[ad_1]
ख़बर सुनें
उन्नाव। यू्क्रेन से लौटे अनिमेष ने खारकीव की तबाही का मंजर बयान किया। उन्होंने बताया कि हालात इतने खराब थे कि जान बचाने के लिए 25 किमी पैदल चलना पड़ा। किसी तरह पोलैंड पहुंचने के बाद वतन वापसी हो सकी।
शहर के मोती नगर निवासी कीर्तिप्रकाश मिश्रा के बेटे अनिमेष यूक्रेन से वापस आने के बाद रविवार को घर पहुंचे। अनिमेष यूक्रेन के युद्ध प्रभावित क्षेत्र खारकीव में फंसे थे। वह खारकीव मेडिकल कालेज में तृतीय वर्ष के छात्र हैं। उन्होंने बताया कि 27 फरवरी को रूस के मिसाइल हमले और एयर स्ट्राइक के बाद खारकीव शहर हिल गया। हर जगह तबाही का मंजर दिखा। फ्लैट से उन्हें पैदल भागना पड़ा। कोई साधन नहीं मिला तो 25 किमी पैदल चलकर भारतीय दूतावास से किसी तरह संपर्क किया।
बस की व्यवस्था कराई गई। जिसके बाद उन्हें कीव शहर लाया गया। वहां पर रहने की व्यवस्था की गई। तीन मार्च को बस से पोलैंड सीमा पर पहुंचे, जिसके बाद भारत आने की व्यवस्था हुई। सात मार्च को 44 छात्रों के साथ भारत रवाना किया गया। सात मार्च की शाम को अनिमेष हिंडन एअरपोर्ट पर उतरे जहां से वह विवेक विहार दिल्ली पहुंचे। इसके बाद रविवार को वह पैतृक घर मोतीनगर आए। घर पर दादा, उन्नाव क्रिकेट एसोसिएशन के महामंत्री पीके मिश्रा ने जब अनिमेष को देखा तो उनकी आंखें भर आईं।
उन्नाव। यू्क्रेन से लौटे अनिमेष ने खारकीव की तबाही का मंजर बयान किया। उन्होंने बताया कि हालात इतने खराब थे कि जान बचाने के लिए 25 किमी पैदल चलना पड़ा। किसी तरह पोलैंड पहुंचने के बाद वतन वापसी हो सकी।
शहर के मोती नगर निवासी कीर्तिप्रकाश मिश्रा के बेटे अनिमेष यूक्रेन से वापस आने के बाद रविवार को घर पहुंचे। अनिमेष यूक्रेन के युद्ध प्रभावित क्षेत्र खारकीव में फंसे थे। वह खारकीव मेडिकल कालेज में तृतीय वर्ष के छात्र हैं। उन्होंने बताया कि 27 फरवरी को रूस के मिसाइल हमले और एयर स्ट्राइक के बाद खारकीव शहर हिल गया। हर जगह तबाही का मंजर दिखा। फ्लैट से उन्हें पैदल भागना पड़ा। कोई साधन नहीं मिला तो 25 किमी पैदल चलकर भारतीय दूतावास से किसी तरह संपर्क किया।
बस की व्यवस्था कराई गई। जिसके बाद उन्हें कीव शहर लाया गया। वहां पर रहने की व्यवस्था की गई। तीन मार्च को बस से पोलैंड सीमा पर पहुंचे, जिसके बाद भारत आने की व्यवस्था हुई। सात मार्च को 44 छात्रों के साथ भारत रवाना किया गया। सात मार्च की शाम को अनिमेष हिंडन एअरपोर्ट पर उतरे जहां से वह विवेक विहार दिल्ली पहुंचे। इसके बाद रविवार को वह पैतृक घर मोतीनगर आए। घर पर दादा, उन्नाव क्रिकेट एसोसिएशन के महामंत्री पीके मिश्रा ने जब अनिमेष को देखा तो उनकी आंखें भर आईं।
[ad_2]
Source link