिटिश काल में बनी छत पाई गई, जिसके गर्डर बदलने का काम किया गया है। 

आठ साल तक मुसम्मन बुर्ज में कैद रहे शाहजहां

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा मुसम्मन बुर्ज के बोर्ड पर लिखे इतिहास के मुताबिक मुगल शहंशाह शाहजहां को उसके बेटे औरंगजेब ने वर्ष 1658 में बंदी बनाकर यहीं रखा था। वर्ष 1666 में मृत्यु होने तक शाहजहां यहीं कैद रहा। इसी बुर्ज से वह ताजमहल को निहारते और बुर्ज के नीचे बने वाटरगेट से कभी-कभी नाव के जरिए ताजमहल पहुंचते थे। संगमरमर पर महीन पच्चीकारी की मिसाल यह बुर्ज खास महल के पास और शीश महल के ठीक सामने है।  

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here